मोटापा कम करने वाला योगा-Obesity reducing yoga.

<h1>मोटापा कम करने वाला योगा-Obesity Reducing Yoga.</h1>

Have you got belly bulge too? Does it hurt to bend abdomen?

Do you also breath while walking or climbing stairs? If this is the case, then you are under the grip of overweight or, say, obesity. It has been confirmed in many scientific researches that the obese person has increased manifold risk of diseases like diabetes, heart disease, stroke, arthritis, high blood pressure and cancer.

क्या आपकी भी तोंद निकल आई है? क्या पेट के बल झुकने में तकलीफ होती है?

क्या चलते हुए या सीढ़ियां चढ़ते हुए आपकी भी सांस फूल जाती है? अगर ऐसा है, तो आप अधिक वजन या फिर कहें मोटापे की गिरफ्त में आ चुके हैं। कई वैज्ञानिक शोधों में इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि मोटापे से ग्रस्त शख्स को डायबिटीज, ह्रदय रोग, स्ट्रोक, आर्थराइटिस, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारियां होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

There are many ways to reduce stomach. Which we are going to tell The first way is yoga.By doing yoga, the small diseases that occur in our body have stopped. Due to which our body is protected from diseases. Whoever does yoga in the morning, his body remains healthy for a long time and stays away from diseases. Yoga is the best medicine to avoid any disease.

पेट कम करने के बहुत से तरीके है। जो हम जा बताने जा रहे है। सबसे पहला तरीका है योग। योग करने से हमारे शरीर में होने वाले छोटे -छोटे रोग जो होते है उनका होना बंद हो है। जिसके कारण हमारा शरीर बीमारियों से बचा रहता है। जो कोई भी सुबह योग करता है उसका शरीर एक लम्बे समय तक स्वस्थ रहता है और बीमारियों से दूर रहता है। योग एक सबसे अच्छी दवा है किसी भी बीमारी से बचने के लिए।

ताड़ासन-Taadaasan

It is necessary to do Tadasana before starting yoga. To reduce stomach, the beginning of Yogasan (pet kam karne ke liye yoga) is also done from this. By doing this, the whole body feels stretched and brings energy. Blood flow becomes better.

योगाभ्यास शुरू करने से पहले ताड़ासन करना जरूरी होता है। पेट कम करने के लिए योगासन (pet kam karne ke liye yoga) की शुरुआत भी इसी से की जाती है। इसे करने से पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होता है और ऊर्जा आती है। रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है।

How to do :

First of all, stand upright and keep your legs, waist and neck straight.
Now hold the fingers of the hands above the head, and pull the whole body upwards while taking a deep breath. The palms should be in the direction of Assam.
Also, lift the ankles up. The balance of the entire body should come to the feet.
During this, feel the stretch from the claws to the top of the hands.
Remain in this state for a few seconds and keep breathing and exhaling at normal speed.
Then slowly come back to the first position.
At least two to three cycles of this kind can be done at once.

कैसे करें :

सबसे पहले सीधा खड़े हो जाएं और अपनी टांगों, कमर व गर्दन को सीधा रखें।
अब हाथों की उंगुलियों को आपस में फंसाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और गहरी सांस भरते हुए पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें। हथेलियां आसमां की दिशा में होनी चाहिएं।
साथ ही एड़ियों को भी ऊपर उठा लें। पूरे शरीर का संतुलन पंजों पर आ जाना चाहिए।
इस दौरान पंजों से लेकर ऊपर हाथों तक खिंचाव महसूस करें।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहें और सामान्य गति से सांस लेते व छोड़ते रहें।
फिर धीरे-धीरे पहली वाली स्थिति में आ जाएं।
इस तरह के कम से कम दो-तीन चक्र एक बार में किए जा सकते हैं।

Benefit:

By doing this yoga asana, the excess fat stored in the whole body starts decreasing.
The body is shapely and nature starts coming in shape.
People between six and 20 years must do this easy. This can help in increasing stature.
This yoga is very good for back pain. Also, pain in muscles, knees and feet is also relieved.
Regular practice of Tadasana increases concentration.

