OLD FORT DELHI

OLD FORT DELHI (INDIA)

OLD FORT DELHI (INDIA)

The old fort is situated on the banks of Yamuna river in New Delhi, India's capital. However, there is a lot of information available on the Internet about the old fort, all this information has been told by many people in different ways. Let us talk about what we have known about the old fort.

पुराना किला भारत की राजधानी नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित है। वैसे तो पुराने किले के बारे में इंटरनेट पर बहुत सी जानकारी उपलब्ध है इन सभी जानकारी को बहुत से लोगों ने अलग अलग तरीकों से बताया है। चलिए हमनें जो पुराने किले के बारे में जाना है उस पर बातचीत करते है।

According to historians This fort was built by Sher Shah Suri in his reign between 1538 and 1545. At that time the fort used to be very huge. There are three major gates of this fort which are huge like the walls of this fort. Inside it is a mosque

इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1538 से 1545 के बीच करवाया था। उस समय यह किला बहुत ही विशाल हुआ करता था इस किले के तीन बड़े द्वार हैं जो इस किले की दीवारों की तरह विशाल है। इसके अंदर एक मस्जिद है।

It is said that when Sher Shah Sur (Suri) (1538-45) conquered Humayun, then destroyed all the buildings, and then started the construction of Sher Shahi or "Shergarh". In the meanwhile, Humayun again reunited, attacked Sher Shah Sur, and regained his lost rule. According to historians, the construction of this fort was completed by Humayun in 1545. The Mughal emperor Humayun died accidentally due to falling below the stairs in this fort.

ऐसा कहा जाता है कि शेरशाह सूर (सूरी)(१५३८-४५) ने जब हुमायूँ पर विजय प्राप्त की तो सभी भवनों को नष्ट कर दिया, और फिर शेरशाही या “शेरगढ़” का निर्माण प्रारम्भ करवाया। इस बीच हुमायूँ ने फिर से संघटित होकर, शेरशाह सूर पर आक्रमण किया, और अपनी खोई हुई हुकूमत वापस पा ली। इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण कार्य हुमायूँ ने ही १५४५ में पूर्ण कराया था। मुगल बादशाह हुमायूँ की इस किले में सीढ़ियों से नीचे गिरने के कारण दुर्घटनावश मृत्यु हो गई।

This fort was the best fort at that time. The fort is approximately 2.4 kilometers long and has three main doors north, west and south. Of these, the western door is used to enter the fort nowadays. The north gate is called the "divorce door". It is unclear why and when the use of this door was restricted. This fort is considered to be a beautiful model of coordination of Mughal, Hindu and Afghani architecture.

The Sher-Mandar built by Sher Shah, which is a two-storey monumental building. Humayun's library used to be in this building. Here, once the burden of books was lifted, when Humayun was descending from the stairs, the call of Ajan (Islamic Prayer) was heard, the time for prayer was over. Humayun's habit was that, after listening to the prayer of the prayer, wherever he would lean. At the time of bending, his legs were trapped somewhere in the trunk and he fell out of balance. He died in 1556, only due to physical injury due to this accident.

यह किला उस समय का सबसे बेहतरीन किला था। इस किले की दिवार लगभग २.४ किलोमीटर लम्बी है और इसके तीन मुख्य दरवाज़े उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में हैं। इनमे से पश्चिमी दरवाज़े का प्रयोग आजकल किले में प्रवेश के लिए किया जाता है। उत्तर की ओर का द्वार “तलाकी दरवाजा” कहलाता है। यह स्पष्ट नहीं है कि कब और क्यों इस दरवाज़े के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया। यह किला मुग़ल, हिंदू तथा अफघानी वास्तुकला के समन्वय का एक सुंदर नमूना माना जाता है,

शेरशाह द्वारा बनवाया गया शेर मंडल जो अश्तकोनीय दो मंजिला भवन है। इसी भवन में हुमायूँ का पुस्तकालय हुआ करता था। यहीं पर एक बार पुस्तकों के बोझ को उठाये हुए जब हुमायूँ सीढियों से उतर रहा था, तभी अचानक से अजान (इस्लामी प्रार्थना) की पुकार सुनाई पड़ती है, नमाज़ का समय हो चला था। हुमायूँ की आदत थी कि नमाज़ की पुकार सुनते ही, जहाँ कहीं भी होता झुक जाया करता। झुकते समय उसके पैर लंबे चोगे में कहीं फँस गये और वह संतुलन खो कर गिर पड़ा। इस दुर्घटना से हुई शारीरिक क्षति से ही १५५६ में उसकी मृत्यु हो गई।

Mahabharata story related to the old fort.

पुराने किले से जुड़ी की महाभारत कहानी।

Mahabharata is one of the major poetic texts of Hindus, the world's longest literary treatise and epic is one of the main texts of Hindu religion. Which describes the mutual distinction between the two families and many other things. These two families were Pandavas and Kauravas. Pandavas who were five brothers and Kauravas who were 100 brothers.

महाभारत हिन्दुओं का एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है विश्व का सबसे लंबा यह साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। जिसमें दो परिवारों के बीचे के आपसी मद-भेद और अन्य कई बातों का वर्णन है। ये दो परिवार पांडव और कौरव थे। पांडव जो पांच भाई थे और कौरव जो १०० भाई थे।

According to Hindu literature, this old fort is at the site of Indraprastha which was the great capital of Pandavas. It is said that Delhi was first inhabited by Pandavas as their capital, Indraprastha, even before 1400 BC, but there is no definitive proof of it. In the southeastern part of the fort looking today, in 1955 some trench was dug for testing and those which were found in pieces of clay etc. were used to match the sacred objects from the other places related to the story of Mahabharata, Recognition of the fort being insightful is given some recognition. Even though the Mahabharata is seen as a scripture.

हिन्दू साहित्य के अनुसार यह पुराना किला इंद्रप्रस्थ के स्थल‍ पर है जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी। कहा जाता है कि दिल्ली को सर्वप्रथम पांडवों ने अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ के रूप में बसाया था वह भी ईसापूर्व से १४०० वर्ष पहले, परन्तु इसका कोई पक्का प्रमाण नहीं हैं। आज दिख रहे पुराने किले के दक्षिण पूर्वी भाग में सन १९५५ में परीक्षण के लिए कुछ खंदक खोदे गए थे और जो मिट्टी के पात्रों के टुकड़े आदि पाए गए वे महाभारत की कथा से जुड़े अन्य स्थलों से प्राप्त पुरा वस्तुओं से मेल खाते थे जिससे इस पुराने किले के भूभाग को इन्द्रप्रस्थ रहे होने की मान्यता को कुछ मान्यता मिलती है। भले ही महाभारत को एक धर्मग्रंथ के रूप में देखते हैं।

There are fewer cities in India which are similar to Delhi. According to historians, the old fort was built in the 16th century on the high hill of Indraprastha which was inhabited during the pre-historic period. Archaeological Survey of India has excavated this fort at many levels. In the excavation, there are remnants of ancient pottery dishes painted with ancient brown, which are of Mahabharata period. Similar utensils have also been found at other Mahabharata carpet sites.

