उर्वशी और पुरुरवा की प्रेम कहानी-Love story of urvashi and pururava

उर्वशी स्वर्ग की अप्सरा -Urvashi paradise apsara


There is a lot of inspirational and interesting stories in Indian mythology. Two examples of this are Ramayana and Mahabharata There are many such texts in India that are filled with many tales of kings, princesses, warriors and apesars of the sky. Which are still amazing.

This is the story of Urvashi and Purvara. This is the story of love, passion, jealousy and separation.

भारत की पौराणिक कथाओं में बहुत सी प्रेरणादायक और रोचक कहानियों की भरमार है। इसके दो उदहारण रामायण और महाभारत। भारत में ऐसे कई ग्रंथ है जो राजाओं, राजकुमारियों, योद्धाओं और आकाश की अप्सराओं की अनेक कहनियों से भरे पड़े है। जो आज भी आश्चर्यजनक हैं।

यह कहानी है उर्वशी और पुरूरवा की। यह प्यार, जुनून, ईर्ष्या और जुदाई की कहानी है।

Urvashi was a beautiful nymph in the paradise. And Pururwa was a brave king living on earth. The stories of Pururwa's bravery were famous from earth to paradise. It was a day's talk of Pururva's bravery in heaven. Urvashi was also on the same time from the coincidence. When Urvashi heard the tales of Puruva's bravery, she did not believe it.

उर्वशी स्वर्ग में रहने वाली एक सुन्दर अप्सरा थी। और पुरूरवा धरती पर रहने वाला एक बहादुर राजा था। पुरूरवा के बहादुरी के किस्से धरती से लेकर स्वर्ग तक प्रसिद्ध थे। एक दिन की बात है स्वर्ग में पुरूरवा के बहादुरी की बातें हो रही थी। इत्तेफाक से उर्वशी भी उसी समय वंही पर थी। जब उर्वशी ने पुरूरवा के बहादुरी के किस्से सुने तो उसे यकीन नहीं हुआ।

It is a matter of a day when Urvashi was getting bored in the court of Indra in heaven. Urvashi decided to land on earth to do something different. She liked the life of the earth full of pleasure and pain rather than heaven. Urvashi came to the earth in the darkness of the night and started roaming around the earth. While returning from the Earth, he was caught by an Demon. Somehow Urvashi escaped from Demon and saved his life and went to a palace. The king of this palace was pururava. Chasing Demon Urvashi somehow reached the palace. Seeing Demon coming behind in the palace, Urvashi hidden in the palace gardens.

एक दिन की बात है एक बार जब उर्वशी स्वर्ग में इन्द्र के दरबार में बोर हो रही थी। उर्वशी ने कुछ अलग करने के लिए पृथ्वी पर उतरने का निर्णय लिया। उसे स्वर्ग के बजाय पृथ्वी की सुख-दुख से भरी जिंदगी ज्यादा अच्छी लगी थी। उर्वशी रात के अंधेरे में पृथ्वी पर आई और पृथ्वी पर घूमने लगी। पृथ्वी से वापस लौटते समय उसे किसी असुर ने पकड़ लिया। किसी तरह उर्वशी असुर से बच निकली और अपनी जान बचाते हुए एक महल में जा पहुँची। इस महल का राजा पुरूरवा था। असुर उर्वशी का पीछा करता हुआ किसी तरह महल तक पहुँच गया। अपने पीछे असुर को महल में आते देखकर उर्वशी महल के बगीचों में जा छिपी।

The Demon started searching for him in the castle. Finding the monster reached the palace of the palace where the purva was sleeping. Just as the Demon passes through the pururava chamber. Pururwa got a very messy smell and pururwa awake. After awaking, Puruva started looking around, then suddenly she saw a shadow revolving in the palace. After looking at the shadows Puruva took his sword and followed the shadow, somehow the monster found Urvashi and grabbed it and took it with him.

राक्षस उसे महल में ढूंढ़ने लगा। ढूंढ़ते-ढूंढ़ते राक्षस महल के उस कक्ष तक पहुँच गया जहाँ पुरूरवा सोया हुआ था।जैसे ही राक्षस पुरूरवा के कक्ष के पास से गुजरा। पुरूरवा को एक बहुत ही गन्दी गंध आई और पुरूरवा जाग गया। जागते ही पुरूरवा ने अपने आस-पास देखना शुरू कर दिया तभी अचानक से उसे महल में घूमती हुई एक परछाई दिखाई दी। परछाई को देखकर पुरूरवा अपनी तलवार लेकर परछाई पीछे चल दिया, किसी तरह राक्षस उर्वशी ढूंढ लिया और उसे पकड़कर अपने साथ ले जाने लगा।

Pursuing the shadow, Puruva reached Urvashi, and saw that a monster was picking up a girl, Purura followed the monster and relieved Urvashi from her clutches. At the same time both of them touched each other and their touch changed their life. For the first time, Urvashi was touched by a mortal man and this touch touched her heart. Similarly pururwa also got attracted to nymphs. Yet they both were unaware that what is in each other's mind.

