vaasana kee saja


कहानी : वासना की सजा

यह कहानी पूरब एक ऐसे योद्धा के बारे में है, जो अपने समय का युद्ध में सबसे अच्छी तलवार चलाने वाला योद्धा माना जाता था। और उसका नाम था। कासिम!
कासिम पूरब में बसे अबहुस्तान के बादशाह का सबसे वफादार गुलाम था। कासिम एक बहुत ही जामिल और निडर गुलाम योद्धा था। जिसके कारण कासिम के नाम से ही बहुत से राज्य कापने लगते थे। जिसके कारण वो सभी राज्य बिना लड़े ही हार मान लेते थे। सभी राज्य को ऐसा लगता था की। ऐसा पूरब में कोई राज्य नहीं बचा था जिसे कासिम ने बरबाद ना किया हो। अब तक तो कासिम को यहीं लग रहा था।

इन सब से दूर उत्तर में एक मुल्तान नाम का एक शहर था। जहाँ पर खुदा ने अपनी कुदरती सुंदरता से एक शहर को जन्नत बना रखा था। इसी वजह से इस शहर को एक पाक शहर भी कहा जाता था। एक रात अबहुस्तान के बादशाह ने मुल्तान शहर को अपने आधीन करने के लिए अपने सबसे वफादार गुलाम कासिम को भेजा। कासिम बादशाह के हुकुम से मुल्तान शहर को अपने आधीन करने निकल पड़ा

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बहादुर नौजवान कासिम ने अपने बादशाह के हुकुम के अनुसार रात के अँधेरे में मुल्तान पर हमला कर दिया। इससे पहले की मुल्तान के लोगों कुछ समझ पाते। कासिम ने पल भर में मुल्तान को जीत लिया और उसके सैनिको ने पुरे शहर को लूट लिया। हमेशा की तरह उसके सैनिको ने यहाँ की राजकुमारी को भी अपने बादशाह के लिए बंधी बना लिया।

अबहुस्तान के बादशाह जो हर जीते हुए शहर की राजकुमारी को अपनी वासना का शिकार बनाता है और फिर वैश्य बनाकर राज्य में बेच देता है। मुल्तान शहर को लूटने के बाद बहादुर गुलाम कासिम अपने घामड़ में चूर होकर वापस अबहुस्तान चल दिया। वापस जाते समय रास्ते में कासिम के सैनिको ने देखा की दिन ढल रहा है और जल्द ही रात होने वाली है। जंग में घायल हुए सैनिक रात में सफर नहीं कर पाएंगे।

इसलिए आज की रात हमें यहीं आराम करना चाहिए और सुबह होते ही आगे बढ़ना चाहिए। लेकिन कासिम को हमेशा की तरह अपने बादशाह से अपनी तरीफ में सुनने वाले अल्फाज उसे उड़ा लिए जा रहे थे। कासिम अपने मन में उन सभी तैयारियों का ख्याल कर रहा था जो उसके लौटने पर होने वाली थी। जैसे उसके लौटने पूरा अबहुस्तान सजाया जायेगा। शहर की सभी सूंदर लड़किया सिर्फ मुझे देखेंगी और मेरे ऊपर सूंदर फूलो की बारिश करेंगी। शहर में जगह जगह सुन्दर बाजे बजेंगे। और जोर सोर से तोपों से सलामी देंगे।

जब मैं दरबार में अपने बादशाह के पास पहुँचूँगा तो वो मेरी बहादुरी की तारीफ करते हुए मुझे गले से लगा लेंगे। फिर मै बड़ी आदर से झुक कर उनके हांथो को चुम लूंगा। ये सब सोचता हुआ कासिम आगे बढ़ता जा रहा था तभी एक सैनिक कासिम के करीब आया और कहा - दिन ढलने वाला है। जल्द ही रात भी हो जाएगी। रात के अँधेरे में सफर करना मुश्किल हो जायेगा। हमारे बहुत से सैनिक घायल है जिसकी वजह से हमारी रफ्तार धीमी पड़ रही है। हमें सुरक्षित जगह ढूंढ़कर सुबह तक आराम कर लेना चाहिए।

कासिम ने अपना घोडा रोका और अपनी सेना में अपने सभी घायल सैनिको की तरफ देखने लगा। फिर उसने अपने उन थके हुए सैनिको को देखा जो अपने हाँथ में तलवार लिए बन्दी बनाई गई राजकुमारी और अन्य सूंदर लड़कियों की पालकियों के चारो तरफ से सुरक्षा कर रहे थे। कासिम पालकियों की तरफ देख ही रहा था की तभी कासिम को एक पालकी में से बाहर झाकती हुई दो सुन्दर आखें दिखाई दी। कासिम को अचानक से अपने हांथो में एक गुदगुदी सी हुई, दिल की धड़कन तेज होती हुई सुनाई दी, उसका शरीर अपने आप ढीला पड़ने लगा।

उन दोनों आँखों में जादू का-सा आकर्षण था, उसके आदिल के गोशे में बैठीं। वह जिधर ताकता था वहीं दोनों उमंग की रोशनी से चमकते हुए तारे नजर आते थे। उसे बर्छी नहीं लगी, कटार नहीं लगी, किसी ने उस पर जादू नहीं किया, मंतर नहीं किया।
नहीं उसे अपने दिल में इस वक्त एक मजेदार बेसुधी, दर्द की एक लज्जत, मीठी-मीठी-सी एक कैफ्रियत और एक सुहानी चुभन से भरी हुई रोने की-सी हालत महसूस हो रही थी। उसका रोने को जी चाहता था, किसी दर्द की पुकार सुनकर शायद वह रो पड़ता, बेताब हो जाता। उसका दर्द का एहसास जाग उठा था जो इश्क की पहली मंजिल है। क्षण-भर बाद उसने हुक्म दिया—आज हमारा यहीं कयाम होगा।

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आधी रात गुजर चुकी थी, लश्कर के आदमी मीटी नींद सो रहे थे। चारों तरफ़ मशालें जलती थीं, और लश्कर के जवान जगह-जगह बैठे जम्हाइयां लेते थे। लेकिन क़ासिम की आंखों में नींद न थी। वह अपने लम्बे-चौड़े पुरलुत्फ़ ख़ेमे में बैठा हुआ सोच रहा था—

क्या इस जवान औरत को एक नजर देख लेना कोई बड़ा गुनाह है? माना कि वह मुलतान के राजा की शहजादी है और मेरे बादशाह अपने हरम को उससे रोशन करना चाहते हैं। लेकिन मेरी आरजू तो सिर्फ इतनी है कि उसे एक निगाह देख लूँ और वह भी इस तरह कि किसी को खबर न हो। और मान लो यह गुनाह भी हो, तो मैं इस वक्त यह गुनाह करूँगा। अभी हजारों बेगुनाहों को इन्हीं हाथों से क़त्ल कर आया हूँ।

क्या खुदा के दरबार में गुनाहों की माफ़ी सिर्फ़ इसलिए हो जाएगी। कि बादशाह के हुक्म से किये हो ? कुछ भी हो, किसी नाज़नीन को एक नजर देख लेना किसी की जान लेने से बड़ा गुनाह नहीं। कम से कम मैं ऐसा नहीं समझता।
क़ासिम दीनदार नौजवान था। वह देर तक इस काम के नैतिक पहलू पर ग़ौर करता रहा। मुलतान को फ़तेह करने वाला हीरो दूसरी बाधाओं को क्यों खयाल में लाता ?

