हिम मानव एक बर्फीले इलाके में रहने वाला विशाल खतरनाक जानवर है। जो सदियों से बर्फीले इलाके में रहते आ रहे है। आज इन्हें देखा पाना बहुत ही मुश्किल है क्योकि आज इनकी जनसंख्या बहुत कम रहा गई है। लेकिन शायद कभी ये एक बहुत बड़ी जनसंख्या में रहे होंगे। हिम मानव को दुनिया में बहुत सी अलग - अगल जगहों पर देखा गया है और इसे बहुत से अलग - अगल नाम दिए गए है। इस हिम मानव को अमेरिका में बिग फुट, ऑस्ट्रेलिया में यूवेई, इंडोनेशिया में साचारण भिगी, ब्राजील में मंपिंग गुड़ी, भारत और नेपाल में येति कहा जाता है। नेपाल में येति को राक्षस भी कहा जाता है।
Yeti is a large dangerous animal living in an icy area. that Have been living in icy areas for centuries. Today it is very difficult to see them because today their population is very less. But perhaps they may have lived in a much larger population. The Yeti has been seen in many different places in the world and has been given many different names. This Yeti is called Big Foot in the US, Yuwei in Australia, Saachran Bhigi in Indonesia, Mumping Gudi in Brazil, Yeti in India and Nepal. Yeti is also called a demon in Nepal.
हिम मानव ऐसा विशालकाय जीव जिसका शरीर बंदर जैसा होता है। लेकिन वह मानव की तरह दो पैरों पर चलता है। कहा जाता है वह सिर्फ बर्फीले इलाके में रहता है। यह सोचने वाली बात है आखिर वह बर्फ में जिंदा कैसे रहता है। ऐसा दावा किया गया है कि यति हिमायल के इलाकों में पाए जाने वाले जानवरों को मार कर खाता है। यह अधिकतर रात में शिकार करता है और दिन में सोता रहता है। यह रहस्यमय जीव 7 से 9 फुट लंबा दिखता है। इसका वजन करीब 200 किलो होने का अनुमान लगाया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है। इसकी आंखें लाल अंगारे जैसी हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह जीव बर्फीले पहाड़ों की छिपी हुई गुफाओं में निवास करता है।
Yeti is a giant creature whose body is like a monkey. But he walks on two legs like a human. He is said to live only in an icy area. It is a matter of thinking how he stays alive in the snow. It has been claimed that Yeti kills animals found in the Himalayan areas. It hunts mostly at night and sleeps during the day. This mysterious creature looks 7 to 9 feet tall. Its weight is estimated to be around 200 kg. Its biggest feature is that it moves on two legs like humans. Its eyes are like red embers. It is said that this creature lives in hidden caves of snowy mountains.
हिम मानव लेकर सदियों से तमाम तरह की किस्से कहानियां सुनने को मिलती रही हैं। हिम मानव कई फिल्में बन चुकी हैं हिम मानव कई किताबें लिखी जा चुकी हैं कई बार बर्फीले इलाके में इसकी खोज भी की जा चुकी है। भारत, नेपाल और तिब्बत के बर्फीले क्षेत्रों में इस रहस्यमयी हिम मानव की मौजूदगी को लेकर यदाकदा चर्चा होती रहती है। येति नाम से प्रसिद्ध इस हिम मानव को सैकड़ों लोगों द्वारा देखे जाने का दावा किया जाता रहा है। इस हिम मानव के बारे में जानने की लगातार कोशिश होती रही है। लेकिन अब इस पर से पर्दा उठता नजर आ रहा है। इसके देखे जाने का दावा सिर्फ एशिया नहीं है बल्कि दुनिया भर में सैकड़ों वर्षों किया जाता रहा है।
All kinds of stories have been heard for centuries with Yeti. Many movies have been made by Yeti, many books have been written and many times it has been discovered in the snowy area. There is occasional discussion about the presence of this mysterious Yeti in the snowy regions of India, Nepal and Tibet. This Yeti known as Yeti has been claimed to be seen by hundreds of people. There has been a continuous effort to know about this Yeti. But now the curtain seems to be rising from this. Its claim to be seen is not just Asia but has been done hundreds of years across the world.
पहली बार 1832 में देखे जाने का दावा
सबसे पहले हिम मानव के बारे जानकारी तब मिली जब 1832 में बंगाल की एशियाटिक सोसायटी के जर्नल में एक पर्वतारोही बीएच होजशन ने यति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा की जब वह हिमालय में ट्रेकिंग कर रहे थे तब उनके गाइड ने एक विशालकाय प्राणी को देखा। जो इंसानों की तरह दो पैरों पर चल रहा था। जिसके शरीर पर घने लंबे बाल थे। लेकिन होजशन खुद उस प्राणी को नहीं देखा था। लेकिन उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए उस जीव को यति नाम दिया। इस तरह की कई सबूत सामने आए हैं।
Claimed to be first seen in 1832
The first information about the Yeti was found when BH Hoshan, a mountaineer in the Journal of the Asiatic Society of Bengal, gave information about the Yeti in 1832. He wrote that while he was trekking in the Himalayas, his guide saw a giant creature. Who was walking on two legs like humans. Who had thick long hair on his body. But Hodashan himself did not see that creature. But he named the creature as Yeti, referring to this incident. Many such evidences have been revealed.
