RED FORT DELHI

लाल किला (RED FORT)

लाल किला (RED FORT)

The Red Fort is a large fort built in Delhi, the capital of India. This fort is made of red stones, this fort is 33 meters high. Being made of red stones, this fort has been named Red Fort. This fort is in the middle of the capital of India. The vastness of this fort and its strength can be gauged from outside the fort.

लाल किला भारत की राजधानी दिल्ली में बना हुआ एक विशाल किला है। यह किला लाल पत्थरों से बना हुआ है, यह किला 33 मीटर ऊँचा है। लाल पत्थरों से बने होने के कारण इस किले को लाल किला (Red Fort) नाम दिया गया है। यह किला भारत की राजधानी के बीचों बिच में है। इस किले की विशालता और इसकी मजबूती का अंदाजा इसे बाहर से ही देखकर लगाया जा सकता है।

दिल्ली दरवाजा (Delhi door)

There are five doors in this fort, Delhi door is to the south of this fort. Which opens towards the Jama-Majid. The king used to go to Majid from this door. In 1903, Lord Curzon erected stone elephants on both sides of this door. Lahori Darwaza is the main door of the five gates of the fort. After going in through this door, the hive market starts. In the time of Emperor, this market sold all the goods in the world.

इस किले में पांच दरवाजे है इस किले के दक्षिण में दिल्ली दरवाजा है। जो जमा मजीद की ओर खुलता है। बादशाह इस दरवाजे से जमा मजीद जाया करते थे सन १९०३ में लार्ड कर्ज़न ने इस दरवाजे की दोनों ओर पत्थर के हाथी खड़े करवा दिए। किले के पांचो दरवाजो में से मुख्या दरवाजा लाहोरी दरवाजा है। इस दरवाजे से अंदर जाने के बाद छत्ता बाजार शुरू हो जाता है। बादशाह के समय में इस बाजार में दुनिया की सभी वस्तुए बिका करती थी।

लाहोरी दरवाजा (Lahori door)

Lahori is seen on the building of Nakkar Khana as soon as it leaves the door. This building is two floors, Jahandar Shah and Farrukhsiyar were killed in this Nakkar Khana.

लाहोरी दरवाजे से निकलते ही नजर पड़ती है नक्कार खाना की ईमारत पर। ये ईमारत दो मंजिल है इसी नक्कार खाना में जहाँदार शाह और फरुखसियर का क़त्ल किया गया था।


दीवाने ए खास (Diwane-a-aam)

After leaving Nakkar Khana, it is seen right in front of the Diwane aam. Diwane aam was decorated with gold and precious stones from place to place. But when the British captured the fort, they removed all the gold and precious stones in the Diwane aam. Diwane aam is 40 feet in length, 60 feet in width and the height of the roof is 30 feet. The pillar in the Diwane aam has beautiful carvings, which are still seen today. In the middle of this Diwane aam is a throne made of 21 feet wide marble on which the emperor used to sit. A beautiful beauty is seen on this throne.

नक्कार खाना से निकलने के बाद ठीक सामने नजर जाती है दीवाने ए खास की ओर। दीवाने आम को जगह-जगह सोने और कीमती पथरो से सजाया गया था। लेकिन जब अंग्रेजो ने किले पर कब्जा किया तब उन्होंने दीवाने आम में लगे सभी सोने और कीमती पथरो को निकल लिया। दीवाने आम की लम्बाई ८० फुट , चौड़ाई ४० फुट और छत की ऊंचाई ३० फुट है। दीवाने आम में लगे खम्बो पर सूंदर नक्काशी की गई है जो आज भी देखने को मिलती है। इस दीवाने आम के बीचों बीच एक २१ फ़ीट चौड़ा संगमरमर से बना एक सिंघासन है जिस पर बादशाह बैठा करते थे। इस सिंघासन पर बहुत ही सूंदर कारीगिरी देखने को मिलती है।

दीवाने ए खास(Diwane-a-khas)

It comes after the diwane aam. Deewane e Khas

The walls of Diwane-e-Khas are made of white marble, its length is 90 feet and the width is 66 feet. Deewane A Khas had a silver roof. It is said that Diwane used to flow a canal in the middle of A Khas. What used to be called Canal A Bahisht and in this Canal A Bahisht there used to be fountains at different places. It is written in Deewane e Khas. If the earth is heaven then it is here. It is here

दीवाने आम के बाद बारी आती है। दीवाने ए खास- दीवाने ए खास की दीवारे सफ़ेद संगमरमर की बनी हुई है इसकी लम्बाई ९० फ़ीट है और चौड़ाई ६६ फ़ीट है। दीवाने ए खास की छत चांदी की हुआ करती थी। कहा जाता है की दीवाने ए खास के बीचों बीच एक नहर बह करती थी। जिसे नहर ए बहिश्त कहते थे और इस नहर ए बहिश्त में जगह-जगह फवारे चलते थे। इस दीवाने ए खास में लिखा है। अगर पृथ्वी स्वर्ग है तो यहीं है। यहीं है।


The turn comes after Diwane e Khas. Shahi-Hammam (Royal Bathroom, The Shahi-Hammam (royal bathroom) has three large rooms. The walls and floor of the Shahi-Hammam (royal bathroom) were covered with precious stones. It is said that a canal flowed in the Shahi-Hammam (royal bathroom). 100 pieces of wood were used to heat the canal water.