परछाई का पीछा करते हुए पुरूरवा उर्वशी के पास जा पहुँचा, और उसने देखा की एक राक्षस किसी लड़की को उठा ले जा रहा है, पुरूरवा ने उस राक्षस का पीछा कर उसके चंगुल से उर्वशी को छुडवा दिया। तभी उसी समय उन दोनों के शरीर एक दूसरे से टच हुये और उनकी इस स्पर्श ने उनकी जिंदगी बदल दी। पहली बार उर्वशी को किसी नश्वर मनुष्य ने छुआ था और इस स्पर्श ने उसका मन मोह लिया। इसी तरह पुरूरवा का भी अप्सरा के प्रति आकर्षण हो गया। फिर भी वे दोनों अंजान थे कि एक दूसरे के मन में क्या है।

Urvashi is coming to earth.-(उर्वशी का धरती पर आना।)

There is a time thing. One day in a drama in heaven, Urvashi was playing the role of Goddess Lakshmi and she named Pururva instead of Manotam (Vishnu's name). With this play Rishi Bharat got angry and he cursed Urvashi that he is mad for the love of a mortal man, so he will have to go with him on the earth and have to live with him and his child will have to be born, which is for the nymphs There was a new thing. Urvashi did not care about this curse and she was crazy in her love. And here, Pururwa too was restless in the imagination of Urvashi. He was also disappointed because his wife could not give birth to a child. At that time Urvashi came to Earth for Pururwa and they expressed their love for each other.

एक समय बात है। एक दिन स्वर्ग में एक नाटक के दौरान उर्वशी देवी लक्ष्मी की भूमिका निभा रही थी और उसने पुरुषोतम (विष्णु का नाम) के बजाय पुरुरवा का नाम लिया। इससे इस नाटक को कराने वाले ऋषि भरत नाराज हो गए और उन्होने उर्वशी को श्राप दे दिया कि वह एक नश्वर मनुष्य के प्यार के पागल है इसलिए उसे पृथ्वी पर जाकर उसके साथ रहना होगा और उसके बच्चे को पैदा करना होगा, जो कि अप्सराओं के लिए एक नई बात थी। उर्वशी को इस श्राप की कोई परवाह नहीं थी और वह उसके प्यार में पागल रही। और इधर पुरुरवा भी उर्वशी की कल्पना में बेचैन रहने लगा। वह इसलिए भी निराश था क्यों कि उसकी पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी। उस समय उर्वशी पुरुरवा के लिए पृथ्वी पर आई और उन्होने एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार किया।

Urvashi terms.-(उर्वशी की शर्तें।)

Urvashi got ready to spend her life with Purvarawa. But there were some conditions in it. First of all, he will bring two goats and the king will have to take care of them. The second condition is that unless they remain on earth, they will only eat ghee. The third is that they will only see each other while they are having sexual intercourse in nakedness. On the day when his terms were not considered, he will go back to heaven after leaving it. Pururwa accepted these conditions and they both lived together in the Gandhamadan Garden.

उर्वशी अपना जीवन पुरुरवा के साथ बिताने को तैयार हो गई। लेकिन उसकी कुछ शर्तें थी। पहली तो यह कि वह दो बकरियाँ लेकर आएगी और राजा को उनकी देखभाल करनी होगी। दूसरी शर्त है कि जब तक वो पृथ्वी पर रहेगी तब तक वो केवल घी का ही सेवन करेगी। तीसरी यह कि वे एक दूसरे को नग्नावस्था में केवन यौन संबंध बनाते समय ही देखेंगे। जिस दिन उसकी शर्तें नहीं मानी गई वह उसे छोडकर वापस स्वर्ग चली जाएगी। पुरुरवा ने ये शर्तें मान ली और वे दोनों एक साथ गंधमदन गार्डन में रहने लगे।

Conspiracy of gods-देवताओं की साजिश

On the other hand, the love of both of them became jealous of the Gods. Without Urvashi, Paradise was a bit tragic. So they laid a trap to get him. One night, the Gandharvas threw Urvashi's goats. When the goats started mumming, Urvashi was worried and asked Purwala to save them. At that time Purarwa had not worn anything, she got out in a hurry. Then immediately the Gandharvas gave up the power in the sky at the same time, both of them saw each other in nakedness.

दूसरी ओर उन दोनों के प्यार से देवताओं को ईर्ष्या होने लगी। उर्वशी के बिना स्वर्ग सूना सा था। इसलिए उन्होने उसे पाने के लिए एक जाल बिछाया। एक रात को गन्धर्वों ने उर्वशी की बकरियाँ चुरा ली। जब बकरियों ने मिमियाना शुरू किया तो उर्वशी को चिंता हुई और उसने पुरुरवा को उन्हें बचाने के लिए कहा। उस समय पुरुरवा ने कुछ भी नहीं पहना हुआ था वह जल्दी में निकल गया। तब तुरंत ही गन्धर्वों ने उसी समय आसमान में बिजली कड़कड़ा दी, इससे उन दोनों ने एक दूसरे को नग्नावस्था में देख लिया।

Third condition broke-तीसरी शर्त टूट गई

When the third condition broke, Urvashi had to go to heaven. With a heavy heart, he left the king and the king also broke without him. At this time Urvashi was the child of Purvari in the womb. Later, he called near Kurukshetra to hand over his child to Purarva. Although in later times, Urvashi came on earth due to many developments and meet with Pururwa, which led to her having many more children.

जब तीसरी शर्त टूट गई तो उर्वशी को स्वर्ग जाना था। भारी मन के साथ उसने राजा को छोड़ दिया और राजा भी उसके बिना टूट गया। इस समय उर्वशी के पेट में पुरुरवा का बच्चा था। बाद में उसने अपने बच्चे को पुरुरवा को सौंपने के लिए कुरुक्षेत्र के निकट बुलाया। हालांकि बाद के काल में भी उर्वशी कई घटनाक्रम की वजह से धरती पर आईं और पुरुरवा से मिलती रही जिसके चलते उनके और भी बहुत बच्चे हुए।

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