उसने अपने खेमे से बाहर निकलकर देखा। बेगमों के खेमे थोड़ी ही दूर पर गड़े हुए थे। क़ासिम ने जान-बूझकर अपना खेमा उसके पास लगाया था। इन खेमों के चारों तरफ़ कई मशालें जल रही थीं और पांच हब्शी ख्वाजासरा नंगी तलवारें लिये खेमे के बाहर टहल रहे थे।

ये देखकर कासिम वापस अंदर आकर अपने बिस्तर पर लेट गया और सोचने लगा। इन कम्बख्त़ों को क्या नींद न आयेगी? और चारों तरफ़ इतनी मशाले क्यों जला रक्खी हैं? इनका गुल होना जरूरी है। इसलिए मैंने पुकारा—मसरूर! मसरूर! मसरूर!
-हुजुर, फ़रमाइए? क्या हुआ !
-मशालें बुझा दो, मुझे नींद नहीं आती।
-हुजूर, रात अंधेरी है।
-हां। तो।
-जैसी हुजूर की मर्जी।
मसरूर चला गया और एक पल में सब की सब मशालें गुल हो गयीं, अंधेरा छा गया। थोड़ी देर में एक औरत शहजादी के खेमे से निकलकर पूछा-मसरूम ! मसरूम !
शहजादी पूछती हैं, यह मशालें क्यों बुझा दी गयीं?
मशरूम बोला-सिपहदार साहब की मर्जी। तुम लोग होशियार रहना। मुझे उनकी नियत साफ़ नहीं मालूम होती।

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कासिम उत्सुकता से व्यग्र होकर कभी लेटता था। कभी उठ बैठता था, कभी टहलने लगता था। बार-बार दरवाजे पर आकर देखता। लेकिन पांचों ख्व़ाजासरा खेमों के बाहर खडें नजर आते थे। क़ासिम को इस वक्त यही धुन थी कि शाहजादी का दर्शन कैसे हो। अंजाम की फ़िक्र, बदनामी का डर और शाही गुस्से का ख़तरा उस पुरज़ोर ख्वाहिश के नीचे दब गया था।

तभी घड़ियाल ने एक बजाया। क़ासिम यों चौकं पड़ा गोया कोई अनहोनी बात हो गयी। जैसे कचहरी में बैठा हुआ कोई फ़रियाद अपने नाम की पुकार सुनकर चौंक पड़ता है। ओहो, तीन घंटों से सुबह हो जाएगी। खेमे उखड़ जाएगें। लश्कर यहाँ से चल देगा। वक्त तंग है, अब देर करने की और हिचकचाने की गुंजाइश नहीं। कल दिल्ली पहुँच जायेंगे। आरमान दिल में क्यों रह जाये, किसी तरह इन हरामखोर ख्वाजासराओं को चकमा देना चाहिए। उसने बाहर निकल आवाज़ दी- मसरूर ! मसरूर !
–हुजूर, फ़रमाइए।
–होशियार हो न?
-हुजूर पलक तक नहीं झपकी।
-नींद तो आती ही होगी, कैसी ठंड़ी हवा चल रही है।
-जब हुजूर ही ने अभी तक आराम नहीं फ़रमाया तो गुलामों को क्योंकर नींद आती।
-मै तुम्हें कुछ तकलीफ़ देना चाहता हूँ।
-कहिए।
-तुम्हारे साथ पांच आदमी है, उन्हें लेकर जरा एक बार लश्कर का चक्कर लगा के आओ। और देखो, लोग क्या कर रहे हैं। अक्सर सिपाही रात को जुआ खेलते हैं। बाज आस-पास के इलाक़ों में जाकर ख़रमस्ती किया करते हैं। जरा होशियारी से काम करना।
मसरूर- मगर यहां मैदान खाली हो जाएगा।
क़ासिम- मे तुम्हारे आने तक खबरदार रहूँगा।
मसरूर- जो मर्जी हुजूर।
क़ासिम- मैने तुम्हें मोतबर समझकर यह ख़िदमत सुपुर्द की है, इसका मुआवजा इंशाअल्ला तुम्हें सादर से अता होगा।
मसरूम ने दबी ज़बान से कहा-
बन्दा आपकी यह चालें सब समझता है। इंशाअल्ला सरकार से आपको भी इसका इनाम मिलेगा। और फिर जोर बोला-
आपकी बड़ी मेहरबानी है।

एक लम्हें में पॉँचों ख्वाजासरा लश्कर की तरफ़ चले। क़ासिम ने उन्हें जाते देखा। मैदान साफ़ हो गया। अब वह बेधड़क खेमें में जा सकता था। लेकिन अब क़ासिम को मालूम हुआ कि अन्दर जाना इतना आसान नहीं है जितना वह समझा रहा था। गुनाह का पहलू उसकी नजर से ओझल हो गया था। अब सिर्फ ज़ाहिरी मुश्किलों पर निगाह थी।

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क़ासिम दबे पांव शहज़ादी के खेमे के पास आया। हालांकि दबे पांव आने की जरूरत ना थी। उस सन्नाटे में वह दौड़ता हुआ चलता तो भी किसी को खबर ना होती। उसने ख़ेमे से कान लगाकर सुना, किसी की आहट ना मिली। इत्मीनान हो गया। तब उसने कमर से चाकू निकाला और कांपते हुए हाथों से खेमे की दो-तीन रस्सियां काट डालीं। अन्दर जाने का रास्ता निकल आया।

उसने अन्दर की तरफ़ झांका। एक दीपक जल रहा था। दो बांदियां फ़र्श पर लेटी हुई थीं और शहज़ादी एक मख़मली गद्दे पर सो रही थी। क़ासिम की हिम्मत बढ़ी। वह सरककर अन्दर चला गया, और दबे पांव शहजादी के क़रीब जाकर उसके दिल-फ़रेब हुस्न का अमृत पीने लगा। उसे अब वह भय न था जो ख़ेमे में आते वक्त हुआ था। उसने जरूरत पड़ने पर अपनी भागने की राह सोच ली थी।

