Padahastasan-पादहस्तासन
It is made up of the sum of the two words yoga post i.e. foot and hand. While doing this yoga, the hands are kept close to the feet on the ground, due to which it is called Padahastasana.
How to do
Stand straight on the yoga mat by connecting the legs together and keep the hands also straight.
Now raise your hands while breathing.
After this, while exhaling, bend forward and try to keep both palms close to the ground with the feet.
Also try to apply your forehead with knees.
Hold the breath in this state. Keep in mind that the part below the waist should not be turned.
Stay in this posture for a few seconds and then take a breath and rise up and try to bend backwards while moving your hands up.
After this, bend forward while exhaling. Do this about three to four times.
यह दो शब्दों के योग पद यानी पैर और हस्त यानी हाथों के योग से बना है। यह योग करते समय हाथों को जमीन पर पैरों के साथ सटा कर रखा जाता है, जिस कारण इसे पादहस्तासन कहा जाता है।
कैसे करें
योग मैट पर पैरों को आपस में जोड़कर सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को भी सीधा रखें।
अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और दोनों हथेलियों को पैरों के पास जमीन के साथ सटाने की कोशिश करें।
साथ ही अपने माथे को घुटनों के साथ लगाने का प्रयास करें।
इस अवस्था में सांस को रोककर रखें। ध्यान रहे कि कमर से नीचे का हिस्सा मुड़ना नहीं चाहिए।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर सांस लेते हुए ऊपर उठें और हाथों को ऊपर ले जाते हुए पीछे झुकने का प्रयास करें।
इसके बाद फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। करीब तीन से चार बार ऐसा करें।
Benefit
While doing this asana, there is pressure in and around the stomach, due to which the fat stored there starts to decrease.
Stretches are felt in the back, hips and thighs, due to which they are strong.
Problems like headache and insomnia are relieved and mental stress is also reduced to some extent.
The digestive system starts working better, due to which problems like gas, acidity and constipation are eliminated.
Do it in the form of yoga to reduce stomach
लाभ
यह आसन करते हुए पेट व उसके आसपास दबाव पड़ता है, जिससे वहां जमा चर्बी कम होने लगती है।
पीठ, कूल्हों और जांघों में खिंचाव महसूस होता है, जिस कारण वह मजबूत होते हैं।
सिरदर्द व अनिद्रा जैसी समस्याओं से राहत मिलती है और मानसिक तनाव भी कुछ हद तक कम होता है।
पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करने लगता है, जिस कारण गैस, एसिडिटी व कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
पेट कम करने के योगासन के रूप में इसे जरूर करें।
Precautions
If you have back pain or hurt, do not do this asana.
If you start having back pain while doing this, stop immediately and contact the doctor.
Those who have any heart problem, hernia and stomach swelling do not do it.
This asana should not be done during pregnancy.
सावधानियां
अगर आपकी पीठ में दर्द है या चोट लगी है, तो इस आसन को न करें।
यह करते समय अगर पीठ में दर्द होने लगे, तो तुरंत रुक जाएं और डॉक्टर से संपर्क करें।
जिन्हें ह्रदय संबंधी कोई समस्या, हर्निया व पेट में सूजन है वो इसे न करें।
गर्भावस्था में भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
Surya Namaskar-सूर्य नमस्कार
There can be no better yoga than this to keep the body fit and fit. This is such a yogasana, while doing that all the organs of the body work together. It is unmatched in the order of yoga to reduce stomach.
How to do
Pranam Asana: Stand upright on the yoga mat and place your hands in the posture of salutation near the chest.
Hastautanasana: Now breathe in, raise your hands up and close your ears and try to lean back.
Padahastasana: After this, while exhaling, bow down on the stomach and try to keep the palms on the ground. Also, try to touch the forehead with the knee without bending the knees.
Ashva Sankalanasana: Then take a breath and sit on the right foot and move the left leg back. In this posture, put the left knee on the ground.
Parvatasana: Now exhaling, move the right leg back and lift the body from the middle. In this pose, try to touch your ankles from the ground and keep the arms straight.