भारत में बहुत कम नगर ऐसे हैं, जो दिल्ली की समान पुराने हों। इतिहासकारों के अनुसार पूर्व ऐतिहासिक काल में जिस स्थल पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था, उसके ऊंचे टीले पर १६ वीं शताब्दी में पुराना किला बनाया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस किले की कई स्तरों पर खुदाई की है। खुदाई में प्राचीन भूरे रंग से चित्रित मिट्टी के विशिष्ट बर्तनों के अवशेष मिले हैं, जो महाभारत काल के हैं। ऐसे ही बर्तन अन्य महाभारत कालीन स्थलों पर भी पाए गए हैं।

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humayun tomb in delhi

Humayun Tomb in delhi

Humayun Tomb

Humayun's Tomb is considered a masterpiece of the history and architecture of the Mughal regime. This mausoleum of Mughal ruler Humayun is located in the city of Delhi, India. Humayun was the son of the first Mughal emperor Babur. This tomb is decorated very beautifully with Mughal art. A stunning specimen of Mughal art can be seen on this tomb. This Tomb of Humayun is the first tomb that the red stone has been used to construct. Mughal art is so stunning on this tomb that the tomb was declared in the UNESCO World Heritage Site in 1993.

हुमायूँ का मकबरा मुग़ल शासन के इतिहास और वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना माना जाता है। मुग़ल शासक हुमायूँ का यह मकबरा भारत के दिल्ली शहर में स्थित है। प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के पुत्र थे हुमायूँ। इस मकबरे को मुग़ल कला से बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया गया है। इस मकबरे पर मुग़ल कला के एक भेतरीन नमूने को देखा जा सकता है। हुमायूँ का यह मकबरा ऐसा पहला मकबरा है जिसके निर्माण के लिए लाल पत्थर का उपयोग किया गया है। इस मकबरे पर मुग़ल कला इतनी भेतरीन है की इस मकबरे को 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में घोषित कर दिया गया था।


Humayun was born on March 6, 1508 AD in Kabul. Humayun's full name was Nasiruddin Muhammad Humayun. Humayun was a very famous Mughal ruler of the Mughal period. Humayun's father, Babur, expanded the Mughal rule in India on a large scale. When Babar came to India, he also brought his civilization along with him. And as Babur continued to promote his empire in India, his civilization started spreading in India. Babur was the founder of the Mughal dynasty in India.

हुमायूँ का जन्म: 6 मार्च, 1508 ई. को काबुल में हुआ था। हुमायूँ का पूरा नाम नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ था। हुमायूँ मुग़ल काल का बहुत ही प्रसिद्ध मुग़ल शासक था। हुमायूँ के पिता बाबर ने भारत में मुग़ल शासन का विस्तार एक बड़े पैमाने पर किया। बाबर जब भारत आया तो वो अपने साथ अपनी सभ्यता भी साथ लाया। और जैसे-जैसे बाबर अपने साम्राज्य को भारत में बढ़ाता रहा, वैसे-वैसे उसकी सभ्यता भी भारत में फैलने लगी। बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था।

In view of Humayun's tomb, the rest is like all the tombs, but the things used for making this tomb, and the finest Mughal art which is seen on this tomb, makes it the best.

Humayun died on 20 January 1556 and after 9 years of Humayun's death, the work of the tomb began in 1565 and ended in 1572. Then the total money spent in the construction of this tomb was 1.5 million, which was raised by Bega begum. In 1556, after the death of Humayun, Begaga begum was very sad and she was determined to build this tomb.

हुमायूँ का यह मकबरा देखने में तो बाकि सभी मकबरों की तरह ही है लेकिन इस मकबरे को बनाने के लिए जो वस्तुए इस्तेमाल की गई, और जो बेहतरीन मुग़ल कला इस मकबरे के ऊपर देखने को मिलती है वो ही इसे बेहतरीन बनाती है।

हुमायूँ की मृत्यु 20 जनवरी 1556 को हुई थी और फिर हुमायूँ की मृत्यु के 9 साल बाद 1565 में मकबरे का कार्य शुरू हुआ था और 1572 को समाप्त हुआ। तब इस मकबरे के निर्माण कार्य में कुल पैसा 1.5 मिलियन खर्च हुआ था जिसका भार बेगा बेगम ने उठाया था।1556 में हुमायूँ की मृत्यु के पश्चात् बेगा बेगम को अत्यंत दुःख हुआ था और उन्होंने ही इस मकबरे को बनाने की ठानी थी।

If historians believed, Mirak Mirza Ghias was called from Uzbekistan to build this tomb. But Mirak Mirza Ghias could not complete this tomb and died in the middle. The tomb remained incomplete after the death of Mirako Mirza Ghias. After some time passed, the work to complete this tomb was given to his son Sayyid Muhammad ibn Miraq Thiyahuddin. Then this Tomb was completed in 1571. It is believed that some changes were made while making the tomb after the death of Mirza Ghiaas.