क़ासिम एक मिनट तक मूरत की तरह खड़ा शहजादी को देखता रहा। काली-काली लटें खुलकर उसके गालों को छिपाये हुए थी। गोया काले-काले अक्षरों में एक चमकता हुआ शायराना खयाल छिपा हुआ था। मिट्टी की इस दुनिया में यह मजा, यह घुलावट, वह दीप्ति कहां? कासिम की आंखें इस दृश्य के नशे में चूर हो गयीं। उसके दिल पर एक उमंग बढाने वाला उन्माद सा छा गया जो नतीजों से नहीं डरता था। उत्कण्ठा ने इच्छा का रूप धारण किया। उत्कण्ठा में अधिरता थी और आवेश, इच्छा में एक उन्माद और पीड़ा का आनन्द। उसके दिल में इस सुन्दरी के पैरों पर सर मलने की, उसके सामने रोने की, उसके क़दमों पर जान दे देने की, प्रेम का निवेदन करने की , अपने गम का बयान करने की एक लहर-सी उठने लगी और वह वासना के भवंर मे पड़ गया।

क़ासिम आधा घंटे तक उस रूप की रानी के पैरो के पास सर झुकाये सोचता रहा कि उसे कैसे जगाऊँ। ज्यों ही वह करवट बदलती वह ड़र के मारे थरथरा काप जाता। वह बहादुरी जिसने मुलतान को जीता था, उसका साथ छोड़े देती थी।
एकाएक कसिम की निगाह एक सुनहरे गुलाबपोश पर पड़ी जो करीब ही एक चौकी पर रखा हुआ था। उसने गुलाबपोश उठा लिया और खड़ा सोचता रहा कि शहज़ादी को जगाऊँ या न जगाऊँ या न जगाउँ? सोने की डली पड़ी हुई देखकर हमें उसके उठाने में आगा-पीछा होता है, वही इस वक्त उसे हो रहा था। आखिरकार उसने कलेजा मजबूत करके शहजादी के कान्तिमान मुखमंण्डल पर गुलाब के कई छींटे दिये। दीपक मोतियों की लड़ी से सज उठा।
शहज़ादी ने चौंकर आंखें खोलीं और क़ासिम को सामने खड़ा देखकर फौरन मुंह पर नक़ाब खींच लिया और धीरे से बोली-मसरूर!.. मसरूर!

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क़ासिम ने कहा-
मसरूर तो यहां नही है, लेकिन मुझे अपना एक अदना जांबाज़ ख़ादिम समझिए। जो हुक्त होगा उसकी तामील में बाल बराबर उज्र न होगा। शहज़ादी ने नक़ाब और खींच लिया और ख़ेमे के एक कोने में जाकर खड़ी हो गयी।
क़ासिम को अपनी वाक्-शक्ति का आज पहली बार अनुभव हुआ। वह बहुत कम बोलने वाला और गम्भीर आदमी था। अपने हृउय के भावों को प्रकट करने में उसे हमेशा झिझक होती थी लेकिन इस वक्त़ शब्द बारिश की बूंदो की तरह उसकी जबान पर आने लगे। गहरे पानी के बहाव में एक दर्द का स्वर पैदा हो जाता है।

क़ासिम बोला-
मैं जानता हूँ कि मेरी यह गुस्ताखी आपकी नाजुक तबियत पर नागवार गुज़री है। शहज़ादी, इसकी जो सजा मुनाशिब समझें उसके लिए यह सर झुका हुआ है। आह, मै ही वह बदनसीब, काले दिल का इंसान हूँ जिसने आपके बुजुर्ग बाप और प्यारे भाईंयों के खून से अपना दामन नापाक किया है। मेरे ही हाथों मुलतान के हजारो जवान मारे गये, एक खूबसूरत राज्य तबाह हो गया।

शाही खानदान पर मुसीबत आयी और आपको यह यह दिन देखना पडा। लेकिन इस वक्त़ आपका यह मुजरिम आपके सामने हाथ बांधे हाज़िर है। आपके एक इशारे पर वह आपके कदमों पर निछावर हो जायेगा और उसकी नापाक जिन्दगी से दुनिया पाक हो जायेगी।

मुझे आज मालूम हुआ कि बहादुरी के परदे में वासना आदमी से कैसे-कैसे पाप करवाती है। यह महज लालच की आग है, राख में छिपी हुईं सिर्फ़ एक कातिल जहर है, खुशनुमा शीशे में बन्द! काश मेरी आंखें पहले खुली होतीं तो एक नामवर शाही ख़ानदान यों खाक में न मिल जाता। पर इस मुहब्बत की शमा ने, जो कल शाम को मेरे सीने में रोशन हुई, इस अंधेरे कोने को रोशनी से भर दिया। यह उन रूहानी जज्ब़ात का फैज है, जो कल मेरे दिल में जाग उठे, जिन्होंने मुझे लाजच की कैद से आज़ाद कर दिया।
इसके बाद क़ासिम ने अपनी बेक़रारी और दर्दे दिल और वियोग की पीड़ा का बहुत ही करूण शदों में वर्णन किया, यहां तक कि उसके शब्दों का भण्डार खत्म हो गया। अपना हाल कह सुनाने की लालसा पूरी हो गयी।

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लेकिन वह वासना बन्दी वहां से हिला नहीं। उसकी आरजुओं ने एक कदम और आगे बढाया। मेरी इस कहानी का हासिल क्या? अगर सिर्फ़ दर्दे दिल ही सुनाना था, तो किसी तसवीर को सुना सकता था। वह तसवीर इससे ज्यादा ध्यान से और ख़ामाशी से मेरे ग़म की दास्तान सुनती। काश, मैं भी इस रूप की रानी की मिठी आवाज सुनता। वह भी मुझसे कुछ अपने दिल का हाल कहती। मुझे मालूम होता कि मेरे इस दर्द के किस्से का उसके दिल पर क्या असर हुआ। काश, मुझे मालूम होता कि जिस आग में मैं फुंका जा रहा हूँ। कुछ उसकी आंच उधर भी पहुँचती है या नहीं।

कौन जाने यह सच हो कि मुहब्बत पहले माशूक के दिल में पैदा होती है। ऐसा न होता तो वह सब्र को तोड़ने वाली निगाह मुझ पर पड़ती ही क्यों? आह, इस हुस्न की देवी की बातों में कितना लुत्फ़ आयेगा। बुलबुल का गाना सुन सकता, उसकी आवाज कितनी दिलकश होगी, कितनी पाकीजा, कितनी नूरानी, अमृत में डूबीं हुई और जो कहीं वह भी मुझसे प्यार करती हो तो फिर मुझसे ज्यादा खुशनसीब दुनिया में और कौन होगा?

इस ख़याल से क़ासिम का दिल उछलने लगा। रगों में एक हरकत-सी महसूस हुई। इसके बावजूद कि बांदियों के जग जाने और मसरूर की वापसी का खतरा लगा हुआ था। आपसी बातचीत की इच्छा ने उसे अधीर कर दिया, और बोला-
हुस्न की मलका, यह जख्म़ी दिल आपकी इनायत की नज़र की मुस्तहक है। कुछ उसके हाल पर रहम न कीजिएगा?