Ashtangasana: After this, take a breath and lie down on the ground. In this state only the chin, chest and knees will touch the ground. Keep the stomach and hips raised.
Bhujangasana: Now without lifting or exhaling, lift the upper part of the waist up to the abdomen. During this time the palms will remain close to the ground.
Parvatasana: After this, while exhaling, again you will lift the body from the middle and try to touch the ankles from the ground. Also keep the arms straight.
Ashwala Sankalanasana: Then while breathing, bring the left leg forward and sit on it and keep the right leg straight. Keep the right knee close to the ground.
Padhastasan: Now exhaling, bring the right foot forward and keep the palms from the ground and forehead close to the knees.
Hastautanasana: Then breathe in, raise the hands and body up and try to lean back.
Pranam Asana: Finally get straight in the posture of salutation.
In this way a cycle of Surya Namaskar will be completed. You can do 20-25 cycles at a time like this.
शरीर को चुस्त व तंदरुस्त रखने के लिए इससे बेहतर और कोई योग नहीं हो सकता। यह ऐसा योगासन है, जिसे करते समय शरीर के सभी अंग एक साथ काम करते हैं। पेट कम करने के योगासन के क्रम में यह बेजोड़ है।
कैसे करें
प्रणाम आसन : योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को छाती के पास नमस्कार की मुद्रा में रखें।
हस्तउत्तानासन : अब सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाकर कान के पास सटाएं और पीछे झुकने का प्रयास करें।
पादहस्तासन: इसके बाद सांस छोड़ते हुए पेट के बल झुकें और हथेलियों को जमीन पर सटाने की कोशिश करें। साथ ही घुटनों को बिना मोड़े माथे को घुटने से स्पर्श करने का प्रयास करें।
अश्व संचालनासन : फिर सांस लेते हुए दाएं पैर पर बैठ जाएं और बाएं पैर को पीछे ले जाएं। इस मुद्रा में बायां घुटना जमीन पर लगाएं।
पर्वतासन : अब सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं और शरीर को बीच से उठाएं। इस मुद्रा में अपनी एड़ियों को जमीन से स्पर्श करने का प्रयास करें और बाजुओं को सीधा रखें।
अष्टांगासन : इसके बाद सांस लेते हुए जमीन पर लेट जाएं। इस अवस्था में सिर्फ ठुड्डी, छाती और घुटने ही जमीन से स्पर्श करेंगे। पेट और कूल्हों को उठाकर रखें।
भुजंगासन : अब बिना सांस लिए या छोड़े ही कमर से ऊपर के हिस्से को नाभी तक उठाएं। इस दौरान हथेलियां जमीन से सटी रहेंगी।
पर्वतासन : इसके बाद सांस छोड़ते हुए फिर से शरीर को बीच से उठाएंगे और एड़ियों को जमीन से स्पर्श करने का प्रयास करेंगे। साथ ही बाजुओं को सीधा रखेंगे।
अश्व संचालनासन : फिर सांस लेते हुए बाएं पैर को आगे लाकर उसके बल बैठ जाएं और दाएं पैर को सीधा रखें। दाएं घुटने को जमीन से सटाएं।
पादहस्तासन : अब सांस छोड़ते हुए दाएं पैर को भी आगे ले आएं और हथेलियों को जमीन से व माथे को घुटनों से सटाकर रखें।
हस्तउत्तानासन : फिर सांस लेते हुए हाथों व शरीर को ऊपर उठाएं और पीछे झुकने का प्रयास करें।
प्रणाम आसन : अंत में सीधे होते हुए नमस्कार की मुद्रा में आ जाएं।
इस प्रकार सूर्य नमस्कार का एक चक्र पूरा हो जाएगा। आप इस तरह के एक बार में 20-25 चक्र कर सकते हैं।
Benefit
Surya Namaskar reduces obesity and those who are not obese keep their weight balanced.
This is the best yoga for healing the digestive system.
By doing this, physical and mental stress is reduced.
This yoga body activates the whole body.
If you are short of time, then doing this yoga yoga alone exercises all the organs in one go.
If there is any pain in the body, then it goes away by doing Surya Namaskar.