अगर इतिहासकारों की माने तो इस मकबरे को बनाने के लिए मीराक मिर्ज़ा घियास उज्बेकिस्तान से बुलाया गया था। लेकिन मीराक मिर्ज़ा घियास इस मकबरे को पूरा ना बना सके और बीच में ही मृत्यु हो गयी। मीराक मिर्ज़ा घियास की मृत्यु के बाद मकबरा अधूरा पड़ा रहा। फिर कुछ समय बीत जाने के बाद इस मकबरे को पूरा बनाने का कार्य को उनके बेटे सैयद मुहम्मद इब्न मीराक थियाउद्दीन को दिया गया। फिर यह मकबरा 1571 में बन कर तैयार हुआ। ऐसा मना जाता है की मीराक मिर्ज़ा घियास की मृत्यु के बाद इस मकबरे को बनाते समय कुछ बदलाव किये गए थे।


It is said that Humayun's body is buried in two separate places in this tomb. This tomb is about 150 graves, surrounded by beautiful gardens, in this tomb there are many other graves besides Humayun's grave, just like their Biwi Hamida Bano, the eldest son of Shah Jahan, is the grave of Dara Shikoh and other Mughal rulers. Today this tomb is a very wonderful specimen of Mughal architecture,

ऐसा बताया जाता है की इस मकबरे में हुमायूँ के शरीर को दो अलग – अलग जगह दफनाया गया है यह मकबरा लगभग 150 कब्रों का है जिसके चारों तरफ सुन्दर बाग़ हैं इस मकबरे में हुमायूँ की कब्र के अलावा और भी बहुत सी कब्र है जैसे, उनकी बीवी हमीदा बानो, शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह और अन्य मुग़ल शासकों की कब्र हैं। आज यह मकबरा मुग़ल वास्तुकला का एक बहुत ही अद्भुत नमूना है

In this tomb there was a white awning on the graves and the books were kept in front of it. Also, Humayun's sword, shoe and turban were also there. In this tomb, the gardens were spread over 13 hectares, which were quite large. For some time, they were well maintained, But when the capital of the Mughals became Agra, it could not be maintained. Because the Mughals did not have enough money to care for it.

इस मकबरे में कब्रों के ऊपर सफ़ेद शामयाना लगा होता था और उसके सामने ग्रन्थ आदि रखे होते थे। और साथ ही हुमायूँ की तलवार, जूते और पगड़ी भी थी। इस मकबरे में बाग़ 13 हेक्टेअर में फैले हुए थे जो की काफी ज्यादा बड़े थे। कुछ समय तक तो इनकी देख–रेख अच्छे से हुई, लेकिन जब मुग़लों की राजधानी आगरा बनी तो इसकी देख–रेख न हो सकी। क्योंकि मुग़लों के पास इतना धन भी नहीं बचा था कि वे इसकी देख–रेख कर सकें।

The beautiful gardens surrounding this tomb make the beauty of the tomb more beautiful. These gardens have remained on the basis of geometry. This garden has been built in the same way as the Quran has been told about 'heavan's garden'.

इस मकबरे के चारो ओर बने सुंदर बगीचे मकबरे की सुंदरता को और सूंदर बना देते है। ये बाग़ ज्यामिती के आधार पर बने हुए हैं। ये बाग़ ठीक उसी तरह बना हुआ है जैसे कुरान में ‘जन्नत के बाग’ के बारे में बताया गया है।

Humayun's Tomb was Asia's first largest and most beautiful tomb. Which was made from Mughal and Persian architecture. After making this tomb, beautiful and huge buildings in India started to be built.

हुमायूं का मकबरा एशिया का पहला सबसे विशाल और सबसे ज्यादा सूंदर मकबरा था। जिसे मुग़ल और फ़ारसी वास्तुकला से बनाया था। इस मकबरे के बनाने के बाद भारत में सुन्दर और विशाल इमारतों का बनना शुरु हुआ

many beautiful tomb will be found in Mughal architecture in India. But the beauty of the Mughal architecture was realized to this world when Shahjahan built the Taj Mahal. One of the Seven Wonders of the World. The Taj Mahal is built almost on the basis of Humayun's Tomb.

वैसे तो भारत में मुग़ल वास्तुकला के बहुत से सुन्दर मकबरे देखने को मिल जायेंगे। लेकिन इस दुनिया को मुग़ल वास्तुकला की सुंदरता की पहचान तब हुई जब शाहजंहा ने ताजमहल बनवाया। जो दुनियाँ के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल को लगभग हुमायूं के मकबरे के आधार पर ही बनाया गया है।

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trip to delhi's best tours

Best tour's in Delhi

India Gate Delhi (india)


India Gate is a war memorial, which is New Delhi. New Delhi is the capital of India. India Gate is a memorial for 70,000 soldiers of the British Indian Army, who died during World War 1st in the period 1914-21.

इंडिया गेट एक युद्ध स्मारक है, जो नई दिल्ली है। नई दिल्ली भारत की राजधानी है। इंडिया गेट ब्रिटिश भारतीय सेना के 70,000 सैनिकों के लिए एक स्मारक है, जिनकी मृत्यु 1914–21 की अवधि में प्रथम विश्व युद्ध में हुई थी।

In 1972, after the war in Bangladesh, there was a small simplified structure in India Gate. Which included a black marble plinth under India Gate, on which Amar Jawan was written, along with a reverse rifle, a war helmet was placed above the rifle. It has served as the tomb of the unknown soldier of India from 1971. India Gate is counted as one of India's largest war memorials. On every Republic Day, Prime Minister of India Amar Jawan goes to this place to pay homage to Jyoti. After that parade of Republic Day begins.

1972 में, बांग्लादेश युद्ध के बाद, इंडिया गेट में एक छोटी सी सरल संरचना की गई। जिसमें इंडिया गेट के नीचे एक काले संगमरमर के प्लिंथ शामिल थे, जिसके ऊपर अमर जवान लिखवाया गया, साथ ही एक उल्टे राइफल के साथ, एक युद्ध हेलमेट को राइफल के ऊपर रखा गया। इसे 1971 से भारत के अज्ञात सैनिक के मकबरे के रूप में कार्य किया है। इंडिया गेट को भारत के सबसे बड़े युद्ध स्मारकों में गिना जाता है। प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर, भारत के प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इस स्थान पर जाते हैं। उसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड शुरू होती है।

Red fort delhi (India)


Red Fort is a historic fort in Delhi city in India. As well as the most important fort of India, This fort was the main residence of the emperors of the Mughal dynasty for nearly 200 years, until 1856,

लाल किला भारत में दिल्ली शहर का एक ऐतिहासिक किला है। और साथ ही भारत का सबसे महत्वपूर्ण किला भी, यह किला 1856 तक, लगभग 200 वर्षों तक मुगल वंश के सम्राटों का मुख्य निवास था

This fort is situated in the center of Delhi. Many Mughal emperors ruled on this fort. This fort is made of red sandstone, due to which all the walls of this fort are red and that is why it was named Red Fort. This fort was the formal and political center of the Mughal state.

यह किला दिल्ली के केंद्र में स्थित है इस किले पर बहुत से मुग़ल बादशाहों ने राज किया था। यह किला लाल बलुआ पत्थर से बना है जिसके कारण इस किले की सभी दीवारे लाल है और इसी वजह से इसे लाल किला का नाम दिया गया। यह किला मुगल राज्य का औपचारिक और राजनीतिक केंद्र था।

Every year on India's Independence Day (August 15), the prime minister hoists the Indian "Tricolor flag" at the main gate of the fort and gives national broadcast speech from its ramparts.It was named a UNESCO World Heritage Site in 2007 as part of the Red Fort complex.