लाभ:

इस योगासन को करने से पूरे शरीर में जमा अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती है।
शरीर सुडौल होता है और प्राकृति आकार में आने लगता है।
छह से 20 वर्ष तक के लोगों को यह आसान जरूर करना चाहिए। इससे कद बढ़ने में मदद मिल सकती है।
यह योगासन पीठ दर्द के लिए बेहत उत्तम है। साथ ही मांसपेशियों, घुटनों व पैरों में होने वाले दर्द से भी आराम मिलता है।
ताड़ासन के नियमित अभ्यास से एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है।

Precautions:

Those who have low blood pressure should not do this yoga practice.
Pregnant women should avoid doing it.
If you have severe pain in your knees, do not do this asana.
Those who are doing this yoga for the first time, they should avoid doing it on the feet. Also, those who have any heart problem or swollen veins of feet and dizziness, do not do it.

सावधानियां :

जिनका रक्तचाप कम हो, उन्हें यह योगासन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को इसे करने से परहेज करना चाहिए।
अगर आपके घुटनों में तेज दर्द हो रहा है, तो आप यह आसन न करें।
जो पहली बार यह योगासन कर रहे हैं, वो पंजों के बल इसे करने से बचें। साथ ही जिन्हें ह्रदय संबंधी कोई समस्या है या फिर पैरों की नसों में सूजन और चक्कर आते हैं, वो भी इसे न करें।



त्रिकोणासन-Trikonaasan

While doing this asana, the body comes in a triangle-like posture, hence it is called trigonasana. Triangle means three angled and posture means posture.

How to do :

Stand about two feet between your two feet. Keep both hands directly with the body.
Now, spread your arms away from the body to the shoulder and while breathing take the right hand up and close it with the ear.
After that, while exhaling slowly, bend from the waist to the left. During this time the right hand should be adjacent to the ear and do not bend the knees.
Now try to bring the right hand parallel to the ground. Also try to touch the left ankle with the left hand.
Stay in this posture for about 10-30 seconds and keep breathing at normal speed.
Then take a breath and return to normal.
Do the same on the right side.
You can do three to four cycles like this.

कैसे करें

इस आसन को करते समय शरीर त्रिकोण जैसी मुद्रा में आ जाता है, इसलिए इसी त्रिकोणासन कहते हैं। त्रिकोण का अर्थ होता है तीन कोण वाला और आसन का अर्थ मुद्रा से होता है।

आप दोनों पैरों के बीच करीब दो फुट की दूरी बनाकर खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को शरीर के साथ सीधे सटाकर रखें।
अब अपनी बांहों को शरीर से दूर कंधे तक फैलाएं और सांस लेते हुए दाएं हाथ को ऊपर ले जाते हुए कान से सटा लें।
इसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए कमर से बाईं ओर झुकें। इस दौरान दायां हाथ कान से सटा रहना चाहिए और घुटनों को न मोड़ें।
अब दाएं हाथ को जमीन के समानांतर लाने का प्रयास करें। साथ ही बाएं हाथ से बाएं टखने को छूने का प्रयास करें।
करीब 10-30 सेकंड इसी मुद्रा में रहें और सामान्य गति से सांस लेते रहें।
फिर सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं।
इसी तरह से दाईं ओर भी करें।
आप इस तरह के तीन से चार चक्र कर सकते हैं।

Benefit :

It is best in the form of Yogasan (pet ki charbi kam karne ke liye yoga) to reduce the fat of the waist and abdomen.
Like Tadasana, doing this also helps to feel the tension in the whole body.
While doing this on one hand communicates new energy in the body, the lungs are also healthy and able to function better.
By doing this, problems like backache and sciatica can be cured.
Also, it is an excellent asana for problems like constipation and acidity.
This yoga makes the muscles of the body flexible and can also reduce stress.

लाभ :

कमर व पेट की चर्बी कम करने के योगासन (pet ki charbi kam karne ke liye yoga) के रूप में यह सबसे उत्तम है।
ताड़ासन की तरह इसे भी करने से पूरे शरीर में खिंचाव महसूस होता है।
जहां एक तरफ इसे करने से शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, वहीं फेफड़े भी स्वस्थ होते हैं और बेहतर तरीके से काम कर पाते हैं।
इसे करने से कमर दर्द और साइटिका जैसी समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
साथ ही यह कब्ज व एसिडिटी जैसी समस्याओं के लिए बेहतरीन आसन है।
यह योग शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है और तनाव को भी कम कर सकता है।

Precautions:

Do not do this yogaasana if the blood pressure is high or low.
Those who have severe pain in the waist or have a slip disc problem, do not do it too.
Keep distance from it even if you have dizzy head or pain in neck and back.
If you have more acidity, do not do it.
Also, those who have problems with sciatica and slip disci, do not do it.