शहज़ादी ने नकाब की ओट से उसकी तरफ़ ताका और बोली–
जो खुद रहम का मुस्तहक हो। वह दूसरों के साथ क्या रहम कर सकता है? क़ैद में तड़पते हुए पंछी से, जिसके ना बोल हैं ना पर, उससे गाने की उम्मीद रखना बेकार है। मैं जानती हूँ कि कल शाम को दिल्ली के ज़ालिम बादशाह के सामने बांदियों की तरह हाथ बांधे खड़ी हूंगी। मेरी इज्जत, मेरे रूतबे और मेरी शान का दारोमदार खानदानी इज्जत पर नहीं बल्कि मेरी सूरत पर होगा। नसीब का हक पूरा हा जायेगा। कौन ऐसा आदमी है जो इस जिन्दगी की आरजू रक्खेगा?

आह, मुल्तान की शहजादी आज एक जालिम, चालबाज, पापी आदमी की वासना का शिकार बनने पर मजबूर है। जाइए। मुझे मेरे हाल पर छोड़ दीजिए। मैं बदनसीब हूँ, ऐसा ना हो कि मेरे साथ आपको भी शाही गुस्से का शिकार बनना पड़े। दिल मे कितनी ही बातें है मगर क्यों कहूँ, क्या हासिल? इस भेद का भेद बना रहना ही अच्छा है। आपमें सच्ची बहादुरी और खुद्दारी है।

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आप दुनिया में अपना नाम पैदा करेंगे, बड़े-बड़े काम करेगें, खुदा आपके इरादों में बरकत दे–यही इस आफत की मारी हुई औरत की दुआ है। मैं सच्चे दिल से कहती हूँ कि मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है। आज मुझे मालूम हुआ कि मुहब्बत बैर से कितनी पाक होती है। वह उस दामन में मुंह छिपाने से भी परहेज नहीं करती। जो उसके अजीजों के खून से सना हुआ हो।

आह, यह कम्बख्त दिल उबला पड़ता है। अपने कान बन्द कर लीजिए, वह अपने आपे में नहीं है, उसकी बातें न सुनिए। सिर्फ़ आपसे यही बिनती है कि इस ग़रीब औरत को भूल ना जाइएगा। मेरे दिल में उस मीठे सपने की याद हमेशा ताजा रहेगी। हरम की क़ैद में यही सपना दिल को तसकीन देता रहेगा। इस सपने को तोड़िए मत। अब खुदा के वास्ते यहां से जाइए, ऐसा न हो कि मसरूर आ जाए, वह एक ज़ालिम है। मुझे अंदेशा है कि उसने आपको धोखा दिया। वह यहीं कहीं छुपा बैठा हो, उससे होथियार रहिएगा। खुदा हाफ़िज!

क़ासिम पर एक बेसुधी की सी हालत छा गयी। जैसे आत्मा का गीत सुनने के बाद किसी योगी की होती है। उसे सपने में भी जो उम्मीद ना हो सकती थी। वह पूरी हो गयी थी। गर्व से उसकी गर्दन की रगें तन गयीं। उसे मालूम हुआ कि दुनिया में मुझसे ज्यादा भाग्यशाली दूसरा नहीं है। मैं चाहूँ तो इस रूप की वाटिका की बहार लूट सकता हूँ। इस प्याले से मस्त हो सकता हूँ। आह वह कितनी नशीली, कितनी मुबारक जिन्दगी होती। अब तक क़ासिम की मुहब्बत ग्वाले का दूध थी, पानी से मिली हुई शहज़ादी के दिल की तड़प ने पानी को जलाकर सच्चाई का रंग पैदा कर दिया। उसके दिल ने कहा-

मैं इस रूप की रानी के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता? कोई ऐसी मुसीबत नहीं है जो झेल ना सकूँ, कोई आग नहीं, जिसमें कूद न सकूं, मुझे किसका डर है। बादशाह का?
मैं बादशाह का गुलाम नहीं, उसके सामने हाथ फैलानेवाला नहीं, उसका मोहताज नहीं। मेरे जौहर की हर एक दरबार में कद्र हो सकती है। मैं आज इस गूलामी की जंजीर को तोड़ डालूँगा और उस देश में जा बसूँगा, जहां बादशाह के फ़रिश्ते भी पर नहीं मार सकते।

हुस्न की नेमत पाकर अब मुझे और किसी चीज़ की इच्छा नहीं। अब अपनी आरजुओं का क्यों गला घोटूं? कामनाओं को क्यों निराशा का ग्रास बनने दूँ? उसने उन्माद की-सी स्थिति में कमर से तलवार निकाली और जोश के साथ बोला–जब तक मेरे बाजूओ में दम है, कोई आपकी तरफ़ आंख उठाकर देख भी नहीं सकता। चाहे वह दिल्ली का बादशाह ही क्यो ने हो! मैं दिल्ली के कूचे और बाजार में खून की नदी बहा दुंगा, सल्तनत की जड़े हिलाउ दुँगा, शाही तख्त को उल्ट-पलट रख दूँगा, और कुछ ना कर सकूंगा तो मर मिटूंगा। पर अपनी आंखो से आपकी याह जिल्लत ना देखूँगा।

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शहज़ादी आहिस्ता-आहिस्ता उसके क़रीब आयी और बोली-
मुझे आप पर पूरा भरोसा है, लेकिन आपको मेरी ख़ातिर से जब्त और सब्र करना होगा। आपके लिए मैं महल की तकलीफ़ें और जुल्म सब सह लूंगी। आपकी मुहब्बत ही मेरी जिन्दगी का सहारा होगी। यह यक़ीन कि आप मुझे अपनी लौंडी समझते हैं, मुझे हमेशा सम्हालता रहेगा। कौन जाने तक़दीर हमें फिर मिलाये।क़ासिम ने अकड़कर कहा-
आप दिल्ली जायें ही क्यों! हम सबुह होते-होते भरतपुर पहुँच सकते हैं। शहजादी–मगर हिन्दोस्तान के बाहर तो नहीं जा सकते। दिल्ली की आंख का कांटा बनकर मुमकिन है हम जंगलों और वीरानों में जिन्दगी के दिन काटें पर चैन नसीब न होगा। असलियत की तरफ से आंखे ना बन्द की जिए, खुदा ने आपको बहादुरी दी है, लेकिन पहाड़ से टकराकर टुट ही जाएगी। कासिम का जोश कुछ धीमा हुआ। भ्रम का परदा नजरों से हट गया।

कल्पना की दुनिया में बढ़-बढ़कर बातें करना आदमी का गुण है। क़ासिम को अपनी बेबसी साफ़ दिखाई पड़ने लगी। बेशक मेरी यह लनतरानियां मज़ाक की चीज़ हैं। दिल्ली के शाह के मुक़ाबिलें में मेरी क्या हस्ती है? उनका एक इशारा मेरी हस्ती को मिटा सकता है। हसरत-भरे लहजे में बोला-