भारत के स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर हर साल, प्रधानमंत्री किले के मुख्य द्वार पर भारतीय "तिरंगा झंडा" फहराते हैं और अपनी प्राचीर से राष्ट्रीय प्रसारण भाषण देते हैं। इसे 2007 में लाल किला परिसर के हिस्से के रूप में एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल नामित किया गया था।

Lotus Temple delhi (India)


Lotus Temple is one of the most precious buildings in India. The Lotus Temple is also known as Baha'i Temple. It is one of the most visited buildings in India. The architecture of this temple was separated for 10 years and its construction was completed in 1986.

कमल मंदिर भारत की सभी अनमोल इमारतों में से एक है। कमल मंदिर को बहाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत की सबसे ज्यादा देखे जाने वाली इमारतों में से एक है। इस मंदिर की वास्तुकला को बनाने में १० साल अलगे थे और इसका निर्माण 1986 में पूरा हुआ था।

White marble has been used in the construction of the Kamal temple. If you look at this temple from the top side, it seems that it is a half-open lotus temple. A team of 800 people worked to complete the architecture and construction of this temple. This team includes engineers, technicians and workers. The height of this lotus temple is 40 meters.

कमल मंदिर के निर्माण में सफ़ेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। अगर आप इस मंदिर को ऊपर की ओर से देखें तो ऐसा लगता है कि यह आधा खुला हुआ कमल मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला और निर्माण को पूरा करने के लिए 800 लोगों की टीम ने काम किया था। इस टीम में इंजीनियर, तकनीशियन और श्रमिक शामिल हैं। इस कमल मंदिर की ऊँचाई 40 मीटर है।

Lotus temple is very famous for its flower-like shape, it has become a major attraction in the city. The Kamal temple has won many architectural awards and has been featured in many newspapers and magazines articles. The CNN report of 2001 is one of the world's most beautiful and most visited buildings.

कमल मंदिर अपनी फूलों जैसी आकृति के लिए बहुत ही महशूर है, यह शहर में एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। कमल मंदिर ने कई वास्तुशिल्प पुरस्कार जीते हैं और कई अखबारों और पत्रिका के लेखों में चित्रित किया गया है। 2001 की सीएनएन रिपोर्ट ने इसे दुनिया की सबसे सुन्दर और अधिक देखी जाने वाली इमारत में से एक है।

Qutub Minar delhi (India)


Qutub Minar is located in Mehrauli area of ​​South Delhi city in India, it is the world's tallest tower built in brick from Mughal period. Its height is 72.5 meters (237.86 feet) and diameter is 14.3 meters, it has 379 staircases.

कुतुब मीनार भारत में दक्षिण दिल्ली शहर के महरौली भाग में स्थित है, यह मुग़ल काल में ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊँची मीनार है। इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) और व्यास १४.३ मीटर है, इसमें ३७९ सीढियाँ हैं।

The beautiful arts around the Qutub Minar have been done. Many of which are of its construction period 1192. This complex has been approved by UNESCO as World Heritage.The Qutb Minar, the first Muslim ruler of Delhi, Qutubuddin Aibak, was created to spread Islam. The rebuilding of the Qutub Minar was started in 1193, but only to make its basis. Its successor, Iltutmish, increased the three floors in it and in 1368 Firoz Shah Tughlaq made the fifth and final destination. The tower is made of red sandstone, on which the fine vertex of the rectangles of the Quran and the flowering of the vines has been done.

कुतुब मीनार के चारों तरफ बहुत ही सुन्दर कलाएं की गई है। जिनमें से अनेक इसके निर्माण काल सन 1192 के हैं। यह परिसर युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकृत किया गया है। कुतुब मीनार को दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक, ने इस्लाम फैलाने के लिए बनाया था। कुतुब मीनार का पुनर्निर्माण सन ११९३ में आरंभ करवाया, परंतु केवल इसका आधार ही बनवा पाया। उसके उत्तराधिकारी इल्तुतमिश ने इसमें तीन मंजिलों को बढ़ाया और सन १३६८ में फीरोजशाह तुगलक ने पाँचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई । मीनार को लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जिस पर कुरान की आयतों की एवं फूल बेलों की महीन नक्काशी की गई है।

Old Fort-Delhi


The old fort is one of the oldest forts in India. This fort is located on the banks of the river Yamuna in New Delhi. This fort is very huge. There are three major gates in this fort which are in the north, west and south of this fort. Western doors are used to enter the fort nowadays. The north gate is called the "divorce door". It is unclear why and when the use of this door was restricted. This fort is considered to be a beautiful model of coordination of Mughal, Hindu and Afghani architecture.

पुराना किला भारत के सबसे पुराने किलों में से एक है। यह किला नई दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित है। यह किला बहुत ही विशाल है इस किले में तीन बड़े द्वार हैं जो इस किले के उत्तर, पश्चिम और दक्षिण में हैं इनमें से पश्चिमी दरवाज़े का प्रयोग आजकल किले में प्रवेश के लिए किया जाता है। उत्तर की ओर का द्वार “तलाकी दरवाजा” कहलाता है। यह स्पष्ट नहीं है कि कब और क्यों इस दरवाज़े के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया। यह किला मुग़ल, हिंदू तथा अफघानी वास्तुकला के समन्वय का एक सुंदर नमूना माना जाता है।

This fort was built by Sher Shah Suri in his reign between 1538 and 1545. Who had seized the throne of Delhi from Mughal emperor Humayun. It is said that Mughal emperor Humayun died accidentally due to falling below the stairs in this fort.

इस किले का निर्माण शेर शाह सूरी ने अपने शासन काल में 1538 से 1545 के बीच करवाया था। जिसने मुगल बादशाह हुमायूँ से दिल्ली का सिंहासन छीन लिया था। ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह हुमायूँ की इस किले में सीढ़ियों से नीचे गिरने के कारण दुर्घटनावश मृत्यु हो गई।

According to Hindu literature, it is also said about this fort. This fort is at the site of Indraprastha which was the great capital of Pandavas. Delhi was first inhabited by the Pandavas as their capital, Indraprastha, even before 1400 BC, but there is no definitive proof of this. But in the southeastern part of the old fort, some trenches were dug for testing in 1955 and where pieces of clay pieces were found etc, they matched the sacred objects from the other places related to the story of the Mahabharata, from which to the old fort The recognition of the terrain being inducted has got some strength.