सावधानियां :

रक्तचाप अधिक या कम होने पर इस योगासन को न करें।
जिन्हें कमर में तेज दर्द है या फिर स्लिप डिस्क की समस्या है, वो भी इसे न करें।
सिर चकराने या फिर गर्दन और पीठ में दर्द होने पर भी इससे दूरी बनाएं।
अगर आपको अधिक एसिडिटी है, तो इसे न करें।
साथ ही जिन्हें साइटिका व स्लिप डिस्की की समस्या है, वो इसे न करें।



पार्श्वकोणासन-PaarshvaKonaasan

The side of the flank is the armpit. While doing this yoga, the body creates lateral posture, hence it is called lateral concordance. Doing this regularly can relieve many physical problems.

How to do :

First you stand up straight and then make a distance of about three to four feet between the two legs.
After this, wash the right leg in a 90 degree angle.
Then while taking deep breath, bring the arms away from the body and bring them to the shoulders.
Now exhaling, bending the right knee to a 90 degree angle and bending right.
Now try to put the right hand on the ground behind the right foot. If you have trouble keeping your hands on the ground, try touching the ground with your fingers.
At the same time, try to bring the left hand closer to the ear by bringing it in 60 degrees and try to see the fingers of the left hand. During this, he breathed normally.
Stay in the same position as possible and then take a breath and return to normal posture.
After this repeat the same process on the left side.

कैसे करें :

पार्श्व का मलतब बगल होता है। यह योग करते समय शरीर पार्श्व की मुद्रा बनाता है, इसलिए यह पार्श्वकोणासन कहलाता है। इसे नियमित रूप से करने से कई शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।

सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएं और फिर दोनों पैरों के बीच करीब तीन से चार फुट की दूरी बना लें।
इसके बाद दाएं पैर को 90 डिग्री के कोण में धुमाएं।
फिर गहरी सांस भरते हुए बाहों को शरीर से दूर फैलाकर कंधे की सीध में ले आएं।
अब सांस छोड़ते हुए दाएं घुटने को 90 डिग्री के कोण तक मोड़ते हुए दाईं और झुकेंगे।
अब दाएं हाथ को दाएं पैर के पीछे जमीन पर रखने का प्रयास करें। अगर हाथ को जमीन पर रखने में परेशानी हो, तो जमीन को उंगलियों से छूने का प्रयास करें।
वहीं, बाएं हाथ को 60 डिग्री में लाते हुए कान के पास लाने का प्रयास करें और बाएं हाथ की उंगुलियों को देखने का प्रयास करें। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेते रहे।
यथासंभव इसी स्थिति में रहे और फिर सांस लेते हुए सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
इसके बाद बाईं तरफ भी इसी प्रक्रिया को दोहराएं।

Benefit :

With the help of this asana, body weight can be reduced easily.
It is best in yoga kamasana (pet ki charbi kam karne ke liye yoga) to reduce belly fat.
This yogasana helps in reducing the fat of the waist and thighs.
Parshasonasan also relieves constipation and acidity by improving the digestive system.
This makes the ankle and knee strong.

लाभ :

इस आसन की मदद से शरीर के वजन को आसानी से कम किया जा सकता है।
पेट की चर्बी कम करने के योगासन (pet ki charbi kam karne ke liye yoga) में यह सबसे बेहतर है।
यह योगासन कमर व जांघों की चर्बी कम करने में मदद करता है।
पार्श्वकोणासन पाचन तंत्र को बेहतर कर कब्ज व एसिडिटी से भी राहत दिलाता है।
इससे टखने व घुटने मजबूत होते हैं।

Precautions:

If you have severe pain in your knees and waist, do not do it.
Patients with sciatica should do this under the supervision of an instructor.

सावधानियां :

अगर आपके घुटनों व कमर में तेज दर्द है, तो इसे न करें।
साइटिका से ग्रस्त मरीज किसी प्रशिक्षक की देखरेख में ही इसे करें।

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