मान लीजिए, हमको जंगलो और बीरानों में ही जिन्दगी के दिन काटने पड़ें तो क्या? मुहब्बत करने वाले अंधेरे कोने में भी चमन की सैर का लुफ़्त उठाते हैं। मुहब्बत में वह फ़क़ीरों और दरवेशों जैसा अलगाव है, जो दुनिया की नेमतों की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखता।
शहज़ादी–मगर मुझसे यह कब मुमकिन है कि अपनी भलाई के लिए आपको इन खतरों में डालूँ? मै शाहे दिल्ली के जुल्मों की कहानियां सुन चुकी हूँ, उन्हें याद करके रोंगेटे खड़े हो जाते हैं। खुदा वह दिन न लाये कि मेरी वजह से आपका बाल भी बांका हो। आपकी लड़ाइयों के चर्चे, आपकी खैरियत की खबरे, उस क़ैद में मुझको तसकीन और ताक़त देंगी। मैं मुसीबते झेलूंगी और हंस–हंसकर आग में जलूँगी और माथे पर बल न आने दूँगी। हॉँ, मै शाहे दिल्ली के दिल को अपना बनाऊँगी, सिर्फ आपकी खातिर से ताकि आपके लिए मौक़ा पड़ने पर दो-चार अच्छी बातें कह सकूँ।

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लेकिन क़ासिम अब भी वहां से ना हिला। उस पर आरजूएं उम्मीद से बढ़कर पूरी होती जाती थीं। फिर हवस भी उसी अन्दाज से बढ़ती जाती थी। उसने सोचा अगर हमारी मुहब्बत की बहार सिर्फ़ कुछ लमहों की मेहमान है, तो फिर उन मुबारकबाद लमहों को आगे की चिन्ता से क्यों बेमज़ा करें।
अगर तक़दीर में इस हुस्न की नेमत को पाना नहीं लिखा है, तो इस मौक़े को हाथ से क्यों जाने दूँ। कौन जाने फिर मुलाकात हो या न हो? यह मुहब्बत रहे या न रहें?
क़ासिम बोला-शहज़ादी, अगर आपका यही आखिरी फ़ैसाल है, तो मेरे लिए सिवाय हसरत और मायूसी के और क्या चारा है? दूख होगा, पर सब्र करूंगा। अब एक दम के लिए यहां आकर मेरे पहलू में बैठ जाइए ताकि इस बेकरार दिल को तस्कीन हो।

आइए, एक लमहे के लिए भूल जाएं कि जुदाई की घड़ी हमारे सर पर खड़ी है। कौन जाने यह दिन कब आयें? शान-शौकत ग़रीबों की याद भूला देती है, आइए एक घड़ी मिलकर बैठें। अपनी जल्फ़ो की अम्बरी खुशबू से इस जलती हुई रूह को रहत पहुँचाइए। यह बांहें, गलो की जंजीरे बने जाएं। अपने बिल्लौर जैसे हाथों से प्रेम के प्याले भर-भरकर पिलाइए। साग़र के ऐसे दौर चलें कि हम छक जाएं! दिलो पर सुरूर को ऐसा गाढ़ा रंग चढ़े जिस पर जुदाई की तुर्शियों का असर न हो। वह रंगीन शराब पिलाइए जो इस झुलसी हुई आरजूओं की खेती को सींच दे और यह रूह की प्यास हमेशा के लिए बुझ जाए।

मए अग़वानी के दौर चलने लगे। शहज़ादी की बिल्लौरी हथेली में सुर्ख शराब का प्याला ऐसा मालूम होता था जैसे पानी की बिल्लौरी सतह पर कमल का फूल खिला हो। क़ासिम दीनो दुनिया से बेख़बर प्याले पर प्याले चढ़ाता जाता था जैसे कोई डाकू लूट के माल पर टूटा हुआ हो। यहां तक कि उसकी आंखे लाल हो गयीं, गर्दन झ़ुक गयी, पी-पीकर मदहोश हो गया। शहजादी की तरफ़ वसाना-भरी आंखो से ताकता हुआ। बाहें खोले बढा कि घड़ियाल ने चार बजाये और कूच के डंके की दिल छेद देने वाली आवाजें कान में आयीं। बाँहें खुली की खुली रह गयीं। लौडियां उठ बैठी, शहजादी उठ खड़ी हुई और बदनसीब क़ासिम दिल की आरजुएं लिये खेमे से बाहर निकला, जैसे तक़दीर के फ़ैलादी पंजे ने उसे ढकेलकर बाहर निकाल दिया हो। जब अपने खेमे में आया तो दिल आरजूओं से भरा हुआ था। कुछ देर के बाद आरजुओं ने हवस का रूप भरा और अब बाहर निकला तो दिल हरसतों से बेहाल था। हवस का मकड़ी-जाल उसकी रूह के लिए लोहे की जंजीरें बना हुआ था।

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शाम का सुहाना वक़्त था। सुबह की ठण्डी-ठण्डी हवा से सागर में धीरे धीरे लहरें उठ रही थीं। बहादुर, क़िस्मत का धनी क़ासिम मुलतान के मोर्चे को सर करके गर्व की मादिरा पिये उसके नशे में चूर चला आता था। दिल्ली की सड़के बन्दनवारों और झंडियों से सजी हुई थीं। गुलाब और केवड़े की खुशब चारों तरफ उड़ रही थी। जगह-जगह नौबतखाने अपना सुहाना राग गया। तोपों ने अगवानी की घनगरज सदांए बुलन्द कीं। ऊपर झरोखों में नगर की सुन्दरियां सितारों की तरह चमकने लगीं।

कासिम पर फूलों की बरखा होने लगी। वह शाही महल के क़रीब पहुँचार तो बड़े-बड़े अमीर-उमरा उसकी अगवानी के लिए क़तार बांधे खड़े थे। इस शान से वह दीवाने खास तक पहुँचा। उसका दिमाग इस वक्त सातवें आसमान पर था। चाव-भरी आंखों से ताकता हुआ बादशाह के पास पहुँचा और शाही तख्त को चूम लिया। बादशाह मुस्काराकर तख़्त से उतरे और बांहें खोले हुए क़ासिम को सीने से लगाने के लिए बढ़े। क़ासिम आदर से उनके पैरों को चूमने के लिए झुका कि यकायक उसके सिर पर एक बिजली-सी गिरी। बादशाह को तेज खंजर उसकी गर्दन पर पड़ा और सर तन से जुदा होकर अलग जा गिरा। खून के फ़ौवारे बादशाह के क़दमो की तरफ़, तख्त की तरफ़ और तख़्त के पीछे खड़े होने वाले मसरूर की तरफ़ लपके, गोया कोई झल्लाया हुआ आग का सांप है।