हिन्दू साहित्य के अनुसार इस किले के बारे में ऐसा भी कहा जाता है की। यह किला इंद्रप्रस्थ के स्थल‍ पर है जो पांडवों की विशाल राजधानी होती थी। दिल्ली को सर्वप्रथम पांडवों ने अपनी राजधानी इन्द्रप्रस्थ के रूप में बसाया था वह भी ईसापूर्व से १४०० वर्ष पहले, परन्तु इसका कोई पक्का प्रमाण नहीं हैं। लेकिन पुराने किले के दक्षिण पूर्वी भाग में सन १९५५ में परीक्षण के लिए कुछ खंदक खोदे गए थे और जहाँ मिट्टी के पात्रों के टुकड़े आदि पाए गए वे महाभारत की कथा से जुड़े अन्य स्थलों से प्राप्त पुरा वस्तुओं से मेल खाते थे जिससे इस पुराने किले के भूभाग को इन्द्रप्रस्थ रहे होने की मान्यता को कुछ बल मिला है।

Humayun Tomb in delhi


Humayun's Tomb is considered a masterpiece of the history and architecture of the Mughal regime. This mausoleum of Mughal ruler Humayun is located in the city of Delhi, India. Humayun was the son of the first Mughal emperor Babur. This tomb is decorated very beautifully with Mughal art. A stunning specimen of Mughal art can be seen on this tomb. This Tomb of Humayun is the first tomb that the red stone has been used to construct. Mughal art is so stunning on this tomb that the tomb was declared in the UNESCO World Heritage Site in 1993.

हुमायूँ का मकबरा मुग़ल शासन के इतिहास और वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना माना जाता है। मुग़ल शासक हुमायूँ का यह मकबरा भारत के दिल्ली शहर में स्थित है। प्रथम मुग़ल सम्राट बाबर के पुत्र थे हुमायूँ। इस मकबरे को मुग़ल कला से बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया गया है। इस मकबरे पर मुग़ल कला के एक भेतरीन नमूने को देखा जा सकता है। हुमायूँ का यह मकबरा ऐसा पहला मकबरा है जिसके निर्माण के लिए लाल पत्थर का उपयोग किया गया है। इस मकबरे पर मुग़ल कला इतनी भेतरीन है की इस मकबरे को 1993 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में घोषित कर दिया गया था।

Humayun died on 20 January 1556 and after 9 years of Humayun's death, the work of the tomb began in 1565 and ended in 1572. Then the total money spent in the construction of this tomb was 1.5 million, which was raised by Bega begum. In 1556, after the death of Humayun, Begaga begum was very sad and she was determined to build this tomb.

हुमायूँ की मृत्यु 20 जनवरी 1556 को हुई थी और फिर हुमायूँ की मृत्यु के 9 साल बाद 1565 में मकबरे का कार्य शुरू हुआ था और 1572 को समाप्त हुआ। तब इस मकबरे के निर्माण कार्य में कुल पैसा 1.5 मिलियन खर्च हुआ था जिसका भार बेगा बेगम ने उठाया था।1556 में हुमायूँ की मृत्यु के पश्चात् बेगा बेगम को अत्यंत दुःख हुआ था और उन्होंने ही इस मकबरे को बनाने की ठानी थी।

many beautiful tomb will be found in Mughal architecture in India. But the beauty of the Mughal architecture was realized to this world when Shahjahan built the Taj Mahal. One of the Seven Wonders of the World. The Taj Mahal is built almost on the basis of Humayun's Tomb.

वैसे तो भारत में मुग़ल वास्तुकला के बहुत से सुन्दर मकबरे देखने को मिल जायेंगे। लेकिन इस दुनिया को मुग़ल वास्तुकला की सुंदरता की पहचान तब हुई जब शाहजंहा ने ताजमहल बनवाया। जो दुनियाँ के सात अजूबों में से एक है। ताजमहल को लगभग हुमायूं के मकबरे के आधार पर ही बनाया गया है।

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TAJ_MAHAL AGRA (INDIA)



TAJ_MAHAL AGRA (INDIA)

Taj Mahal is one of the Seven Wonders of the World. It was made by Shah Jahan in the memory of his wife. Artisans from many countries of the world were invited to make this. There were a total of 20,000 artisans to build it. And 1000 elephants who used to carry the burden, to make Taj Mahal the most unique. It used 28 different types of stones, these stones were brought from different places in Rajasthan, Baghdad, Tibet, Iran, Egypt, Afghanistan, etc.

ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इसे शाहजंहा ने अपनी बीवी की याद में बनवाया था। इसे बनाने के लिए दुनिया के कई देशों से कारीगरों को बुलवाया गया था। इसे बनाने लिए कुल 20,000 कारीगर लगे थे। और 1000 हाथी जो बोझा ढोने का काम करते थे, ताजमहल को सबसे अनोखा बनाने के लिए। इसमें २८ अलग-अलग तरह के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, ये पत्थर राजस्थान, बगदाद, तिबत , ईरान, मिस्र, आफगानिस्तान, इत्यादि, अलग-अलग जगहों से लाये गए थे।

Today, in almost a year, 3 million people (about 45,000 in a day) visit the Taj Mahal. In 2007, it was declared the first winner of the World's New 7 Wonders (2000-2007).

आज, लगभग एक वर्ष में 3 मिलियन लोग( एक दिन में लगभग 45,000) ताजमहल का दौरा करते हैं। 2007 में इसे विश्व के न्यू 7 वंडर्स (2000-2007) पहला विजेता घोषित किया गया।

RED FORT IN AGRA (INDIA)


Agra fort-world-highest-site (INDIA)

Agra fort is one of India's finest Mughal forts. This fort is made of red sandstone and white marble. This fort has a great sample of Mughal architecture. Agra Fort was primarily started as a military structure in 1565 by Emperor Akbar and later his grandson was converted into a palace by emperor Shah Jahan. Some of the most prestigious structures of Mughal history are still a part of this fort, such as the Sheesh Mahal (Mirror Palace), Jahangir Mahal, Diwan-i-Aam (common audience hall) and Diwan-e-Khas (private audience hall) ). Amar Singh gate, which was originally designed to confuse the attackers with its daggled design, is now the only point of entry into the fort.