दीवाने ए खास के बाद बारी आती है। शाही-हम्माम (शाही बाथरूम), शाही-हम्माम(शाही बाथरूम) में तीन बड़े कमरे है शाही-हम्माम (शाही बाथरूम) की दीवारों और फर्श को कीमती रंग बिरंगे पथरो से जाया गया था। ऐसा कहा जाता है की शाही-हम्माम (शाही बाथरूम) में एक नहर बहती थी नहर के पानी को गर्म करने के लिए १०० मन लकडिया जलाई जाती थी।


Just a short distance from Shahi-Hammam is the Hira Mahal built by Bahadur Shah, it was built in 1726. Aurangzeb built Moti Majid in the Red Fort built by Shahjahan, which is a very beautiful building made of white marble. It was built for Majid Badshah and his begums.

शाही-हम्माम से कुछ ही दुरी पर बहादुर शाह का बनवाया हुआ हिरा महल है इसे १८२४ में बनवाया गया था। शाहजंहा के बनवाये गए लाल किले में औरंगजेब ने मोती माजिद का निर्माण करवाया जो सफ़ेद संगमरमर की बनी एक बहुत खुबशुरत ईमारत है। यह माजिद बादशाह और उनकी बेगमों के लिए बनवाई गई थी।


A scale is made on a wall of Diwan-e-Khas and there it is written Mijane Adl (Scales of Justice).There are stars around this scale and a moon emanating from these stars can also be seen.

दीवान ए खास की एक दिवार पर एक तराजू बना हुआ है और वहाँ लिखा है मिजाने अद्ल (न्याय का तराजू) इस तराजू के चारो तरफ सितारे बने हुए है और इन सितारों में से निकलता हुआ एक चाँद को भी देखा जा सकता है।

One can see a magnificent specimen of Hindu and Muslim architecture at this fort. The construction of this Red Fort started in 1639 and it was completed on 6 April 1648 as a fort. This fort is built on 250 acres of land, this fort was ruled by the rulers of the Mughal dynasty for nearly 200 years. This fort is one of the best and grand forts in the world, built by the Mughal ruler Shah Jahan, who was a keen lover of literature and art.

इस किले पर हिन्दू और मुस्लिम वास्तुकला का एक शानदार नमूना देख सकते है। इस लाल किले का निर्माण 1639 में शुरू हुआ था और 6 अप्रैल 1648 को यह किला बन कर तैयार हुआ था। यह किला 250 एकड़ जमीन में बना हुआ है इस किले पर करीब 200 सालों तक मुगल वंश के शासकों का राज रहा। यह किला दुनिया के सर्वश्रेष्ठ और भव्य किलों में से एक है, जिसे साहित्य और कला के गूढ़ प्रेमी रहे मुगल शासक शाहजहां द्धारा बनवाया गया था।

On 15 August 1947, when India became free from the slavery of the British, India's first Prime Minister Jawaharlal Nehru waved the Indian national flag above the Lahore Gate (Red Fort). Every Independence Day thereafter, the Prime Minister of India waving the national flag at the Red Fort.

15 अगस्त 1947 को, जब भारत अंगेजो की गुलामी से आजाद हुआ तो भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर गेट (लाल किला) के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया। इसके बाद हर स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधान मंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज को लहराते है।

This huge historical artwork made of Indian and Mughal architecture, located in the capital of India, Delhi, was built by Shah Jahan, the fifth Mughal ruler. This magnificent fort is situated on the banks of the Yamuna River in the center of Delhi, surrounded by the Yamuna River on all three sides, which is seen in its amazing beauty and attractiveness. It is included in the list of World Heritage. The construction of this magnificent Red Fort of India lasted from 1639 to 1648 AD. All the buildings built by Mughal emperor Shah Jahan have their own different historical significance. While the Taj Mahal built by him has been named among the seven wonders of the world because of its beauty and attractiveness, the Red Fort of Delhi has gained worldwide fame.

भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय और मुगल वास्तुशैली से बने इस विशाल ऐतिहासिक कलाकृति का निर्माण पांचवे मुगल शासक शाहजहां ने करवाया था। यह शानदार किला दिल्ली के केन्द्र में यमुना नदी के तट पर स्थित है, जो कि तीनों तरफ से यमुना नदीं से घिरा हुआ है, जिसके अद्भुत सौंदर्य और आर्कषण को देखते ही बनता है। विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है। भारत के इस भव्य लाल किले का निर्माण का काम 1639 से 1648 ईसवी तक चला। मुगल बादशाह शाहजहां के द्धारा बनवाई गई सभी इमारतों का अपना-अपना अलग-अलग ऐतिहासिक महत्व है। जबकि उनके द्धारा बनवाया गया ताजमहल को उसके सौंदर्य और आर्कषण की वजह से जिस तरह दुनिया के सात अजूबों में शुमार किया गया है, उसी तरह दिल्ली के लाल किला को विश्व भर में शोहरत मिली है।

Due to the construction of this huge fort, Delhi, the capital of India, was also called Shahjahanabad, along with it is considered to be a creativity example of Shah Jahan's reign. After Mughal emperor Shah Jahan, his son Aurangzeb also built Moti Masjid in this fort. Then in the 17th century, Jahandar Shah captured the Red Fort, then the Red Fort remained without a ruler for almost 30 years. Shortly thereafter, Nadir Shah took possession of the Red Fort and ruled it, and then the Sikhs also ruled this fort for some time.

इस विशाल किले के बनने की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली को शाहजहांनाबाद भी कहा जाता था, साथ ही यह शाहजहां के शासनकाल की रचनात्मकता मिसाल माना जाता है। मुगल सम्राट शाहजहां के बाद उसके बेटे औरंगजेब ने इस किले में मोती-मस्जिद (Moti Masjid) का भी निर्माण करवाया था। फिर 17वीं शताब्दी में जहंदर शाह ने लाल किले पर कब्जा कर लिया, तब करीब 30 साल तक लाल किले बिना शासक का रहा था। इसके कुछ समय बाद नादिर शाह ने लाल किले पर कब्ज़ा कर लिया और अपना शासन चलाया और फिर कुछ समय तक इस किले पर सिखों का भी शासन रहा।

Then came the time which gradually enslaved all the people of India, and it was the time of 18th century. This was the time when the British came to India to trade. When the British came to trade India, they thought of running their rule here. And then gradually the British started ruling India under the name of East India Company. The British ruled India for nearly 200 years.

फिर वो समय आया जिसने भारत के सभी लोग धीरे-धीरे गुलाम बना दिया, और यह समय था 18वीं सदी का। यह वो समय था जब अंग्रेजों भारत व्यापार करने आये थे। जब अंग्रेजों भारत व्यापार करने आये तो उन्होंने यहाँ पर अपना शासन चलाने की सोची। और फिर धीरे-धीरे अंग्रेजों ने ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से भारत पर राज करना शुरू कर दिया। अंग्रेजों ने करीब २०० सालों तक भारत पर राज किया।


There was a time when the British ruled this Red Fort. The British used to meet in the Red Fort itself. The British kept plundering India for years. He took all the precious things of India with him to England. He even took the Kohinoor diamond with him. One of the world's largest cut diamonds, weighing 105.6 carats, and part of the British Crown Jewels. Probably mined in Golconda, India, but there is no record of its original weight, but the earliest well attested weight is 186 carats.

एक समय ऐसा भी आया था जब इस लाल किले पर अंग्रेजों का राज हो गया था। अंग्रेजों की मीटिंग लाल किले में ही हुआ करती थी। सालों तक अंग्रेज भारत को लुटते रहे। वो भारत की सभी कीमती वस्तुएं अपने साथ इग्लैंड ले गए। यहाँ तक की वो अपने साथ कोहिनूर हीरे को भी ले गए। जो दुनिया के सबसे बड़े कट हीरे में से एक है, जिसका वज़न 105.6 कैरेट है, और ब्रिटिश क्राउन ज्वेल्स का हिस्सा है। संभवतः भारत के गोलकोंडा में खनन किया गया है, लेकिन इसके मूल वजन का कोई रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन जल्द से जल्द अच्छी तरह से अटेस्टेड वजन 186 कैरेट है।

After the years of prolonged slavery of the British, on 15 August 1947, when India became free from the slavery of the British, India's first Prime Minister Jawaharlal Nehru waved the Indian national flag above the Lahore Gate (Red Fort). Every Independence Day thereafter, the Prime Minister of India waving the national flag at the Red Fort. After Independence, the Red Fort was used for military training and then it became a major tourist destination, while due to its attractiveness and grandeur it was included in the list of World Heritage in 2007 and today it People from every corner of the world go to Delhi to see the beauty.

अंग्रेजों की सालों तक की लम्बी गुलामी के बाद जब 15 अगस्त 1947 को, भारत अंगेजो की गुलामी से आजाद हुआ तो भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर गेट (लाल किला) के ऊपर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज लहराया। इसके बाद हर स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के प्रधान मंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज को लहराते है। आजादी के बाद लाल किले का इस्तेमाल सैनिक प्रशिक्षण के लिए किया जाने लगा और फिर यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रुप में मशहूर हुआ, वहीं इसके आर्कषण और भव्यता की वजह से इसे 2007 में विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया गया था और आज इसकी खूबसूरती को देखने दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे देखने दिल्ली जाते हैं।

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