akbar tomb in agra

अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा-Akbar Mughal Emperor's Tomb(Agra)

अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा-Akbar Mughal Emperor's Tomb

अकबर- जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर (उर्दू) جلال الدین محمد اکبر (१५ अक्तूबर, १५४२-२७ अक्तूबर, १६०५) तैमूरी वंशावली के मुगल वंश का तीसरा शासक था। अकबर एक महान मुग़ल बादशाह था, वैसे तो अकबर ने अपने समय में बहुत से महान काम किये है, और उन्हीं कामों की वजह से हर धर्म के लोगों ने अकबर को बहुत प्रेम भी दिया। अकबर हर धर्म के लोगो का और उनके धर्म का बहुत आदर करता था। इसी वजह से अकबर के किले में बड़े पदों पर हर धर्म के लोग थे। जो अकबर के मुख्य सलाकार भी थे। अकबर ने अपने शासन काल के समय में बहुत से महान काम किये। जैसे, अकबर ने हिन्दुओं पर लगे जज़िया कर को १५६२ में अकबर ने हटा दिया। किंतु १५७५ में मुस्लिम नेताओं के विरोध के कारण वापस लगाना पड़ा। हालांकि उसने बाद में इसे नीतिपूर्वक वापस हटा लिया। जज़िया गरीब हिन्दुओं को गरीबी से विवश करने के लिए और इस्लाम की शरण लेने के लिए लगाया जाता था। यह जज़िया मुस्लिम लोगों पर नहीं लगाया जाता था। इस कर के कारण बहुत सी गरीब हिन्दू जनसंख्या पर बोझ पड़ता था, जिससे विवश होकर वे इस्लाम कबूल कर लिया करते थे।

Akbar- Jalaluddin Mohammad Akbar (Urdu) جلال الدین محمد اکبر (15 October, 1542-27 October, 1605) was the third ruler of the Mughal dynasty of Timuri genealogy. Akbar was a great Mughal emperor. By the way, Akbar has done many great things in his time, and because of those deeds, people of every religion gave Akbar a lot of love. Akbar used to respect every religion's religion and his religion very much. For this reason, Akbar's fort was the people of every religion in the big positions. Who was also the chief salarator of Akbar. Akbar did many great works during his reign. As such, Akbar removed Jazia tax on Hindus in 1562 by Akbar. But in 1575 the Muslim leaders had to be reinstated due to opposition Although he later withdrew it politically. Jazia was used to impoverish the poorer Hindus and to seek refuge from Islam. This Jazia was not used on Muslim people. Due to this tax, many poor Hindus were burdened with the burden, due to which they used to accept Islam.

अकबर एक मुसलमान था, पर दूसरे धर्म एवं संप्रदायों के लिए भी उसके मन में बहुत आदर था। जैसे-जैसे अकबर की आयु बढ़ती गई। वैसे-वैसे उसकी धर्म के प्रति रुचि बढ़ने लगी। उसे विशेषकर हिंदू धर्म के प्रति अपने लगाव के लिए जाना जाता हैं। उसने अपने पूर्वजो से विपरीत कई हिंदू राजकुमारियों से शादी की। इसके अलावा अकबर ने अपने राज्य में हिन्दुओ को विभिन्न राजसी पदों पर भी आसीन किया। जो कि किसी भी भूतपूर्व मुस्लिम शासक ने नही किया था। वह यह जान गया था कि भारत में लम्बे समय तक राज करने के लिए, उसे यहाँ के मूल निवासियों को उचित एवं बराबरी का स्थान देना होगा।

Akbar was a Muslim but he also had great respect for other religions and sects. As the age of Akbar grew. His interest in religion grew, however. He is especially known for his attachment to Hindu religion. He married many Hindu princesses, unlike his ancestors. Apart from this, Akbar has also taken Hindus in various state positions in his state. That was not done by any former Muslim ruler. He knew that in order to rule in India for a long time, he must give the place of proper and equal status to the native residents here.

अकबर की इसी बात से, अकबर एक महान मुग़ल बादशाह बना। पुरे मुग़ल बादशाहों में से अकबर ही एक ऐसा बादशाह था। जिसने हर जाति के लोगो से एक जैसा प्यार पाया। मुग़ल बादशाहों के द्वारा बनाए गए। सुन्दर किले, मीनारे, मकबरे भारत में मुस्लिम कला एक बहुत ही महत्वपुर्ण जगह रखती है।

From Akbar's point of view, Akbar became a great Mughal emperor. Akbar was the only king of the Mughal emperors. Who found the same love of every race. Created by the Mughal emperors The beautiful fort, the tower, the tomb, Muslim art in India holds a very important place.


अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा-अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा एक महत्वपूर्ण मुग़ल स्थापत्य कृति का मक़बरा है। यह 1604-1613 में बनाया गया था और यह आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत के एक उप-क्षेत्र सिकंदरा में 119 एकड़ जमीन में स्थित है।

Akbar Mughal Emperor's Tomb-The mausoleum of the Akbar Mughal emperor is the tomb of an important Mughal architectural masterpiece. It was built in 1604-1613 and it is located in 119 acres of land in Sikandra, a sub-region of Agra, Uttar Pradesh, India.


अकबर के इस मकबरे का दक्षिणी द्वार सबसे बड़ा द्वार है। जिसमें चार सफ़ेद संगमरमर छतरी वाले शीर्ष मीनार हैं। जो ताजमहल के समान (और पूर्व-तिथि) हैं, और कब्र में प्रवेश का सामान्य बिंदु है। यह मकबरा स्वयं एक चारदीवारी से घिरा हुआ है। जो कि 105 मीटर वर्ग का है। मकबरे की इमारत एक चार-स्तरीय पिरामिड है, जिसमें एक संगमरमर का मंडप है, जिसमें झूठी कब्र है। अन्य मकबरों की तरह असली मकबरा, तहखाने में है। इमारतों का निर्माण मुख्य रूप से गहरे लाल बलुआ पत्थर से किया गया है। जो सफेद संगमरमर में सुविधाओं से समृद्ध है।

The southern entrance to Akbar's tomb is the largest gate. Which has four white marble umbrellas top tower. Which are similar to the Taj Mahal (and pre-date), and the common point of entry into the grave. This tombs itself is surrounded by a wall. Which is 105 meters square. The tomb building is a four-level pyramid, in which there is a marble pavilion, in which there is a false mausoleum . Like other tombs, the real mausoleum is in the basement. The buildings have been constructed primarily from deep red sandstone. Which is rich in features in white marble.

अकबर जितना ही महान था। उसकी कब्र उतनी ही साधारण है। अकबर की कब्र सफ़ेद संगमरमर से बनी है। लेकिन उसकी कब्र पर किसी भी तरह की कोई कला नहीं की गई है। अकबर का यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना हुआ है। अकबर के इस मकबरे पर हिन्दू और मुस्लिम कला की बेहतरीन कला को देखा जा सकता है।

As much as Akbar was great. His grave is equally simple. Akbar's grave is made of white marble. But no art of any kind has been done on his grave. This tomb of Akbar is made of red sandstone and white marble. The great art of Hindu and Muslim art can be seen on this mausoleum of Akbar.

अकबर के मकबरे का निर्माण उनके बेटे राजकुमार सलीम (जहाँगीर) ने करवाया था। अकबर ने अपने मकबरे की योजना बनाई और इसके लिए एक उपयुक्त स्थल का चयन किया। उनकी मृत्यु के बाद, अकबर के बेटे जहाँगीर ने 1604 -1613 में निर्माण पूरा किया। लेकिन इस्लामिक शासक औरंगजेब के शासन के समय में। विद्रोही जाट राजा राम जाट के नेतृत्व में उसके खिलाफ उठे, उन्होंने मुगल सेना को हराने के बाद आगरा के किले पर अधिकार कर लिया। जिसके कारण मुगल प्रतिष्ठा को एक और झटका लगा। जब जाटों ने अकबर की जटिल कब्र को तोड़ दिया। अन्य सभी चीजों को नष्ट करते हुए, सभी सुंदर सोने, जवाहरात, चांदी और कालीनों को लूट लिया। यहां तक कि उसने अपने पिता गोकुला की मौत का बदला लेने के लिए अकबर के मकबरे को लूटा, उसे लूटा, अकबर की कब्र खोली और हड्डियों को बाहर निकाला। इस वारदात से औरंगजेब इतना क्रुद्ध था कि उसने राजा राम को पकड़ लिया और उसे निर्दयता से मार डाला।

Akbar's tomb was built by his son Prince Saleem (Jahangir). Akbar planned his tomb and selected a suitable site for it. After his death, Akbar's son Jahangir completed the construction in 1604-1613. But in the time of the rule of the Islamic ruler Aurangzeb. The rebellious Jats got up against him under the leadership of King Ram Jat, after defeating the Mughal army, they took control of Agra's fort. This led to another shock to Mughal reputation. When the Jats broke Akbar's grave grave. Destroying all other things, looted all the beautiful gold, gems, silver and carpets. He even robbed Akbar's tomb for avenge his father Gokula's death, looted him, opened Akbar's grave and pulled out the bones. Aurangzeb was so angry with this incident that he caught Raja Ram and killed him cruelly.