घायल शरीर एक पल में ठंडा हो गया। मगर दोनों आंखे हसरत की मारी हुई दो मूरतों की तरह देर तक दीवारों की तरफ़ ताकती रहीं। आखिर वह भी बन्द हो गयीं। हवस ने अपना काम पूरा कर दिया। अब सिर्फ़ हसरत बाक़ी थी। जो बरसों तक दीवाने खास के दरोदीवार पर छायी रही और जिसकी झलक अभी तक क़ासिम के मज़ार पर घास-फूस की सूरत में नज़र आती है।

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Time to trip now Cellular jail
(British for capturing the freedom fighters)



chehare ko khoobasoorat banaane ke lie kaun sa phal aur kab khaana chaahie

अपने चेहरे को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने के लिए, अपने आहार में विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और हाइड्रेशन से भरपूर फलों को शामिल करना एक महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है। यहाँ कुछ फल और उन्हें सर्वोत्तम परिणामों के लिए कब खाना चाहिए, इस पर सुझाव दिए गए हैं:



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बेरीज (स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी)

लाभ: एंटीऑक्सीडेंट (जैसे विटामिन सी और फ्लेवोनोइड्स) से भरपूर, जो मुक्त कणों से लड़ते हैं और स्वस्थ, चमकदार त्वचा के लिए कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।
कब खाएं: सुबह या नाश्ते के रूप में खाने के लिए सबसे अच्छा है, जो पूरे दिन त्वचा की मरम्मत में मदद करता है।

पपीता

लाभ: विटामिन ए से भरपूर, पपीता त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्जनन और हाइड्रेशन में मदद करता है। इसमें पपैन नामक एक एंजाइम भी होता है जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से एक्सफोलिएट करने में मदद करता है।
कब खाएं: सुबह या स्मूदी के हिस्से के रूप में सेवन करने के लिए एक बढ़िया फल।

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संतरे

लाभ: विटामिन सी से भरपूर, संतरे कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं और आपकी त्वचा को दृढ़ और युवा बनाए रखने में मदद करते हैं।
कब खाएं: सुबह की ऊर्जा या दोपहर के नाश्ते के लिए बिल्कुल सही। संतरे का जूस पीना या उन्हें पूरा खाना त्वचा की लोच बनाए रखने में मदद कर सकता है।

एवोकाडो

लाभ: स्वस्थ वसा, विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर जो त्वचा को गहराई से पोषण और नमी प्रदान करते हैं।
कब खाएं: सुबह में, स्मूदी में या सलाद के हिस्से के रूप में त्वचा को लंबे समय तक नमी प्रदान करने के लिए बढ़िया।

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अनानास

लाभ: इसमें ब्रोमेलैन होता है, एक एंजाइम जो त्वचा को एक्सफोलिएट करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
कब खाएं: त्वचा की जलन और सूजन से लड़ने के लिए दोपहर में या दोपहर के नाश्ते के रूप में इसका सेवन करना सबसे अच्छा है।

तरबूज

लाभ: पानी की मात्रा अधिक होने के कारण तरबूज त्वचा को नमी प्रदान करता है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जो एक ताजा, स्पष्ट रंग बनाए रखने में मदद करता है।
कब खाएं: गर्मियों के दौरान या सुबह या दोपहर में हाइड्रेटिंग स्नैक के रूप में सेवन करने के लिए आदर्श।

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कीवी

लाभ: विटामिन सी से भरपूर, कीवी त्वचा के पुनर्जनन और एक चमकदार रंगत बनाए रखने में मदद करता है। यह कोलेजन उत्पादन में भी सहायता करता है।
कब खाएं: प्रतिरक्षा बढ़ाने और चमकदार त्वचा के साथ अपने दिन की शुरुआत करने के लिए एक बढ़िया सुबह का फल।

आम

लाभ: विटामिन ए, सी और ई से भरपूर, आम स्वस्थ त्वचा कोशिका टर्नओवर और हाइड्रेशन को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है।
कब खाएं: दोपहर में या स्मूदी के हिस्से के रूप में आनंद लेने के लिए एक बढ़िया फल।

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सेब

लाभ: फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, सेब शरीर को डिटॉक्सीफाई करने और सूजन और मुंहासों को कम करके स्वस्थ त्वचा बनाए रखने में मदद करता है।
कब खाएं: पूरे दिन ऊर्जा और त्वचा के लिए एक बेहतरीन नाश्ता स्पष्टता।

अनार

लाभ: एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर, अनार त्वचा के पुनर्जनन में सहायता करता है और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करता है।
कब खाएं: सुबह के फल के रूप में या शक्तिशाली त्वचा-ताज़गी बढ़ाने के लिए स्मूदी में मिलाकर खाने से सबसे अच्छा है।


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हाइड्रेशन टिप:


नारियल का पानी पीना या खट्टे फल (जैसे संतरे, नींबू और अंगूर) नियमित रूप से खाने से त्वचा की नमी बनाए रखने में मदद मिलती है, जो एक चमकदार चेहरे के लिए आवश्यक है।

त्वचा के स्वास्थ्य के लिए सामान्य टिप्स:

त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए फल खाने के साथ-साथ खूब पानी पिएं।
सुबह और दोपहर में फल खाने से आपको पूरे दिन विटामिन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होती है, जिससे त्वचा का स्वास्थ्य निरंतर बना रहता है।
फलों, सब्जियों और स्वस्थ वसा से संतुलित आहार लेने से समग्र सौंदर्य में सुधार होता है भीतर!
प्रत्येक फल एक अनूठी भूमिका निभाता है, इसलिए अपने आहार में विविधता शामिल करने से आपको सर्वोत्तम परिणाम मिलेंगे।

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CAN'T ENOUGH SLEEP.?



Which fruit to eat and when to make the face beautiful

To keep your face looking radiant and healthy, incorporating fruits rich in vitamins, antioxidants, and hydration into your diet can make a significant difference. Here are some fruits and tips on when to eat them for the best results:


Berries (Strawberries, Blueberries, Raspberries)

Benefits: High in antioxidants (like vitamin C and flavonoids) that fight free radicals and promote collagen production for healthy, glowing skin.
When to Eat: Best to eat in the morning or as a snack to help with skin repair throughout the day.


Papaya

Benefits: Packed with vitamin A, papaya helps with skin cell regeneration and hydration. It also contains an enzyme called papain that helps exfoliate the skin naturally.
When to Eat: A great fruit to consume in the morning or as part of a smoothie.



Oranges

Benefits: Rich in vitamin C, oranges boost collagen production and help keep your skin firm and youthful.
When to Eat: Perfect for a morning boost or an afternoon snack. Drinking orange juice or eating them whole can help maintain skin elasticity.


Avocados

Benefits: Full of healthy fats, vitamin E, and antioxidants that deeply nourish and moisturize the skin.
When to Eat: Great in the morning, in a smoothie, or as part of a salad for long-lasting skin hydration.

