लाल-किला- Agra-red-fort-world-highest-site
लाल किला-लाल किला में वैसे तो बहुत से राजाओं ने राज किया है। इसलिए इस किले में बहुत से बदलाव होते रहे है। इस किले पर १०८० ई० में महमूद गजनवी की सेना ने इस किले पर हमला किया और इस किले पर कब्ज़ा कर लिया। किले पर हमला करने से किला बहुत जगह से टूट गया था।
In the Red Fort-Red Fort, many kings have ruled. Therefore, many changes have been going on in this fort. On this fort, the army of Mahmud Gaznavi attacked the fort in 1080 AD and captured this fort. The fort was broken from many places by attacking the fort.
जब सिकंदर लोदी (1487-1517) दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान बना, और जब सिकंदर लोदी आगरा गया तब उसने इस किले देखा और इस किले की महत्व को समझा, और फिर सिकंदर लोदी ने इस किले की मरम्म्त १५०४ ई० में करवाई, किले की मरम्म्त करवाने के बाद सिकंदर लोदी इस किले में रहने लगा
When Sikandar Lodhi (1487-1517) became the first sultan of Delhi Sultanate, and when Sikandar Lodi went to Agra, he saw this fort and understood the significance of this fort, and then Sikandar Lodi did the repair of this fort in 1504 AD, Sikandar Lodi stayed in this fort after the repair.
सिकंदर-लोदी- Sikandar-Lodhi (1487-1517)
फिर कुछ सालों बाद सिकंदर लोदी ने इसे १५०६ ई० में अपनी राजधानी बना लिया। राजधानी बनाने बाद सिकंदर लोदी यहीं से देश पर शासन करने लगा। एक लम्बे समय तक शासन करने के बाद। इसी किले में १५१७ ई० सिकंदर लोदी की मौत हो गई।
After some years Sikandar Lodi made it his capital in 1506 AD. After making the capital, Sikandar Lodi started ruling the country from here. After ruling for a long time. In this fort, 1517 AD Sikander Lodi died.
सिकंदर लोदी की मौत के बाद उसके बेटे इब्राहिम लोदी ने गद्दी संभाली नौ वर्षों तक इब्राहिम लोदी संभाली, तब तक, जब वो पानीपत के प्रथम युद्ध (1526) में मारा नहीं गया। उसने अपने काल में यहां कई बदलाव करवाए कई स्थान, मस्जिदें व कुएं बनवाये।
After the death of Sikandar Lodi, his son Ibrahim Lodi assumed the throne for nine years and took over Ibrahim Ludi, until he was not killed in Panipat's first war (1526). He made many changes in his time, made many places, mosques and wells.
पानीपत के प्रथम युद्ध के बाद। शुरुआत हुई मुगलों की, मुगलों ने इस किले पर भी कब्ज़ा कर लिया। और साथ ही इसकी अगाध सम्पत्ति पर भी। इस सम्पत्ति में एक हीरा भी था। जो कि बाद में कोहिनूर हीरा के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
After the first war of Panipat. Beginning of the Mughals, the Mughals also captured this fort. And at the same time, on its unseen property. There was also a diamond in this property. Which later became known as Kohinoor Diamond.
Kohinoor-Diamond-कोहिनूर-हीरा
जब ब्रिटिश भारत में व्यापार करने आए, तो वो अपने साथ कोहिनूर हीरे को भी ले गए। जो दुनिया के सबसे बड़े कट हीरे में से एक है, जिसका वज़न 105.6 कैरेट है, और ब्रिटिश क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है। संभवतः भारत के गोलकोंडा में खनन किया गया है, लेकिन इसके मूल वजन का कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जल्द से जल्द अच्छी तरह से अटेस्टेड वजन 186 कैरेट है।
When British came to trade in India, they took Kohinoor diamond along with them. One of the world's largest cut diamonds weighs 105.6 carats, and is part of the British crown jewels. Probably mined in Golconda of India, but there is no record of its original weight, but the exact weight of the weight is 186 carats as soon as possible.