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Agra Red fort

लाल-किला- Agra-red-fort-world-highest-site

लाल-किला- Agra-red-fort-world-highest-site

लाल किला-लाल किला में वैसे तो बहुत से राजाओं ने राज किया है। इसलिए इस किले में बहुत से बदलाव होते रहे है। इस किले पर १०८० ई० में महमूद गजनवी की सेना ने इस किले पर हमला किया और इस किले पर कब्ज़ा कर लिया। किले पर हमला करने से किला बहुत जगह से टूट गया था।

In the Red Fort-Red Fort, many kings have ruled. Therefore, many changes have been going on in this fort. On this fort, the army of Mahmud Gaznavi attacked the fort in 1080 AD and captured this fort. The fort was broken from many places by attacking the fort.

जब सिकंदर लोदी (1487-1517) दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान बना, और जब सिकंदर लोदी आगरा गया तब उसने इस किले देखा और इस किले की महत्व को समझा, और फिर सिकंदर लोदी ने इस किले की मरम्म्त १५०४ ई० में करवाई, किले की मरम्म्त करवाने के बाद सिकंदर लोदी इस किले में रहने लगा

When Sikandar Lodhi (1487-1517) became the first sultan of Delhi Sultanate, and when Sikandar Lodi went to Agra, he saw this fort and understood the significance of this fort, and then Sikandar Lodi did the repair of this fort in 1504 AD, Sikandar Lodi stayed in this fort after the repair.

सिकंदर-लोदी- Sikandar-Lodhi (1487-1517)

फिर कुछ सालों बाद सिकंदर लोदी ने इसे १५०६ ई० में अपनी राजधानी बना लिया। राजधानी बनाने बाद सिकंदर लोदी यहीं से देश पर शासन करने लगा। एक लम्बे समय तक शासन करने के बाद। इसी किले में १५१७ ई० सिकंदर लोदी की मौत हो गई।

After some years Sikandar Lodi made it his capital in 1506 AD. After making the capital, Sikandar Lodi started ruling the country from here. After ruling for a long time. In this fort, 1517 AD Sikander Lodi died.

सिकंदर लोदी की मौत के बाद उसके बेटे इब्राहिम लोदी ने गद्दी संभाली नौ वर्षों तक इब्राहिम लोदी संभाली, तब तक, जब वो पानीपत के प्रथम युद्ध (1526) में मारा नहीं गया। उसने अपने काल में यहां कई बदलाव करवाए कई स्थान, मस्जिदें व कुएं बनवाये।

After the death of Sikandar Lodi, his son Ibrahim Lodi assumed the throne for nine years and took over Ibrahim Ludi, until he was not killed in Panipat's first war (1526). He made many changes in his time, made many places, mosques and wells.

पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद। शुरुआत हुई मुगलों की, मुगलों ने इस किले पर भी कब्ज़ा कर लिया। और साथ ही इसकी अगाध सम्पत्ति पर भी। इस सम्पत्ति में एक हीरा भी था। जो कि बाद में कोहिनूर हीरा के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

After the first war of Panipat. Beginning of the Mughals, the Mughals also captured this fort. And at the same time, on its unseen property. There was also a diamond in this property. Which later became known as Kohinoor Diamond.

Kohinoor-Diamond-कोहिनूर-हीरा

जब ब्रिटिश भारत में व्यापार करने आए, तो वो अपने साथ कोहिनूर हीरे को भी ले गए। जो दुनिया के सबसे बड़े कट हीरे में से एक है, जिसका वज़न 105.6 कैरेट है, और ब्रिटिश क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है। संभवतः भारत के गोलकोंडा में खनन किया गया है, लेकिन इसके मूल वजन का कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जल्द से जल्द अच्छी तरह से अटेस्टेड वजन 186 कैरेट है।

When British came to trade in India, they took Kohinoor diamond along with them. One of the world's largest cut diamonds weighs 105.6 carats, and is part of the British crown jewels. Probably mined in Golconda of India, but there is no record of its original weight, but the exact weight of the weight is 186 carats as soon as possible.