आगरा किला भारत के सबसे बेहतरीन मुगल किलों में से एक है। यह किला लाल बलुआ पत्थर और सफ़ेद संगमरमर से बना है इस किले में मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन नमूना देखने को मिलता है। आगरा किले को मुख्य रूप से 1565 में एक सैन्य संरचना के रूप में सम्राट अकबर द्वारा शुरू किया गया था और बाद में उनके पोते सम्राट शाहजहाँ द्वारा एक महल में बदल दिया गया था। मुगल इतिहास की कुछ सबसे प्रतिष्ठित संरचनाएँ आज भी इस किले का एक हिस्सा हैं, जैसे कि शीश महल (दर्पण पैलेस), जहाँगीर महल, दीवान-ए-आम (सामान्य दर्शकों का हॉल) और दीवान-ए-ख़ास (निजी दर्शकों का हॉल)। अमर सिंह द्वार, जो मूल रूप से हमलावरों को अपने डगल डिजाइन के साथ भ्रमित करने के लिए बनाया गया था, अब किले में प्रवेश का एकमात्र बिंदु है।

ITMAD-UD-DAULAH TOMB AGRA (INDIA)


ITMAD-UD-DAULAH TOMB AGRA

The smallest and most beautiful tomb of all the tombs built during the Mughal regime is the tomb of Atmad-ud-daula. This tomb was built by the emperor Nur Jahan in Agra in memory of his father. Nur Jahan was the wife of Mughal emperor Jahangir. Ghazas-ud-Din Beg, father of Nur Jahan- who was also a minister in Jehangir's court, was built in his memory. This tomb was built in the year 1625 AD, situated on the bank of river Yamuna. There are many things in this tomb known as the Baby Taj, which were later adopted while making the Taj Mahal. People say that carving of many places in this tomb seems more beautiful than the Taj Mahal.

मुग़ल शासन काल में बने सभी मकबरो में से सबसे छोटा और सबसे सुन्दर मकबरा एतमादुद्दौला का मकबरा है। यह मकबरा सम्राज्ञी नूरजहां ने अपने पिता की स्मृति में आगरा में बनवाया था। नूरजहां मुगल सम्राट जहाँगीर की पत्नी थी। नूरजहां- के पिता घियास-उद-दीन बेग़, जो जहांगीर के दरबार में मंत्री भी थे, उनकी याद में बनवाया गया था। यमुना नदी के किनारे स्थित इस मकबरे का निर्माण 1625 ईसवी में किया गया था। बेबी ताज के नाम से मशहूर इस मकबरे की कई चीजें ऐसी हैं जिन्हें बाद में ताजमहल बनाते समय अपनाया गया था। लोगों का कहना है कि इस मकबरे की कई जगह की नक्काशी ताजमहल से भी ज्यादा खूबसूरत लगती है।

Akbar-Mughal Emperor's Tomb (AGRA)


Akbar-Mughal Emperor's Tomb

The Tombof the Akbar Mughal emperor is the tomb of an important Mughal architectural masterpiece. It was built in 1604-1613 and it is located in 119 acres of land in Sikandra, a sub-region of Agra, Uttar Pradesh, India. The southern entrance to Akbar's tomb is the largest gate. Which has four white marble umbrellas top tower. Which are similar to the Taj Mahal (and pre-date), and the common point of entry into the grave. This tombs itself is surrounded by a wall. Which is 105 meters square. The tomb building is a four-level pyramid, in which there is a marble pavilion, in which there is a false mausoleum. Like other tombs, the real mausoleum is in the basement. As much as Akbar was great. His grave is equally simple. Akbar's grave is made of white marble. But no art of any kind has been done on his grave. This tomb of Akbar is made of red sandstone and white marble. The great art of Hindu and Muslim art can be seen on this tomb of Akbar.

अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा-अकबर मुग़ल सम्राट का मक़बरा एक महत्वपूर्ण मुग़ल स्थापत्य कृति का मक़बरा है। यह 1604-1613 में बनाया गया था और यह आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत के एक उप-क्षेत्र सिकंदरा में 119 एकड़ जमीन में स्थित है। अकबर के इस मकबरे का दक्षिणी द्वार सबसे बड़ा द्वार है। जिसमें चार सफ़ेद संगमरमर छतरी वाले शीर्ष मीनार हैं। जो ताजमहल के समान (और पूर्व-तिथि) हैं, और कब्र में प्रवेश का सामान्य बिंदु है। यह मकबरा स्वयं एक चारदीवारी से घिरा हुआ है। जो कि 105 मीटर वर्ग का है। मकबरे की इमारत एक चार-स्तरीय पिरामिड है, जिसमें एक संगमरमर का मंडप है, जिसमें झूठी कब्र है। अन्य मकबरों की तरह असली मकबरा, तहखाने में है। अकबर जितना ही महान था। उसकी कब्र उतनी ही साधारण है। अकबर की कब्र सफ़ेद संगमरमर से बनी है। लेकिन उसकी कब्र पर किसी भी तरह की कोई कला नहीं की गई है। अकबर का यह मकबरा लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना हुआ है। अकबर के इस मकबरे पर हिन्दू और मुस्लिम कला की बेहतरीन कला को देखा जा सकता है।

Soor Sarovar Bird Sanctuary(Kitham lake)


Soor Sarovar Bird Sanctuary(Kitham lake)

Sur Sarovar Bird Sanctuary is also known as Kitham lake. Located 20 km away from Agra on National Highway 2. This lake is in the middle of a quiet environment. Here you will find many different birds and animals. On this lake you will get to see more than 100 species of birds. Also, in this lake, you will find quite a variety of different fishes too. In this lake there are some species of birds which are now on extinction. A few moments of relaxation can be spent here from the city.

सूर सरोवर पक्षी विहार Soor Sarovar Bird Sanctuary जिसे कीठम झील के नाम से भी जाना जाता है। आगरा से 20 किमी दूर नेशनल हाइवे-2 पर स्थित है। यह झील शांत वातावरण के बीच है। यहाँ पर आपको बहुत से अलग-अलग पक्षी और जानवर देखने को मिल जाएंगे। इस झील पर आपको १०० से भी ज्यादा पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिल जाएगी। साथ ही इस झील में आपको काफी तरीके अलग -अलग मछलियों की विशाल भी देखने को मिल जाएगी। इस झील में पक्षियों की कुछ ऐसी प्रजातियां भी देखने को मिलती है जो अब लुप्त होने पर है। शहर से दूर यहाँ पर आराम के कुछ पल बिताए जा सकते हैं।

The tomb of Miriam-Uz-Zamani


The tomb of Miriam-Uz-Zamani

Miriam-Uz-Zaman was the wife of Akbar. The tomb of Miriam-Uz-Zamani was built by his son Jahangir (Salim). This mausoleum is located in Sikandra, a suburb of Agra.