इब्राहिम लोदी की मौत के बाद। इस किले में इब्राहिम के स्थान पर बाबर आया। बाबर ने भी इस किले में बहुत से बदलाव करवाए। उसने यहां एक बावली बनवायी। फिर कुछ सालों बाद 1530 में यहीं बाबर के बेटे हुमायुं का राजतिलक भी हुआ। हुमायुं इसी वर्ष बिलग्राम में शेरशाह सूरी से हार गया। और साथ ही किले पर उसका कब्ज़ा हो गया। इस किले पर अफगानों का कब्ज़ा पांच वर्षों तक रहा, जिन्हें अन्ततः मुगलों ने 1556 में पानीपत का द्वितीय युद्ध में हरा दिया।
After Ibrahim Lodi's death Babur came to Ibrahim's place in this fort. Babur also made many changes in this fort. He made a bawdy here After a few years, in 1530, the son of Babur's son Humayun was also the ruler. Humayun was defeated by Sher Shah Suri in Bilgram this year. He was captured on the fort as well. Afghans occupied this fort for five years, which ultimately defeated Panipat in the second battle of Mughals in 1556.
इस की केन्द्रीय स्थिति को देखते हुए, अकबर ने इसे अपनी राजधानी बनाना निश्चित किया व सन 1558 में यहां आया। उसके इतिहासकार अबुल फजल ने लिखा है कि यह किला एक ईंटों का किला था, जिसका नाम बादलगढ़ था। यह तब खस्ता हालत में था व अकबर को इसे दोबारा बनवाना पड़ा, जो कि उसने लाल बलुआ पत्थर से निर्मण करवाया। इसकी नींव बड़े वास्तुकारों ने रखी। इसे अंदर से ईंटों से बनवाया गया, व बाहरी आवरण हेतु लाल बलुआ पत्तह्र लगवाया गया। इसके निर्माण में चौदह लाख चवालीस हजार कारीगर व मजदूरों ने आठ वर्षों तक मेहनत की, तब सन 1573 में यह बन कर तैयार हुआ।
Given the central position of this, Akbar decided to make it his capital and came here in 1558. Its historian Abul Fazl has written that this fort was a brick fort, which was named as cloudgrab. It was then in a bad condition and Akbar had to make it again, which he used to make with red sandstone. Its foundations are laid by big architects. It was made from bricks from inside, and red sandalwood was put on the outer cover. Fourteen thousand forty-four thousand artisans and laborers worked for eight years in this construction, then it was completed in 1573.
अमर सिंह द्वार
आगरा के लाल किले के दो प्रवेश द्वारों में से एक, आगरा का किले की दीवारों की ऊंचाई लगभग ११० फ़ीट है किला चारो तरफ से ऊँची दीवारों से घिरा हुआ है किले के अंदर जहाँगीर महल है जो बहुत ही खूबसूरत है
Amar Singh gate
one of the two entrances of the Red Fort of Agra. The height of the fort walls of Agra is approximately 110 feet. The fort is surrounded by high walls all around, inside the fort is the Jahangir Palace which is very beautiful.
इस किले को अन्दर से बहुत ही अद्भुत तरीके से बनाया गया है। इस किले की सभी ऊँची ऊँची दीवारों पर बहुत सी सूंदर-सूंदर कलाएं देखने को मिलती है। इसी किले में एक बहुत ही सूंदर मजीद भी है। जिसे मीना मजीद कहते है। मीना मस्जिद या स्वर्गीय मस्जिद को शाहजहाँ ने 1631-40 के बीच आगरा किले में दीवान-ए-ख़ास के बीच बनवाया था। यह छोटी मस्जिद, पूरी तरह से सफेद संगमरमर से बनी हुई है। जिसे मुगल राजा शाहजहाँ ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए बनाया था।
This fort has been built in a very wonderful way from inside. All the high walls of this fort can be seen in many beautiful and beautiful arts. There is also a very beautiful Majid in this fort. Which is called Meena Majid. Meena Masjid or the heavenly mosque was built between Shah Jahan between 1631-40 in Agra Fort between Diwan-i-Khas. This small mosque is made of fully white marble. Which Mughal King Shah Jahan had made for his personal use.