इब्राहिम लोदी की मौत के बाद। इस किले में इब्राहिम के स्थान पर बाबर आया। बाबर ने भी इस किले में बहुत से बदलाव करवाए। उसने यहां एक बावली बनवायी। फिर कुछ सालों बाद 1530 में यहीं बाबर के बेटे हुमायुं का राजतिलक भी हुआ। हुमायुं इसी वर्ष बिलग्राम में शेरशाह सूरी से हार गया। और साथ ही किले पर उसका कब्ज़ा हो गया। इस किले पर अफगानों का कब्ज़ा पांच वर्षों तक रहा, जिन्हें अन्ततः मुगलों ने 1556 में पानीपत का द्वितीय युद्ध में हरा दिया।

After Ibrahim Lodi's death Babur came to Ibrahim's place in this fort. Babur also made many changes in this fort. He made a bawdy here After a few years, in 1530, the son of Babur's son Humayun was also the ruler. Humayun was defeated by Sher Shah Suri in Bilgram this year. He was captured on the fort as well. Afghans occupied this fort for five years, which ultimately defeated Panipat in the second battle of Mughals in 1556.

इस की केन्द्रीय स्थिति को देखते हुए, अकबर ने इसे अपनी राजधानी बनाना निश्चित किया व सन 1558 में यहां आया। उसके इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा है कि यह किला एक ईंटों का किला था, जिसका नाम बादलगढ़ था। यह तब खस्ता हालत में था व अकबर को इसे दोबारा बनवाना पड़ा, जो कि उसने लाल बलुआ पत्थर से निर्मण करवाया। इसकी नींव बड़े वास्तुकारों ने रखी। इसे अंदर से ईंटों से बनवाया गया, व बाहरी आवरण हेतु लाल बलुआ पत्तह्र लगवाया गया। इसके निर्माण में चौदह लाख चवालीस हजार कारीगर व मजदूरों ने आठ वर्षों तक मेहनत की, तब सन 1573 में यह बन कर तैयार हुआ।

Given the central position of this, Akbar decided to make it his capital and came here in 1558. Its historian Abul Fazl has written that this fort was a brick fort, which was named as cloudgrab. It was then in a bad condition and Akbar had to make it again, which he used to make with red sandstone. Its foundations are laid by big architects. It was made from bricks from inside, and red sandalwood was put on the outer cover. Fourteen thousand forty-four thousand artisans and laborers worked for eight years in this construction, then it was completed in 1573.

अमर सिंह द्वार

आगरा के लाल किले के दो प्रवेश द्वारों में से एक, आगरा का किले की दीवारों की ऊंचाई लगभग ११० फ़ीट है किला चारो तरफ से ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है किले के अंदर जहाँगीर महल है जो बहुत ही खूबसूरत है

Amar Singh gate

one of the two entrances of the Red Fort of Agra. The height of the fort walls of Agra is approximately 110 feet. The fort is surrounded by high walls all around, inside the fort is the Jahangir Palace which is very beautiful.

इस किले को अन्दर से बहुत ही अद्भुत तरीके से बनाया गया है। इस किले की सभी ऊँची ऊँची दीवारों पर बहुत सी सूंदर-सूंदर कलाएं देखने को मिलती है। इसी किले में एक बहुत ही सूंदर मजीद भी है। जिसे मीना मजीद कहते है। मीना मस्जिद या स्वर्गीय मस्जिद को शाहजहाँ ने 1631-40 के बीच आगरा किले में दीवान-ए-ख़ास के बीच बनवाया था। यह छोटी मस्जिद, पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बनी हुई है। जिसे मुगल राजा शाहजहाँ ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए बनाया था।

This fort has been built in a very wonderful way from inside. All the high walls of this fort can be seen in many beautiful and beautiful arts. There is also a very beautiful Majid in this fort. Which is called Meena Majid. Meena Masjid or the heavenly mosque was built between Shah Jahan between 1631-40 in Agra Fort between Diwan-i-Khas. This small mosque is made of fully white marble. Which Mughal King Shah Jahan had made for his personal use.