Pineapple

Benefits: Contains bromelain, an enzyme that can help with skin exfoliation and reduce inflammation.
When to Eat: Best consumed in the afternoon or as a mid-day snack to fight skin irritation and puffiness.

Watermelon

Benefits: High in water content, watermelon hydrates the skin and flushes out toxins, which helps maintain a fresh, clear complexion.
When to Eat: Ideal for consuming during the summer or as a hydrating snack in the morning or afternoon.

Kiwi

Benefits: Packed with vitamin C, kiwi helps in skin regeneration and maintaining a glowing complexion. It also supports collagen production.
When to Eat: A great morning fruit to start your day with an immunity boost and glowing skin.

Mango

Benefits: Rich in vitamins A, C, and E, mango promotes healthy skin cell turnover and hydration, leaving skin soft and glowing.
When to Eat: A wonderful fruit to enjoy in the afternoon or as part of a smoothie.

Apple

Benefits: Full of fiber and antioxidants, apples help detoxify the body and maintain healthy skin by reducing puffiness and acne.
When to Eat: A perfect snack throughout the day for consistent energy and skin clarity.

Pomegranate

Benefits: High in antioxidants and vitamin C, pomegranate supports skin regeneration and reduces signs of aging.
When to Eat: Best as a morning fruit or added to a smoothie for a powerful skin-refreshing boost.

Hydration Tip:


Drinking coconut water or eating citrus fruits (like oranges, lemons, and grapefruits) regularly helps maintain skin hydration, essential for a glowing face.

General Tips for Skin Health:

Drink plenty of water alongside eating fruits to keep the skin hydrated.
Eating fruits in the morning and afternoon ensures you get a steady supply of vitamins throughout the day, promoting continuous skin health.
Consuming a balanced diet of fruits, vegetables, and healthy fats supports overall beauty from within!
Each fruit plays a unique role, so including a variety in your diet will give you the best results.


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munhaase hone par kya na karen

जब आपको मुंहासे होते हैं, तो कुछ ऐसी आदतों से बचना ज़रूरी है जो आपकी त्वचा को और खराब कर सकती हैं या उपचार प्रक्रिया में बाधा डाल सकती हैं। जब आप मुंहासे से जूझ रहे हों, तो ये कुछ मुख्य बातें हैं जो आपको नहीं करनी चाहिए:

मुंहासे फोड़ें या न फोड़ें

क्यों: मुंहासे फोड़ने से बैक्टीरिया त्वचा में और गहराई तक जा सकते हैं, जिससे सूजन, निशान और अधिक मुहांसे होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे संक्रमण आस-पास के क्षेत्रों में भी फैल सकता है।
सुझाव: अगर आपको ऐसा लगे, तो उस क्षेत्र को आराम देने के लिए ठंडे सेक का इस्तेमाल करें।

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अपना चेहरा ज़्यादा न धोएँ

क्यों: अपना चेहरा बहुत ज़्यादा या कठोर क्लींजर से धोने से आपकी त्वचा से प्राकृतिक तेल निकल सकता है, जिससे रूखापन और जलन हो सकती है। जब आपकी त्वचा शुष्क हो जाती है, तो यह अधिक तेल का उत्पादन कर सकती है, जिससे संभावित रूप से मुँहासे बदतर हो सकते हैं।
टिप: अपने चेहरे को दिन में दो बार सौम्य, नॉन-कॉमेडोजेनिक क्लींजर से धोएँ।

कठोर स्क्रब का उपयोग न करें

क्यों: अपनी त्वचा को आक्रामक तरीके से रगड़ने से उसमें जलन हो सकती है, जिससे सूजन बढ़ सकती है और संभावित रूप से मुंहासे और भी बदतर हो सकते हैं। बहुत बार एक्सफोलिएट करने से त्वचा की बाधा भी क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे यह बैक्टीरिया के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
सुझाव: सप्ताह में एक या दो बार से ज़्यादा हल्के एक्सफोलिएंट का उपयोग न करें और सैलिसिलिक एसिड जैसे सौम्य तत्वों वाला एक्सफोलिएंट चुनें।

कॉमेडोजेनिक (छिद्रों को बंद करने वाले) उत्पादों का उपयोग न करें

क्यों: कुछ स्किनकेयर और मेकअप उत्पादों में ऐसे तत्व होते हैं जो आपके छिद्रों को बंद कर सकते हैं और मुंहासे पैदा कर सकते हैं। इसमें ऐसे उत्पाद शामिल हैं जो चिकने या भारी हैं।
सुझाव: "गैर-कॉमेडोजेनिक" लेबल वाले उत्पादों की तलाश करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आपके छिद्रों को बंद नहीं करेंगे।

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अपना चेहरा न छुएँ

क्यों: आपके हाथों में बैक्टीरिया, तेल और गंदगी होती है, जो आपके चेहरे पर स्थानांतरित हो सकती है और छिद्रों को बंद कर सकती है, जिससे अधिक मुँहासे हो सकते हैं।
सुझाव: अपने हाथों पर अपनी ठोड़ी को टिकाने या अपने चेहरे को बार-बार छूने के बारे में सावधान रहें।

सनस्क्रीन लगाना न छोड़ें

क्यों: जबकि रेटिनोइड्स जैसी कुछ मुँहासे की दवाएँ आपकी त्वचा को सूरज के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती हैं, सनस्क्रीन न लगाने से मुँहासे के निशान खराब हो सकते हैं, जिससे वे गहरे और अधिक दिखाई देने लगते हैं।
सुझाव: SPF 30 या उससे अधिक वाला गैर-कॉमेडोजेनिक सनस्क्रीन चुनें, और इसे रोजाना लगाएं।

मुँहासों के लिए कठोर उपचार का उपयोग न करें

क्यों: बेंज़ोयल पेरोक्साइड या सैलिसिलिक एसिड जैसे मजबूत मुँहासे उपचारों का अत्यधिक उपयोग आपकी त्वचा को परेशान कर सकता है और मुँहासे को बदतर बना सकता है। उन्हें बहुत बार या उच्च सांद्रता में लगाने से सूखापन, लालिमा और छीलने की समस्या हो सकती है।
सुझाव: कम सांद्रता से शुरू करें और त्वचा की जलन से बचने के लिए उत्पाद का उपयोग केवल निर्देशानुसार करें।

मेकअप लगाकर न सोएँ

क्यों: मेकअप लगाकर सोने से आपके रोम छिद्र बंद हो सकते हैं और मुहांसे हो सकते हैं। मेकअप आपकी त्वचा पर गंदगी और तेल को फंसा सकता है, जिससे पिंपल्स और ब्लैकहेड्स हो सकते हैं।
सुझाव: सोने से पहले हमेशा सौम्य मेकअप रिमूवर या क्लींजिंग वाइप से मेकअप हटाएँ।