लाभ
सूर्य नमस्कार करने से मोटापा कम होता है और जिन्हें मोटापा नहीं है, उनका वजन संतुलित रहता है।
यह पाचन तंत्र को ठीक करने का सबसे बेहतरीन योगासन है।
इसे करने से शारीरिक व मानसिक तनाव कम हो जाता है।
यह योगासन पूरे शरीर को सक्रिय कर देता है।
अगर आपके पास समय की कमी है, तो इस अकेले योगासन को करने से एक बार में ही सभी अंगों की कसरत हो जाती है।
शरीर में अगर कहीं भी दर्द हो रहा है, तो वह सूर्य नमस्कार करने से दूर हो जाता है।
Precautions
If you have slip discy or have any kind of pain or discomfort in the knees, do not do this yoga asana.
While doing this, pay full attention to your breath. If you breathe in the wrong way, there may be loss instead of profit.
Women should not do it at the time of menstruation and during pregnancy.
Children and patients suffering from hypertension and heart disease should be under the supervision of experts.
सावधानियां
अगर आपको स्लिप डिस्की है या फिर घुटनों में किसी प्रकार का दर्द या परेशानी है, तो इस योगासन को न करें।
इसे करते समय अपनी सांसों पर पूरा ध्यान दें। अगर आप गलत तरीके से सांस लेंगे, तो फायदा होने की जगह नुकसान हो सकता है।
महिलाएं मासिक धर्म के समय और गर्भावस्था के दौरान इसे न करें।
बच्चे और उच्च रक्तचाप व ह्रदय रोग से पीड़ित मरीज विशेषज्ञों की देखरेख में ही करें।
Kapalbhati-कपालभात
The root of every disease that occurs to humans lies in the stomach. If the stomach is right then everything is fine and the stomach is bad, then the health is bound to get messed up. In this sense, Kapalbhati has been considered as a living for mankind. By doing this, the stomach is cured in a miraculous way. Do it in pet ke liye yoga.
How to do
First of all, sit in Sukhasana and close your eyes.
Now you have to exhale slowly through your nose. While exhaling, your stomach should go inside.
Keep in mind that you just have to leave the breath and not take it. During this time keep the mouth closed. The breathing process is automatic.
Keep doing this for as long as possible.
In this way, you can do about five to ten rounds.
मनुष्य को होने वाली हर बीमारी की जड़ पेट में होती है। अगर पेट ठीक तो सब ठीक और पेट खराब, तो सेहत का गड़बड़ होना तय है। इस लिहाज से कपालभाति को मानव जाति के लिए संजीवनी माना गया है। इसे करने से पेट चमत्कारी तरीके से ठीक होता है। पेट के लिए योग (pet ke liye yoga) में इसे जरूर करें।
कैसे करें
सबसे पहले तो सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
अब आपको नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़नी हैं। सांस छोड़ते समय पेट आपका अंदर जाना चाहिए।
ध्यान रहे कि आपको सिर्फ सांस छोड़नी है न कि लेनी है। इस दौरान मुंह को बंद रखें। सांस लेने की प्रक्रिया खुद-ब-खुद होती है।
जब तक संभव हो इसे करते रहें।
इस तरह करीब पांच से दस राउंड कर सकते हैं।
Benefit
This reduces belly fat and balances weight.
The digestive system is correct, due to which the stomach problems start to go away.
Relief from gas, acidity and constipation etc.
Face improves and the effect of increasing age is less.
लाभ
इससे पेट की चर्बी कम होती है और वजन संतुलित होता है।
पाचन तंत्र सही होता है, जिस कारण पेट की समस्याएं दूर होने लगती हैं।
गैस, एसिडिटी व कब्ज आदि से राहत मिलती है।
चेहरे पर निखार आता है और बढ़ती उम्र का असर कम होता है।
Precautions
Those who have high blood pressure or heart disease should not do kapalbhati.
Epilepsy, hernia and respiratory patients should also not do this.
सावधानियां
जिन्हें उच्च रक्तचाप या फिर ह्रदय रोग हो, उन्हें कपालभाति नहीं करना चाहिए।
मिर्गी, हर्निया व सांस के मरीजों को भी इसे नहीं करना चाहिए।
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