जहाँगीर-महल – Jahangir-Palace

जहाँगीर-महल–Jahangir-Palace-

आगरा किले में स्थित जहाँगीर महल का निर्माण अकबर ने अपने बेटे जहाँगीर के लिए कराया था। जहाँगीर का यह महल लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है, आगरा किले में यह सबसे बड़ा आवासीय भवन है। इस भवन में हिन्दू और एशियाई वास्तुकला का बहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है

Akbar built the Jahangir Palace at Agra Fort for his son Jahangir. This palace of Jahangir is made of red sandstone, it is the largest residential building in Agra Fort. A beautiful mix of Hindu and Asian architecture is found in this building.

अकबर के पौत्र शाहजहाँ ने इस स्थल को वर्तमान रूप में पहुंचाया। शाहजहाँ ने भी इस किले में बहुत से बदलाव करवाए, शाहजहाँ को इमारतें बनवाने का बहुत शौक था।

Akbar's grandson Shah Jahan delivered this place to the present. Shah jahan Even in this fort, many changes were made, Shah Jahan was very fond of building buildings.

अपने इसी शौक के कारण शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ बेगम की याद में विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल को बना डाला।

Because of his passion, Shah Jahan made Taj Mahal the world's most beautiful building in memory of his beloved wife Mumtaz Begum.

Taj Mahal-ताज महल


दीवान-ए-खास-deevaan-e-khaas

दीवान-ए-खास-deevaan-e-khaas

खूबसूरती से तराशी गई यह इमारत सफ़ेद संगममर के पत्थर से बनी हुई एक बहुत ही सूंदर इमारत है। यह इमारत दीवान-ए-खास के पास स्थित है। यही वह जगह है जहां औरंगजेब की कैद में शाहजहां ने अपनी जिंदगी के आखिरी सात साल बिताए। माना जाता है कि यहां से ताज महल का सबसे सुंदर नजारा दिखाई पड़ता है। यह भी कहा जाता है कि शाहजहाँ की मृत्यु किले के मुसम्मन बुर्ज में अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ की याद में बने हुए ताजमहल को देखते हुए हुई थी। इस बुर्ज के संगमर्मर के झरोखों से ताजमहल का बहुत ही सुंदर दृश्य दिखता है। जो अधिक प्रदूषण के कारण अब अधिक स्पष्ट दिखाई नहीं देता।

Beautifully decorated, this building is a very beautiful building made of white marble stones. This building is situated near Dewan-e-Khas. This is where Shah Jahan spent the last seven years of his life in the imprisonment of Aurangzeb. It is believed that the most beautiful view of Taj Mahal is seen here. It is also said that the death of Shah Jahan was witnessed in the Tajamahal of Mussamman Burj in the memory of his beloved wife Mumtaz. This tower has a beautiful view of the Taj Mahal with the windows of the marble floor. Which is no longer visible due to more pollution.

दीवान-ए-आम-deevaan-e-aam

दीवान-ए-आम-Deevaan-e-Aam-

इस ढ़ांचें का निर्माण मूल रूप से लकड़ी से किया गया था। लेकिन बाद में शाहजहां ने उसे वर्तमान रूप प्रदान किया। इस पर शाहजहां शैली के प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जो संगमरमर पर की गई फूलों की नक्काशी से पता चलती है। इस कमरे में राजा आम जनता की फरियाद सुनते थे। और अधिकारियों से मिलते थे। दीवान-ए-आम से एक रास्ता नगीना मस्जिद और महिला बाजार की ओर जाता है। जहां केवल महिलाएं ही मुगल औरतों को सामान बेच सकती थीं।

These structures were originally constructed from wood. But Shahjahan later gave him the present form. The influence of Shah Jahan style can be clearly seen on this. The carving on the marble is known by carving. In this room the king used to listen to the complaints of the general public. And met with the officials. One way from Diwan-i-Mama leads to Nagina mosque and women's market. Where only women could sell goods to the Mughal women

यह किला १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय युद्ध स्थली भि बना। जिसके बाद भारत से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का राज्य समाप्त हुआ, व एक लगभग शताब्दी तक ब्रिटेन का सीधे शासन चला। जिसके बाद सीधे स्वतंत्रता ही मिली।

This fort became a battleground during the first Indian independence war of 1857. After which the British East India Company's rule ended with India, and there was a direct rule of Britain for nearly a century. After that there was freedom only.