हिम मानव ऐसा विशालकाय जीव जिसका शरीर बंदर जैसा होता है। लेकिन वह मानव की तरह दो पैरों पर चलता है। कहा जाता है वह सिर्फ बर्फीले इलाके में रहता है। यह सोचने वाली बात है आखिर वह बर्फ में जिंदा कैसे रहता है। ऐसा दावा किया गया है कि यति हिमायल के इलाकों में पाए जाने वाले जानवरों को मार कर खाता है। यह अधिकतर रात में शिकार करता है और दिन में सोता रहता है। यह रहस्यमय जीव 7 से 9 फुट लंबा दिखता है। इसका वजन करीब 200 किलो होने का अनुमान लगाया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये इंसानों की तरह दो पैरों पर चलता है। इसकी आंखें लाल अंगारे जैसी हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह जीव बर्फीले पहाड़ों की छिपी हुई गुफाओं में निवास करता है।
Yeti is a giant creature whose body is like a monkey. But he walks on two legs like a human. He is said to live only in an icy area. It is a matter of thinking how he stays alive in the Yeti. It has been claimed that Yeti kills animals found in the Himalayan areas. It hunts mostly at night and sleeps during the day. This mysterious creature looks 7 to 9 feet tall. Its weight is estimated to be around 200 kg. Its biggest feature is that it moves on two legs like humans. Its eyes are like red embers. It is said that this creature lives in hidden caves of Yeti mountains.
सन् 1925 में पेशेवर फोटोग्राफर तथा रायल जिओग्राफिकल सोसायटी के सदस्य एम.ए. टोमबाजी ने लिखा कि उन्होंने जेमू ग्लेशियर (कंगचनजंघा पर्वत माला) के पास 15,000 फुट की ऊँचाई पर बालों से ढ़का एक विशालकाय प्राणी देखा है। टोमबाजी ने स्पष्ट रूप लिखा है कि उन्होंने उसे लगभग 200 मीटर दूरी से देखा। वे एक मिनट तक उसे निहारते रहे। उसकी शारीरिक बनावट पूरी तरह से इंसानी थी, लेकिन शरीर पर बहुत अधिक मात्रा में बाल थे। उसके तन पर कपड़े जैसी कोई चीज नहीं थी।
In 1925, a professional photographer and a member of the Royal Geographical Society, MA. Tombaji wrote that he has seen a giant creature covered with hair at a height of 15,000 feet near the Gemu Glacier (Kangchenjunga mountain range). Tombaji clearly states that he saw her from a distance of about 200 meters. They stared at him for a minute. His body was completely human, but there was a lot of hair on his body. There was no such thing as clothes on his body.
19 मार्च 1954 को अंग्रेजी अखबार ‘डेली मेल’ में एक लेख प्रकाशित हुआ, जिसमें इस मसले पर वैज्ञानिक नजरिए से प्रकाश डाला गया था। असल में वहाँ के प्रोफेसर फ्रेडरिक वुड जोन्स ने यति के बालों के माइक्रोफोटोग्राफ का परीक्षण किया था। उनकी तुलना भालू और दूसरे पहाड़ी जानवरों के बालों से की गई, लेकिन इस निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा जा सका कि आखिर ये बाल किसके हैं।
On 19 March 1954, an article was published in the English newspaper 'Daily Mail', which highlighted the issue from a scientific perspective. Actually, Professor Frederick Wood Jones tested a microphotograph of Yeti's hair. They were compared to the hair of bears and other mountain animals, but the conclusion could not be reached as to who those hairs belonged to.
इसी तरह येति या हिममानव और मानव की मुलाकातों के कई किस्से हिमालय पर्वतों के अनुभवी बूढ़े सुनाया करते हैं। भूटान में कुछ बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके लिए हिममानव कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उनके मुताबित, उनके जमाने में हिममानव दिखना सामान्य बात थी। 77 साल के सोनम दोरजी का कहना है कि हिममानव का इतिहास सदियों पुराना है और वे आज भी मौजूद हैं।
In the same way, many stories of Yethi or Yeti and human interaction are experienced by old people of Himalayan mountains. There are some elders in Bhutan for whom the Yeti is no surprise. According to him, it was normal to see Yeti in his time. 77-year-old Sonam Dorji says that the history of the Yeti is centuries old and they still exist today.
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