जहाँगीर-महल – Jahangir-Palace
जहाँगीर-महल–Jahangir-Palace-
आगरा किले में स्थित जहाँगीर महल का निर्माण अकबर ने अपने बेटे जहाँगीर के लिए कराया था। जहाँगीर का यह महल लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है, आगरा किले में यह सबसे बड़ा आवासीय भवन है। इस भवन में हिन्दू और एशियाई वास्तुकला का बहतरीन मिश्रण देखने को मिलता है
Akbar built the Jahangir Palace at Agra Fort for his son Jahangir. This palace of Jahangir is made of red sandstone, it is the largest residential building in Agra Fort. A beautiful mix of Hindu and Asian architecture is found in this building.
अकबर के पौत्र शाहजहाँ ने इस स्थल को वर्तमान रूप में पहुंचाया। शाहजहाँ ने भी इस किले में बहुत से बदलाव करवाए, शाहजहाँ को इमारतें बनवाने का बहुत शौक था।
Akbar's grandson Shah Jahan delivered this place to the present. Shah jahan Even in this fort, many changes were made, Shah Jahan was very fond of building buildings.
अपने इसी शौक के कारण शाहजहाँ ने अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ बेगम की याद में विश्व की सबसे ख़ूबसूरत इमारत ताज महल को बना डाला।
Because of his passion, Shah Jahan made Taj Mahal the world's most beautiful building in memory of his beloved wife Mumtaz Begum.
Taj Mahal-ताज महल
दीवान-ए-खास-deevaan-e-khaas
दीवान-ए-खास-deevaan-e-khaas
खूबसूरती से तराशी गई यह इमारत सफ़ेद संगममर के पत्थर से बनी हुई एक बहुत ही सूंदर इमारत है। यह इमारत दीवान-ए-खास के पास स्थित है। यही वह जगह है जहां औरंगजेब की कैद में शाहजहां ने अपनी जिंदगी के आखिरी सात साल बिताए। माना जाता है कि यहां से ताज महल का सबसे सुंदर नजारा दिखाई पड़ता है। यह भी कहा जाता है कि शाहजहाँ की मृत्यु किले के मुसम्मन बुर्ज में अपनी प्रिय पत्नी मुमताज़ की याद में बने हुए ताजमहल को देखते हुए हुई थी। इस बुर्ज के संगमर्मर के झरोखों से ताजमहल का बहुत ही सुंदर दृश्य दिखता है। जो अधिक प्रदूषण के कारण अब अधिक स्पष्ट दिखाई नहीं देता।
Beautifully decorated, this building is a very beautiful building made of white marble stones. This building is situated near Dewan-e-Khas. This is where Shah Jahan spent the last seven years of his life in the imprisonment of Aurangzeb. It is believed that the most beautiful view of Taj Mahal is seen here. It is also said that the death of Shah Jahan was witnessed in the Tajamahal of Mussamman Burj in the memory of his beloved wife Mumtaz. This tower has a beautiful view of the Taj Mahal with the windows of the marble floor. Which is no longer visible due to more pollution.
दीवान-ए-आम-deevaan-e-aam
दीवान-ए-आम-Deevaan-e-Aam-
इस ढ़ांचें का निर्माण मूल रूप से लकड़ी से किया गया था। लेकिन बाद में शाहजहां ने उसे वर्तमान रूप प्रदान किया। इस पर शाहजहां शैली के प्रभाव को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। जो संगमरमर पर की गई फूलों की नक्काशी से पता चलती है। इस कमरे में राजा आम जनता की फरियाद सुनते थे। और अधिकारियों से मिलते थे। दीवान-ए-आम से एक रास्ता नगीना मस्जिद और महिला बाजार की ओर जाता है। जहां केवल महिलाएं ही मुगल औरतों को सामान बेच सकती थीं।
These structures were originally constructed from wood. But Shahjahan later gave him the present form. The influence of Shah Jahan style can be clearly seen on this. The carving on the marble is known by carving. In this room the king used to listen to the complaints of the general public. And met with the officials. One way from Diwan-i-Mama leads to Nagina mosque and women's market. Where only women could sell goods to the Mughal women
यह किला १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय युद्ध स्थली भि बना। जिसके बाद भारत से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का राज्य समाप्त हुआ, व एक लगभग शताब्दी तक ब्रिटेन का सीधे शासन चला। जिसके बाद सीधे स्वतंत्रता ही मिली।
This fort became a battleground during the first Indian independence war of 1857. After which the British East India Company's rule ended with India, and there was a direct rule of Britain for nearly a century. After that there was freedom only.
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