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Itmad-ud-Daulah tomb Agra

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एतमादुद्दौला-का-मकबरा-The-tomb-of-Atmaduddaula

वैसे तो मुगल काल के समय मुगलो ने बहुत से किले और मकबरे बनवाये। लेकिन मुग़ल काल में बने सभी किले और मकबरो को मुग़ल बादशाहो ने नहीं बनवाये।.कुछ उसकी रानियों ने भी बनवाये है।
जिसमे से एक है। एतमादुद्दौला का मकबरा। मुग़ल शासन काल में बने सभी मकबरो में से सबसे छोटा और सबसे सुन्दर मकबरा एतमादुद्दौला का मकबरा है। यह मकबरा सम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता की स्मृति में आगरा में बनवाया था। नूरजहां मुगल सम्राट जहाँगीर की पत्नी थी। नूरजहां- के पिता घियास-उद-दीन बेग़, जो जहांगीर के दरबार में मंत्री भी थे, उनकी याद में बनवाया गया था। मुगल काल के अन्य मकबरों से अपेक्षाकृत छोटा होने से, इसे कई बार श्रंगारदान भी कहा जाता है। यहाँ के बाग, पीट्रा ड्यूरा पच्चीकारी, व कई घटक ताजमहल से मेल खाते हैं।

However, during the Mughal era the Mughals constructed many forts and tombs. But Mughal emperors do not make all the fortifications and Muqrobas built in the Mughal period. Some of their queens have also been made. One of which is. Tomb of Atmadudaula. The smallest and most beautiful mausoleum of all the tombs built during the Mughal regime is the tomb of Atmadudoula. This mausoleum was built by the emperor Nur Jahan in Agra in memory of his father. Nur Jahan was the wife of Mughal emperor Jahangir. Gharas-ud-Din Beg, father of Nur Jahan- who was also a minister in Jahangir's court, was built in his memory. Being relatively small from the other tombs of the Mughal period, it is sometimes called Shringaradan. Here the garden, Petra Dura mosaic, and many components match the Taj Mahal.

यमुना नदी के किनारे स्थित इस मकबरे का निर्माण 1625 ईसवी में किया गया था। बेबी ताज के नाम से मशहूर इस मकबरे की कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें बाद में ताजमहल बनाते समय अपनाया गया था। लोगों का कहना है कि इस मकबरे की कई जगह की नक्काशी ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत लगती है। इस मकबरे एक अन्य आकर्षण मध्य एशियाई शैली में बना इसका गुंबद है। यहां के बगीचे और रास्ते इसकी सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं।

This tomb was built in the year 1625 AD, situated on the bank of river Yamuna. There are many things in this tomb known as the Baby Taj, which were later adopted while making the Taj Mahal. People say that carving of many places in this tomb seems more beautiful than the Taj Mahal. This tomb is another attraction in Central Asian style, its dome. The gardens and pathways here add to its beauty.


यह मकबरा भारत में बना पहला मकबरा है, जो पूरी तरह सफेद संगमरमर से बनाया गया था। इसकी दीवारों पर पेड़ पौधों, जानवरों और पक्षियों के चित्र उकेरे गए हैं। कहीं कहीं आदमियों के चित्रों को भी देखा जा सकता है, जो एक अनोखी चीज है, क्योंकि इस्लाम में मनुष्य का सजावट की चीज के रूप में इस्तेमाल करने की मनाही है। अपनी खूबसूरती के कारण यह मकबरा आभूषण बक्से के रूप में जाना जाता है।

This mausoleum is the first tomb built in India, which was made entirely of white marble. The pictures of trees, animals and birds have been carved on its walls. Somewhere, pictures of men can be seen, which is a unique thing, because Islam is forbidden to use humans as a thing of decoration. Due to its beauty this Tomb is known as Jewelery Box.


यमुना नदी के पूर्वी तट पर स्थित मकबरे को एक बड़े क्रूसिफ़ॉर्म गार्डन क्रिस्स में स्थापित किया गया है, जो पानी के पाठ्यक्रम और पैदल मार्ग द्वारा पार किया जाता है। मकबरा अपने आप में लगभग तेईस मीटर वर्ग को शामिल करता है, और यह लगभग पचास मीटर वर्ग और लगभग एक मीटर ऊँचा होता है। प्रत्येक कोने पर लगभग तेरह मीटर लंबा षट्कोणीय मीनारें हैं।

The tomb located on the east bank of Yamuna River has been established in a large crucifief garden garden, which is crossed by water courses and pedestrian path. The tomb covers about twenty-three meters in its own right, and it is about fifty meters square and about one meter high. Each corner has about 13 meters long hexagonal towers.