मरियम-उज़-ज़मानी अकबर की बीवी थी। मरियम-उज़-ज़मानी के मकबरे का निर्माण उनके बेटे जहाँगीर(सलीम) ने करवाया था। यह मकबरा आगरा के एक उपनगर सिकंदरा में स्थित है।

Miriam-Uz-Zamani was born in a Rajput house. His father was the king of Aamer. His father named him Jodha, then in 1562 AD. In marriage to Emperor Akbar. After the birth of Jahangir, he was awarded the title of Miriam-Uz-Zamani ("Mary of the Age"). He died in Agra in 1623. Then his son Jahangir constructed a tomb between them from 1623 to 1627 AD. This tomb is right next to the tomb of Akbar the Great, which is closest to all the other tombs of his wives

मरियम-उज़-ज़मानी का जन्म एक राजपूत घर में हुआ था। उनके पिता आमेर के राजा थे। उनके पिता ने उनका नाम जोधा रखा था फिर 1562 ई। में सम्राट अकबर से शादी की। फिर जहाँगीर को जन्म देने के बाद उसे मरियम-उज़-ज़मानी ("मैरी ऑफ द एज") की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1623 में आगरा में उनकी मृत्यु हो गई। फिर उनके बेटे जहाँगीर ने 1623 से 1627 ई. के बीच उनके लिए एक मकबरा बनवाया। यह मकबरा अकबर महान के मकबरे के ठीक बगल में है, जो उनकी अन्य पत्नियों की सभी कब्रों में से सबसे निकटतम है

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उर्वशी और पुरुरवा की प्रेम कहानी-Love story of urvashi and pururava

उर्वशी स्वर्ग की अप्सरा -Urvashi paradise apsara


There is a lot of inspirational and interesting stories in Indian mythology. Two examples of this are Ramayana and Mahabharata There are many such texts in India that are filled with many tales of kings, princesses, warriors and apesars of the sky. Which are still amazing.

This is the story of Urvashi and Purvara. This is the story of love, passion, jealousy and separation.

भारत की पौराणिक कथाओं में बहुत सी प्रेरणादायक और रोचक कहानियों की भरमार है। इसके दो उदहारण रामायण और महाभारत। भारत में ऐसे कई ग्रंथ है जो राजाओं, राजकुमारियों, योद्धाओं और आकाश की अप्सराओं की अनेक कहनियों से भरे पड़े है। जो आज भी आश्चर्यजनक हैं।

यह कहानी है उर्वशी और पुरूरवा की। यह प्यार, जुनून, ईर्ष्या और जुदाई की कहानी है।

Urvashi was a beautiful nymph in the paradise. And Pururwa was a brave king living on earth. The stories of Pururwa's bravery were famous from earth to paradise. It was a day's talk of Pururva's bravery in heaven. Urvashi was also on the same time from the coincidence. When Urvashi heard the tales of Puruva's bravery, she did not believe it.

उर्वशी स्वर्ग में रहने वाली एक सुन्दर अप्सरा थी। और पुरूरवा धरती पर रहने वाला एक बहादुर राजा था। पुरूरवा के बहादुरी के किस्से धरती से लेकर स्वर्ग तक प्रसिद्ध थे। एक दिन की बात है स्वर्ग में पुरूरवा के बहादुरी की बातें हो रही थी। इत्तेफाक से उर्वशी भी उसी समय वंही पर थी। जब उर्वशी ने पुरूरवा के बहादुरी के किस्से सुने तो उसे यकीन नहीं हुआ।

It is a matter of a day when Urvashi was getting bored in the court of Indra in heaven. Urvashi decided to land on earth to do something different. She liked the life of the earth full of pleasure and pain rather than heaven. Urvashi came to the earth in the darkness of the night and started roaming around the earth. While returning from the Earth, he was caught by an Demon. Somehow Urvashi escaped from Demon and saved his life and went to a palace. The king of this palace was pururava. Chasing Demon Urvashi somehow reached the palace. Seeing Demon coming behind in the palace, Urvashi hidden in the palace gardens.

एक दिन की बात है एक बार जब उर्वशी स्वर्ग में इन्द्र के दरबार में बोर हो रही थी। उर्वशी ने कुछ अलग करने के लिए पृथ्वी पर उतरने का निर्णय लिया। उसे स्वर्ग के बजाय पृथ्वी की सुख-दुख से भरी जिंदगी ज्यादा अच्छी लगी थी। उर्वशी रात के अंधेरे में पृथ्वी पर आई और पृथ्वी पर घूमने लगी। पृथ्वी से वापस लौटते समय उसे किसी असुर ने पकड़ लिया। किसी तरह उर्वशी असुर से बच निकली और अपनी जान बचाते हुए एक महल में जा पहुँची। इस महल का राजा पुरूरवा था। असुर उर्वशी का पीछा करता हुआ किसी तरह महल तक पहुँच गया। अपने पीछे असुर को महल में आते देखकर उर्वशी महल के बगीचों में जा छिपी।

The Demon started searching for him in the castle. Finding the monster reached the palace of the palace where the purva was sleeping. Just as the Demon passes through the pururava chamber. Pururwa got a very messy smell and pururwa awake. After awaking, Puruva started looking around, then suddenly she saw a shadow revolving in the palace. After looking at the shadows Puruva took his sword and followed the shadow, somehow the monster found Urvashi and grabbed it and took it with him.

राक्षस उसे महल में ढूंढ़ने लगा। ढूंढ़ते-ढूंढ़ते राक्षस महल के उस कक्ष तक पहुँच गया जहाँ पुरूरवा सोया हुआ था।जैसे ही राक्षस पुरूरवा के कक्ष के पास से गुजरा। पुरूरवा को एक बहुत ही गन्दी गंध आई और पुरूरवा जाग गया। जागते ही पुरूरवा ने अपने आस-पास देखना शुरू कर दिया तभी अचानक से उसे महल में घूमती हुई एक परछाई दिखाई दी। परछाई को देखकर पुरूरवा अपनी तलवार लेकर परछाई पीछे चल दिया, किसी तरह राक्षस उर्वशी ढूंढ लिया और उसे पकड़कर अपने साथ ले जाने लगा।

Pursuing the shadow, Puruva reached Urvashi, and saw that a monster was picking up a girl, Purura followed the monster and relieved Urvashi from her clutches. At the same time both of them touched each other and their touch changed their life. For the first time, Urvashi was touched by a mortal man and this touch touched her heart. Similarly pururwa also got attracted to nymphs. Yet they both were unaware that what is in each other's mind.