तनाव न लें

क्यों: तनाव हार्मोनल परिवर्तनों को ट्रिगर कर सकता है जिससे मुंहासे निकल आते हैं। हालाँकि यह मुंहासों का एकमात्र कारण नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से इसे और खराब कर सकता है।
सुझाव: अपने तनाव के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद के लिए ध्यान, व्यायाम या गहरी साँस लेने जैसी तनाव प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास करें।

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मॉइस्चराइज़ करना न छोड़ें

क्यों: मुंहासे वाले कई लोग मॉइस्चराइज़ करने से बचते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे उनकी त्वचा तैलीय हो जाएगी। हालांकि, मॉइस्चराइज़र न लगाने से त्वचा रूखी और चिड़चिड़ी हो सकती है, जिससे मुंहासे और भी बदतर हो सकते हैं और आपकी त्वचा और भी ज़्यादा तेल का उत्पादन कर सकती है।
टिप: अपने रोमछिद्रों को बंद किए बिना अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए हल्के, तेल रहित मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें।

अपने आहार को नज़रअंदाज़ न करें

क्यों: हालांकि मुंहासे सीधे तौर पर आहार के कारण नहीं होते हैं, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि उच्च चीनी या उच्च ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ मुंहासे को और खराब कर सकते हैं। डेयरी उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ भी कुछ लोगों के लिए ट्रिगर हो सकते हैं।
सुझाव: साबुत अनाज, फल, सब्ज़ियाँ और स्वस्थ वसा वाले संतुलित आहार पर ध्यान दें और ऐसे खाद्य पदार्थों को सीमित करें जो मुंहासे को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं।

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तुरंत परिणाम की अपेक्षा न करें

क्यों: मुंहासे के उपचार के परिणाम दिखने में सप्ताह लग सकते हैं। अपनी त्वचा की देखभाल की दिनचर्या पर टिके रहना और धैर्य रखना महत्वपूर्ण है।
सुझाव: उत्पादों को बार-बार बदलने या तुरंत बदलाव की अपेक्षा करने से बचें। निरंतरता महत्वपूर्ण है।

एक साथ बहुत सारे उत्पादों का उपयोग न करें

क्यों: बहुत सारे मुहांसे उपचार या सक्रिय अवयवों का उपयोग आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकता है, जिससे जलन, सूखापन या और भी अधिक मुहांसे हो सकते हैं।
सुझाव: कुछ प्रमुख उत्पादों के साथ एक सरल, कोमल त्वचा देखभाल दिनचर्या का पालन करें जो मुंहासों को लक्षित करते हैं और आपकी त्वचा को हाइड्रेट करते हैं।

इन सामान्य गलतियों से बचकर, आप अपनी त्वचा को ठीक होने और मुंहासों की घटना को कम करने का सबसे अच्छा मौका देंगे। यदि आपके मुंहासे बने रहते हैं या गंभीर हैं, तो व्यक्तिगत सलाह और उपचार विकल्पों के लिए त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा एक अच्छा विचार है।


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What not to do when you have acne


When you have acne, it’s important to avoid certain habits that can make your skin worse or interfere with the healing process. Here are key things not to do when you’re dealing with acne:

Don’t Pick or Pop Pimples

Why: Popping pimples can push bacteria deeper into the skin, leading to more inflammation, scarring, and the potential for more breakouts. It can also spread the infection to surrounding areas.
Tip: If you feel tempted, try using a cold compress to soothe the area instead.

Don’t Over-Wash Your Face

Why: Washing your face too much or with harsh cleansers can strip your skin of its natural oils, leading to dryness and irritation. When your skin becomes dry, it may overproduce oil, potentially making acne worse.
Tip: Wash your face twice a day with a gentle, non-comedogenic cleanser.

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Don’t Use Harsh Scrubs

Why: Scrubbing your skin aggressively can irritate it, causing more inflammation and potentially making acne worse. Exfoliating too often can also damage the skin’s barrier, making it more vulnerable to bacteria.
Tip: Use a mild exfoliant no more than once or twice a week, and choose one with gentle ingredients like salicylic acid.

Don’t Use Comedogenic (Pore-Clogging) Products

Why: Some skincare and makeup products contain ingredients that can clog your pores and contribute to acne. This includes products that are greasy or heavy.
Tip: Look for products labeled as “non-comedogenic” to ensure they won't clog your pores.

Don’t Touch Your Face

Why: Your hands carry bacteria, oils, and dirt, which can transfer to your face and clog pores, leading to more acne.
Tip: Be mindful of not resting your chin on your hands or touching your face frequently.

Don’t Skip Sunscreen

Why: While some acne medications, like retinoids, can make your skin more sensitive to the sun, not wearing sunscreen can worsen acne scars, making them darker and more visible.
Tip: Choose a non-comedogenic sunscreen with SPF 30 or higher, and apply it daily.

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Don’t Use Harsh Acne Treatments

Why: Overuse of strong acne treatments like benzoyl peroxide or salicylic acid can irritate your skin and make acne worse. Applying them too frequently or in high concentrations can cause dryness, redness, and peeling.
Tip: Start with a low concentration and use the product only as directed to avoid skin irritation.

Don’t Sleep in Your Makeup

Why: Sleeping with makeup on can clog your pores and lead to breakouts. Makeup can trap dirt and oil on your skin, causing pimples and blackheads.
Tip: Always remove makeup before bed with a gentle makeup remover or cleansing wipe.

Don’t Stress Out

Why: Stress can trigger hormonal changes that lead to acne flare-ups. While it’s not the sole cause of acne, it can definitely worsen it.
Tip: Practice stress management techniques, such as meditation, exercise, or deep breathing, to help keep your stress levels in check.

Don’t Skip Moisturizing

Why: Many people with acne avoid moisturizing because they think it will make their skin oilier. However, not moisturizing can lead to dry, irritated skin, which can actually worsen acne and cause your skin to produce even more oil.
Tip: Use a lightweight, oil-free moisturizer to keep your skin hydrated without clogging your pores.

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Don’t Ignore Your Diet

Why: While acne isn’t directly caused by diet, certain foods like high-sugar or high-glycemic foods may worsen acne. Dairy products and processed foods can also be triggers for some people.
Tip: Focus on a balanced diet with whole grains, fruits, vegetables, and healthy fats, and limit foods that are known to trigger acne.

Don’t Expect Instant Results

Why: Acne treatments can take weeks to show results. It’s important to stick to your skincare routine and be patient.
Tip: Avoid switching products too often or expecting immediate change. Consistency is key.

Don’t Use Too Many Products at Once

Why: Layering too many acne treatments or active ingredients can overwhelm your skin, leading to irritation, dryness, or even more breakouts.
Tip: Stick to a simple, gentle skincare routine with a few key products that target acne and hydrate your skin.

By avoiding these common mistakes, you’ll give your skin the best chance to heal and reduce the occurrence of acne. If your acne persists or is severe, it’s always a good idea to consult with a dermatologist for personalized advice and treatment options.


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