दीवारों को राजस्थान से सफेद संगमरमर से बनाया गया है, जो अर्ध-कीमती पत्थर की सजावट से सजा है - कॉर्नेलियन, जैस्पर, लैपिस लाजुली, गोमेद, और पुखराज, जो सरू के पेड़ और शराब की बोतलों की छवियों में निर्मित है, या कटे हुए फल या फूल जैसे गुलदस्ते जैसी अधिक विस्तृत सजावट है। । आंतरिक रूप से नक्काशीदार सफेद संगमरमर की नाजुक जली स्क्रीन के माध्यम से प्रकाश इंटीरियर में प्रवेश करता है। आंतरिक सजावट को कई लोगों ने ताजमहल से प्रेरित माना है, जो कि उनके सौतेले बेटे, मुगल शासक शाहजहाँ द्वारा बनाया गया था।

The walls are made of white marble from Rajasthan, which is decorated with semi-precious stone decorations - Cornellian, Jasper, Lapis Lajuli, Onyx, and Topaz, which is made in images of cypress trees and liquor bottles, or cut There is more elaborate decorations such as bouquets like fruit or flowers. . Intrinsically carved white marble enters the light interior through the delicate burn screen. The interior decoration is believed by several people inspired by the Taj Mahal, which was made by his stepfather, Mughal ruler Shah Jahan.


नूरजहाँ के कई रिश्तेदार मकबरे में दखल रखते हैं। पूरे परिसर का एकमात्र विषम तत्व यह है, कि उसके पिता और माँ के सेनेटोफ़्स को अगल-बगल रखा गया है, ताजमहल में प्रतिकृति बनाई गई है।

Many relatives of Noor Jahan interfere in the tomb. The only odd element of the entire complex is that the senenetofs of his father and mother are kept side by side, replica is made in the Taj Mahal.

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प्रेम मंदिर (prem mandir) Vrindavan

प्रेम मंदिर (prem mandir) Vrindavan



Vrindavan 


वैसे तो भारत की प्राचीन संस्कृत और भारत के प्राचीन मंदिरो की कहानी सदियों पुरानी है। भारत के सभी प्राचीन मंदिरो की भारत वासियो के जीवन में एक अहम स्थान रखते है। भारत के सभी मंदिरो में से आज हम जिस मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे है। वो मंदिर है प्रेम मंदिर (prem mandir)

By the way, the story of ancient Sanskrit of India and ancient temples of India is centuries old. All the ancient temples of India have an important place in the lives of the people of India. Of all the temples in India, the temple we are going to tell you today. That temple is Prem Mandir.

वृंदावन में श्रीकृष्ण का आधुनिक प्रेम मंदिर बना हुआ है। इसका नजारा इतना अद्भुत है कि इसे देखकर कोई भी राधे-राधे कहे बिना नहीं रह सकता। इसकी अलौकिक छटा भक्तों का मन मोह लेती है। इसमें भक्त वैसे ही खींचे चले आते हैं, जैसे कृष्ण अपनी लीलाओं से सबका मन मोह लिया करते थे। यहां की दीवारों पर हर तरफ राधा-कृष्ण की रासलीला वर्णित है। प्रेम मंदिर में श्रीकृष्ण और राधारानी की भव्य मूर्तियां है। इसे कृपालुजी महाराज ने बनवाया था। यह मंदिर सफेद इटालियन संगमरमर से बनाया गया है। इसमें प्राचीन भारतीय शिल्पकला की झलक भी देखी जा सकती है।

A modern love temple of Sri Krishna remains in Vrindavan. Its view is so amazing that no one can live without seeing it Radhe-Radhe. Its supernatural charm captivates the devotees. Devotees are drawn to it in the same way that Krishna used to delight everyone with his pastimes. Radha-Krishna's Raslila is described everywhere on the walls here. The Prem Mandir has grand idols of Shri Krishna and Radharani. It was built by Kripaluji Maharaj. This temple is built of white Italian marble. A glimpse of ancient Indian sculpture can also be seen in it.