परछाई का पीछा करते हुए पुरूरवा उर्वशी के पास जा पहुँचा, और उसने देखा की एक राक्षस किसी लड़की को उठा ले जा रहा है, पुरूरवा ने उस राक्षस का पीछा कर उसके चंगुल से उर्वशी को छुडवा दिया। तभी उसी समय उन दोनों के शरीर एक दूसरे से टच हुये और उनकी इस स्पर्श ने उनकी जिंदगी बदल दी। पहली बार उर्वशी को किसी नश्वर मनुष्य ने छुआ था और इस स्पर्श ने उसका मन मोह लिया। इसी तरह पुरूरवा का भी अप्सरा के प्रति आकर्षण हो गया। फिर भी वे दोनों अंजान थे कि एक दूसरे के मन में क्या है।

Urvashi is coming to earth.-(उर्वशी का धरती पर आना।)

There is a time thing. One day in a drama in heaven, Urvashi was playing the role of Goddess Lakshmi and she named Pururva instead of Manotam (Vishnu's name). With this play Rishi Bharat got angry and he cursed Urvashi that he is mad for the love of a mortal man, so he will have to go with him on the earth and have to live with him and his child will have to be born, which is for the nymphs There was a new thing. Urvashi did not care about this curse and she was crazy in her love. And here, Pururwa too was restless in the imagination of Urvashi. He was also disappointed because his wife could not give birth to a child. At that time Urvashi came to Earth for Pururwa and they expressed their love for each other.

एक समय बात है। एक दिन स्वर्ग में एक नाटक के दौरान उर्वशी देवी लक्ष्मी की भूमिका निभा रही थी और उसने पुरुषोतम (विष्णु का नाम) के बजाय पुरुरवा का नाम लिया। इससे इस नाटक को कराने वाले ऋषि भरत नाराज हो गए और उन्होने उर्वशी को श्राप दे दिया कि वह एक नश्वर मनुष्य के प्यार के पागल है इसलिए उसे पृथ्वी पर जाकर उसके साथ रहना होगा और उसके बच्चे को पैदा करना होगा, जो कि अप्सराओं के लिए एक नई बात थी। उर्वशी को इस श्राप की कोई परवाह नहीं थी और वह उसके प्यार में पागल रही। और इधर पुरुरवा भी उर्वशी की कल्पना में बेचैन रहने लगा। वह इसलिए भी निराश था क्यों कि उसकी पत्नी बच्चे को जन्म नहीं दे सकती थी। उस समय उर्वशी पुरुरवा के लिए पृथ्वी पर आई और उन्होने एक दूसरे को अपने प्यार का इजहार किया।

Urvashi terms.-(उर्वशी की शर्तें।)

Urvashi got ready to spend her life with Purvarawa. But there were some conditions in it. First of all, he will bring two goats and the king will have to take care of them. The second condition is that unless they remain on earth, they will only eat ghee. The third is that they will only see each other while they are having sexual intercourse in nakedness. On the day when his terms were not considered, he will go back to heaven after leaving it. Pururwa accepted these conditions and they both lived together in the Gandhamadan Garden.

उर्वशी अपना जीवन पुरुरवा के साथ बिताने को तैयार हो गई। लेकिन उसकी कुछ शर्तें थी। पहली तो यह कि वह दो बकरियाँ लेकर आएगी और राजा को उनकी देखभाल करनी होगी। दूसरी शर्त है कि जब तक वो पृथ्वी पर रहेगी तब तक वो केवल घी का ही सेवन करेगी। तीसरी यह कि वे एक दूसरे को नग्नावस्था में केवन यौन संबंध बनाते समय ही देखेंगे। जिस दिन उसकी शर्तें नहीं मानी गई वह उसे छोडकर वापस स्वर्ग चली जाएगी। पुरुरवा ने ये शर्तें मान ली और वे दोनों एक साथ गंधमदन गार्डन में रहने लगे।

Conspiracy of gods-देवताओं की साजिश

On the other hand, the love of both of them became jealous of the Gods. Without Urvashi, Paradise was a bit tragic. So they laid a trap to get him. One night, the Gandharvas threw Urvashi's goats. When the goats started mumming, Urvashi was worried and asked Purwala to save them. At that time Purarwa had not worn anything, she got out in a hurry. Then immediately the Gandharvas gave up the power in the sky at the same time, both of them saw each other in nakedness.

दूसरी ओर उन दोनों के प्यार से देवताओं को ईर्ष्या होने लगी। उर्वशी के बिना स्वर्ग सूना सा था। इसलिए उन्होने उसे पाने के लिए एक जाल बिछाया। एक रात को गन्धर्वों ने उर्वशी की बकरियाँ चुरा ली। जब बकरियों ने मिमियाना शुरू किया तो उर्वशी को चिंता हुई और उसने पुरुरवा को उन्हें बचाने के लिए कहा। उस समय पुरुरवा ने कुछ भी नहीं पहना हुआ था वह जल्दी में निकल गया। तब तुरंत ही गन्धर्वों ने उसी समय आसमान में बिजली कड़कड़ा दी, इससे उन दोनों ने एक दूसरे को नग्नावस्था में देख लिया।

Third condition broke-तीसरी शर्त टूट गई

When the third condition broke, Urvashi had to go to heaven. With a heavy heart, he left the king and the king also broke without him. At this time Urvashi was the child of Purvari in the womb. Later, he called near Kurukshetra to hand over his child to Purarva. Although in later times, Urvashi came on earth due to many developments and meet with Pururwa, which led to her having many more children.

जब तीसरी शर्त टूट गई तो उर्वशी को स्वर्ग जाना था। भारी मन के साथ उसने राजा को छोड़ दिया और राजा भी उसके बिना टूट गया। इस समय उर्वशी के पेट में पुरुरवा का बच्चा था। बाद में उसने अपने बच्चे को पुरुरवा को सौंपने के लिए कुरुक्षेत्र के निकट बुलाया। हालांकि बाद के काल में भी उर्वशी कई घटनाक्रम की वजह से धरती पर आईं और पुरुरवा से मिलती रही जिसके चलते उनके और भी बहुत बच्चे हुए।

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