प्रेम मंदिर (prem mandir) वृंदावन(भारत) में स्थित है। इसका निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा भगवान कृष्ण और राधा के मन्दिर के रूप में करवाया गया है। मंदिर को बाहर और अन्दर से भारतीय शिल्पकला से बहुत ही अद्भुत तरीके से सजाया गया है। जिसके कारण बाहर से देखने में यह जितना भव्य लगता है, उतना ही अंदर से भी देखने में लगता है। इस मंदिर को सफेद इटालियन संगमरमर से बनाया गया है। इस मंदिर को सुंदरता से सजाने के लिए मंदिर के अंदर और बाहर प्राचीन भारतीय शिल्पकला की कलाओं का प्रयोग किया गया है।

Prem Mandir (prem mandir) is located in Vrindavan (India). It has been built by Jagadguru Kripalu Maharaj as the temple of Lord Krishna and Radha. The temple is decorated in a very amazing way with Indian artistry from outside and inside. Due to which it looks as grand as it looks from outside, it is also seen from inside. This temple is made of white Italian marble. The art of ancient Indian sculpture has been used inside and outside the temple to decorate this temple with beauty.

यहाँ पूरा मन्दिर 56 एकड़ में बना है इसमें मंदिर की ऊँचाई 125 फुट, लम्बाई 122 फुट तथा चौड़ाई 115 फुट है। इसमें फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झाँकियाँ, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झाँकियाँ उद्यानों के बीच सजायी गयी है। यह मन्दिर वास्तुकला के माध्यम से दिव्य प्रेम को साकार करता है। सभी वर्ण, जाति, देश के लोगों के लिये खुले मन्दिर के लिए द्वार सभी दिशाओं में खुलते है। मुख्य प्रवेश द्वारों पर आठ मयूरों के नक्काशीदार तोरण हैं तथा पूरे मन्दिर की बाहरी दीवारों पर राधा-कृष्ण की लीलाओं को शिल्पांकित किया गया है। इसी प्रकार मन्दिर की भीतरी दीवारों पर राधाकृष्ण और कृपालुजी महाराज की विविध झाँकियों का भी अंकन हुआ है। मन्दिर में कुल 94 स्तम्भ हैं जो राधा-कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से सजाये गये हैं। अधिकांश स्तम्भों पर गोपियों की मूर्तियाँ अंकित हैं, जो सजीव जान पड़ती है। मन्दिर के गर्भगृह के बाहर और अन्दर प्राचीन भारतीय वास्तुशिल्प की उत्कृष्ट पच्चीकारी और नक्काशी की गयी है तथा संगमरमर की शिलाओं पर राधा गोविन्द गीत सरल भाषा में लिखे गये हैं। मंदिर परिसर में गोवर्धन पर्वत की सजीव झाँकी बनायी गयी है।

The entire temple here is built on 56 acres, the height of the temple is 125 feet, 122 feet in length and 115 feet in width. It has fountains, beautiful tableaux of Radha-Krishna, Shri Govardhan Leela, Kalia Nag Daman Leela, Jhulan Leela are decorated among the gardens. This temple realizes divine love through architecture. The gates open in all directions for the temple to be open to people of all varna, caste and country. The main entrance has eight peacocks with carved archways and Radha-Krishna pastimes are carved on the outer walls of the entire temple. Similarly, various tableaux of Radhakrishna and Kripaluji Maharaj have also been marked on the inner walls of the temple. There are a total of 94 pillars in the temple which are decorated with various pastimes of Radha-Krishna. Most of the pillars have inscriptions of gopis, which appear to be alive. Outside and inside the sanctum sanctorum of the temple are exquisite mosaics and carvings of ancient Indian architecture and Radha Govind songs are written in simple language on the marble rocks. A live tableau of Govardhan Parvat has been made in the temple premises.

प्रेम मंदिर के खुलने का समय 5.30 बजे है और बंद होने का समय 8.30 बजे है। मंदिर के अंदर विभिन्न आरती का प्रदर्शन किया जाता है। आरती के समय मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त इकट्ठे होते हैं। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और प्रवेश सभी के लिए पूरी तरह से नि: शुल्क है। पूरे मंदिर को कवर करने के लिए कम से कम दो घंटे की आवश्यकता है।

The opening time of Prem Mandir is 5.30 PM and closing time is 8.30 PM. Various aartis are performed inside the temple. A large number of devotees gather in the temple during the Aarti. There is no entrance fee to enter inside the temple and entry is completely free for all. A minimum of two hours is required to cover the entire temple.